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7 Best Techniques to Avoid Fatigue

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1.थकान से बचने की 7 बेहतरीन तकनीक (7 Best Techniques to Avoid Fatigue),थकान से कैसे बचें? (How to Avoid Fatigue?):

  • थकान से बचने की 7 बेहतरीन तकनीक (7 Best Techniques to Avoid Fatigue) के आधार पर आप जान सकेंगे कि थकान क्यों होती है और उससे बचने की क्या तकनीक है?
  • थकान अध्ययन करने वाले अध्यापक,विद्यार्थी,जाॅब करने वाले अभ्यर्थी,गृहिणी तथा मजदूर आदि सभी अनुभव करते हैं।आइए जानते हैं कि थकान के कारण और उससे बचने के उपाय क्या हैं?
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2.आप क्यों थकते हैं? (Why do you get tired?):

  • आपका हृदय हर रोज आपके शरीर में इतना खून पम्प करता है कि इससे एक रेलवे टैंक भर जाये।हर चौबीस घण्टे में यह इतनी शक्ति का प्रयोग करता है कि इससे तीन फुट के प्लेटफॉर्म पर बीस टन कोयला जमा हो जाये।यह इतना विश्वसनीय कार्य पचास,सत्तर या शायद नब्बे वर्ष तक करता है।यह इतना काम कैसे कर पाता है? हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के डाॅक्टर वाल्टर बी. कैनन इसका कारण बताते हैं।वे कहते हैं:”ज्यादातर लोगों को लगता है कि हृदय लगातार काम करता रहता है।सच तो यह है कि हर संकुचन के बाद हृदय कुछ समय के लिए आराम करता है।सत्तर बार प्रति मिनट की औसत गति से धड़कते समय हमारा हृदय कुछ समय के लिए आराम करता है।
  • मनोविश्लेषकों का दावा है कि हमारी अधिकांश थकान हमारे मानसिक और भावनात्मक नजरियों के कारण उत्पन्न होती है।”हमारी ज्यादातर थकान का उद्गम हमारे मस्तिष्क में होता है;दरअसल विशुद्ध शारीरिक कारणों से उत्पन्न थकान दुर्लभ होती है।
  • बैठकर काम करने वाले विद्यार्थियों या जाॅब करने वाले स्वस्थ लोगों की थकान मनोवैज्ञानिक तत्वों यानी भावनात्मक तत्वों की वजह से होती है।थकाने वाले तत्व कौनसे हैं? खुशी? सन्तुष्टि? नहीं! कभी नहीं! बोरियत,नफरत,सराहना का अभाव,निरर्थकता का एहसास,जल्दबाजी,तनाव,चिन्ता,काम में अरुचि आदि भावनात्मक तत्व हैं जो दिमागी काम करने वाले को थकाते हैं।ये तत्व हमारी प्रतिरोधक क्षमता को कम करते हैं,काम करने की क्षमता को कम करते हैं और सिरदर्द से पीड़ित कर देते हैं।कड़ी मेहनत से शायद ही ऐसी थकान उत्पन्न होती हो,जिसका इलाज आराम या अच्छी नींद न कर पाती हो।उपर्युक्त कारणों में चिन्ता,तनाव और भावनात्मक उथल-पुथल थकान के तीन सबसे बड़े कारण हैं।अक्सर यही दोषी होते हैं,जबकि शारीरिक या मानसिक श्रम को दोषी समझा जाता है।

3.थकान से बचने के उपाय (Ways to avoid fatigue):

  • शारीरिक और मानसिक थकान पूर्ण निद्रा (नींद) छः-सात घण्टे से दूर हो जाती है।यहाँ चिन्ता,तनाव तथा भावनात्मक उथल-पुथल के कारण हमेशा थकान महसूस करते हैं उसको दूर करने के उपाय बताए जा रहे हैं।
  • अपने अध्ययन कार्य अथवा जाॅब को पूर्ण दिलचस्पी तथा एकाग्र चित्त के साथ करें।यदि फिर भी थकान महसूस करते हैं तो आँखे बन्द करके शरीर को बिलकुल ढीला छोड़ दें,रिलेक्सेशन करें तथा प्राणायाम करें।
  • तनाव एक आदत है।विश्राम करना एक आदत है।और बुरी आदतें छोड़ी जा सकती है तथा अच्छी आदतें डाली जा सकती हैं।
    आप लगभग हमेशा विश्राम कर सकते हैं,चाहे आप कहीं भी हों।सिर्फ विश्राम करने की कोशिश ना करें।विश्राम की अवस्था समस्त तनाव और प्रयास का अभाव है।आराम और विश्राम के बारे में सोचें।अपनी आंखें और चेहरे के मांसपेशियों के शिथिल होने के बारे में सोचने से शुरू करें,बार-बार कहें “ढीला छोड़ो… ढीला छोड़ो और विश्राम करो।” अपने चेहरे की मांसपेशियों से अपने शरीर के केंद्र तक ऊर्जा को प्रवाहित होते हुए महसूस कीजिए।अपने आपको किसी बच्चे की तरह तनावरहित महसूस कीजिए।
  • अक्सर आराम करें।अपने शरीर को पुराने मोजे की तरह बिल्कुल ढीला छोड़ दें।अपने काम करने वाली डेस्क पर एक पुराना मोजा रखें ताकि आपको याद रहे कि अपने आपको कितना ढीला छोड़ना है।अगर आपके पास मोजा नहीं है,तो एक बिल्ली से काम चल जाएगा।क्या आपने कभी किसी बिल्ली को सूरज की रोशनी में सोते देखा है? अगर हां,तो आपने देखा होगा कि उसके दोनों कान उतने ही ढीले होकर लटक रहे होंगे जैसे कोई गीला अखबार।भारत के योगी भी कहते हैं कि अगर आप विश्राम की कला में निपुण होना चाहते हैं तो बिल्ली का अध्ययन करें।बिल्ली को कभी थकते नहीं देखा ,किसी बिल्ली को नर्वस ब्रेकडाउन का शिकार होते नहीं देखा,किसी बिल्ली को अनिद्रा,चिंता या पेट के अल्सर से पीड़ित नहीं देखा।आप शायद इन सभी विपत्तियों से बच सकते हैं बशर्ते आप उस तरह से विश्राम करना सीख जायें,जिस तरह बिल्ली करती है।
  • जहां तक संभव हो,आरामदेह स्थिति में काम करें।याद रखें कि शरीर पर तनाव डालने से आपके कंधों में दर्द महसूस होने लगेगा और आप नर्वस थकान के शिकार हो जाएंगे।
  • हर दिन 5 या 6 बार अपनी जांच करें और खुद से पूछें,”यह काम जितना मुश्किल है,क्या मैं इसे उससे ज्यादा मुश्किल बना रहा हूं? क्या मैं अपनी उन मांसपेशियों को तनाव में रख रहा हूं जिनका उपयोग मैं इस काम को करने में नहीं कर रहा हूं? इससे आपको विश्राम की आदत डालने में मदद मिलेगी और जो लोग मनोविज्ञान को बहुत अच्छी तरह जानते हैं,वे जानते हैं कि आदतें एक के मुकाबले दो पाॅइंट से जीत जाती हैं।
  • दिन के आखिर में दुबारा जांच करें और खुद से पूछे,”मैं कितना थका हुआ हूं? अगर मैं थका हुआ हूं,तो इसका मतलब यह नहीं है कि मैंने ज्यादा मानसिक काम किया है,बल्कि इसका मतलब यह है कि मैंने अपना काम ठीक तरह से नहीं किया है।”
  • डेनियल डब्ल्यू जौसेलिन कहते हैं, “मैं अपनी उपलब्धि इस बात से नहीं मापता कि मैं कितना थका हूं,बल्कि इस बात से मापता हूं कि मैं कितना थका हुआ नहीं हूं।जब मैं किसी दिन के आखिर में विशेष थकान अनुभव करता हूं या जब चिड़चिड़ेपन से यह साबित होता है कि मेरी नर्व्ज थकी हुई हैं तो बिना किसी सन्देह के मैं समझ जाता हूं कि उस दिन मेरे काम की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों ही संतोषजनक नहीं रही है।”
  • अगर हर व्यक्ति यह सबक सीख ले,तो हाईब्लड प्रेशर से मरने वालों की संख्या रातोरात घट जाएगी और हम अपने सेनिटोरियम और पागलखानों को ऐसे लोगों से भरना बंद कर देंगे जो थकान और चिंता के कारण मानसिक रूप से टूट चुके हैं।
  • आराम का यह मतलब नहीं है कि कुछ भी न किया जाए।आराम का मतलब है मरम्मत।थोड़े से आराम में भी मरम्मत की इतनी शक्ति होती है कि पाँच मिनट की झपकी लेने से आपको थकान रोकने में मदद मिलेगी।

4.थकान से बचें और युवा दिखें (Avoid fatigue and look younger):

  • क्लास के चिकित्सा सलाहकार डॉक्टर रोज हिलफर्डिंग ने कहा है कि उनके विचार से चिंता कम करने की सबसे अच्छी दवाओं में से एक है:”अपनी समस्याओं के बारे में किसी विश्वसनीय व्यक्ति से बात करना।हम इसे कैथारसिस कहते हैं,” उनका कहना है।”जब कोई थकान से पीड़ित यहाँ आते हैं,तो वे अपनी समस्याओं के बारे में विस्तार से बातें कर सकते हैं,जब तक की चिंताएं उनके दिमाग से बाहर ना निकल जायें।अपनी चिन्ताओं में अकेले घुलते रहने और उन्हें अपने दिमाग में ही रखने से हमें बहुत नर्वस टेंशन हो जाता है।हम सभी को अपनी समस्याएं बांटना होती है।हमें चिंता को बांटना होता है।हमें यह महसूस करना होता है कि इस दुनिया में कोई है जो हमारी बात सुनना और समझना चाहता है।”
  • साइकोएनालिसिस या मनोविश्लेषक कुछ हद तक शब्दों की उपचारक शक्ति पर आधारित है।फ्रायड के जमाने से मनोविश्लेषक यह  जानते हैं कि अगर कोई मरीज अपनी अंदरूनी परेशानियों के बारे में बोलता रहे,सिर्फ बोलता रहे तो इसी से उसे राहत मिल जाती है।ऐसा क्यों होता है? शायद इसलिए क्योंकि बोल देने से हमें अपनी समस्याओं के बारे में बेहतर अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है,बेहतर दृष्टिकोण मिलता है।कोई भी पूरा जवाब नहीं जानता।परंतु हम सभी जानते हैं कि “अपने दिल का गुबार निकाल देने से” बोझ हल्का हो जाता है और हमें तत्काल राहत मिलती है।
  • जब भी अगली बार हमें कोई भावनात्मक समस्या सताए,तो क्यों ना हम बात करने के लिए अपने चारों तरफ किसी को खोजें।इसका यह मतलब नहीं है कि हम हर किसी से शिकायतें करने लगें या उसके सामने रोना रोकर अपने आपको असहनीय बना लें।हम किसी ऐसे आदमी को चुन लें जिस पर हम भरोसा कर सकते हों फिर अपॉइंटमेंट ले लें।शायद कोई रिश्तेदार,शिक्षक,गुरु,मित्र,धर्मोदेपदेशक।फिर उस व्यक्ति से कहें:”मुझे आपकी सलाह चाहिए,मेरी एक समस्या है और मैं चाहता हूं कि जब मैं इसे शब्दों में कहूं तो आप सुनें।शायद आप मुझे सलाह दे पायें।शायद आप इसका कोई ऐसा पहलू देख सकें जो मैं खुद नहीं देख सकता।परंतु ऐसा न भी हो तो भी अगर आप बैठकर सिर्फ मेरी पूरी बात सुनेंगे तो भी आप मेरी बहुत मदद करेंगे।”

5.थकान से बचने के व्यावहारिक तरीके (Practical ways to avoid fatigue):

  • प्रेरणादायक अध्ययन के लिए एक डायरी या नोटबुक रखें।इसमें आप वे सारे प्रेरक विचार,कविताएं,छोटी प्रार्थनाएं या कोटेशन लिख सकते हैं जो आपको अच्छे लगते हैं और जिनसे आपको प्रेरणा मिलती है।फिर जब भी किसी दिन आपका मनोबल कम हो और आप उदास हों,तो आपको इस डायरी में निराशा दूर करने का नुस्खा मिल सकता है।कई लोग वर्षों से ऐसी डायरियाँ रख रहे हैं।उनका कहना है कि यह एक तरह का आध्यात्मिक इंजेक्शन है।
  • दूसरों की कमियों के बारे में ज्यादा देर तक न सोचें।क्लास की एक महिला चिड़चिड़ी और गुस्सैल पत्नी के रूप में विकसित हो रही थी।क्लीनिक में उसे यह सवाल पूछा गया,”अगर आपका पति मर जाए तो आप क्या करेंगी? इस विचार से इतना सदमा लगा कि वह तत्काल बैठ गई और उसने अपने पति के अच्छे गुणों की सूची बनाई।उसकी सूची लंबी थी।अगर आपको लगता है कि आपकी भी शादी किसी जल्लाद या तानाशाह से हुई है,क्यों ना आप भी ऐसी ही सूची बनाएं? शायद आपको जिससे शिकायत है उसके अच्छे गुणों की सूची बनाने के बाद आपको लगे कि आप ऐसे आदमी से मिलना चाहेंगे।
  • लोगों में रुचि लें।ऐसे लोगों से दोस्ताना और स्वस्थ रुचि लें,जो आपके साथ जुड़े हुए हैं।एक बीमार महिला अपने आपको इतनी “विशिष्ट” समझती थी कि उसका एक भी दोस्त या सहेली नहीं थी।उसे यह सलाह दी गई की अगली बार जिस भी व्यक्ति से मिले,उसके बारे में एक कहानी बनाने की कोशिश करे।उसने बस में यह काम शुरू किया और वहां उसे जो लोग दिखे,वह उनके बारे में सोचने लगी कि उनके पृष्ठभूमियाँ और रहन-सहन कैसा होगा।उसने कल्पना करने की कोशिश की कि उनका जीवन कैसा होगा।इसके बाद एक अजीब चीज हुई,वह हर जगह लोगों से बात करने लगी और आज वह सुखी,सजग और आकर्षक महिला है,जिसके “दर्द” का इलाज हो चुका है।
  • रात को सोने जाने से पहले अगले दिन का टाइम टेबल बना लें।कई लोग काम के बोझ से दबे रहते हैं,अनगिनत काम के कारण तनावग्रस्त रहते हैं और इसके बाद भी वे काम पूरा नहीं कर पाते।घड़ी उन्हें दौड़ाती रहती है।इस जल्दबाजी में एहसास और चिंता का इलाज करने के लिए यह सुझाव दिया गया कि वे हर रात को अगले दिन का टाइमटेबिल बना लें।क्या हुआ? ज्यादा काम,कम थकान,गर्व और उपलब्धि का एहसास।यही नहीं,विश्राम और आनंद के लिए समय भी बच गया।
  • आखिर में थकान और तनाव से बचें।विश्राम करें!विश्राम करें।तनाव और थकान आपको जितना जल्दी बुड्ढा बना देते हैं,शायद आप किसी और चीज से उतने बुड्ढे नहीं दिखते।कोई दूसरी चीज आपके चेहरे की ताजगी और सुंदरता को इतनी तेजी से कम नहीं कर सकती।अतः अगर आप लोग चिन्ता के जाल से बाहर निकलना चाहते हैं तो उन्हें विश्राम करना ही पड़ेगा।

6.थकान से मुक्त होने के लिए व्यायाम (Exercises to relieve fatigue):

  • जब भी थकान महसूस हो,फर्श पर लेट जाएं।पूरी तरह लंबे होकर लेटें।अगर आप करवट बदलना चाहें तो बदल लें।दिन में दो बार ऐसा करें।
  • अपनी आंखें बंद कर लें।कल्पना करें:सूर्य ऊपर चमक रहा है।आसमान नीला और चमकीला है।प्रकृति शांत है और दुनिया के नियंत्रण में है-और मैं,प्रकृति का शिशु होने के नाते ब्रह्मांड के संयोजन में हूं।या इससे भी बेहतर है-प्रार्थना करें।
  • अगर आप समय की कमी के कारण लेट नहीं सकते,तो कुर्सी पर सीधे बैठकर भी लगभग यही प्रभाव हासिल कर सकते हैं।विश्राम करने के लिए सख्त,सीधी कुर्सी सबसे अच्छी होती है।कुर्सी पर सीधे तनकर बैठिए,मिस्र की किसी मूर्ति की तरह और अपने हाथों को आराम करने दीजिए-हथेलियां,आपकी जांघों के ऊपर।
  • अब धीमे से अपने पैरों के अंगूठों को तान लें-फिर उन्हें ढीला छोड़ दें।अपने पैर की मांसपेशियों को तान लें-और फिर उन्हें ढीला छोड़ दें।धीरे-धीरे ऊपर बढ़ते हुए पूरे शरीर की सभी मांसपेशियों के साथ ऐसा करें,जब तक कि आप गर्दन तक ना पहुंच जाएं।फिर अपने सिर को घुमाइए जैसे यह कोई फुटबॉल हो।अपनी मांसपेशियों से कहिए,ढीला छोड़ो…. ढीला छोड़ो।
  • धीमी,एक गति से सांस लेकर अपनी नर्व्ज को शांत कीजिए।गहराई से सांस लीजिए।भारत के योगी सच कहते थे:लयबद्ध श्वसन (प्राणायाम) नर्व्ज को शांत करने के लिए सर्वश्रेष्ठ उपायों में से एक है।
  • अपने चेहरे की झुर्रियों और त्यौरियों के बारे में सोचें और उनकी सिलवटें मिटा दें।आपकी भौंहों के बीच और आपके मुंह के दोनों और जो चिंता की लकीरें बन गई हैं,उन्हें मिटा लें।दिन में दो बार ऐसा करें और शायद आपको ब्यूटीपार्लर में जाकर मसाज करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी।शायद यह रेखाएँ बाहर से मिटने के बजाय अन्दर से मिट जायेंगी।

7.थकान और चिन्ता मिटाने के लिए काम करने की अच्छी आदतें (Good working habits to overcome fatigue and anxiety):

  • (1.)अपनी टेबल से सारे कागज हटा दें,सिर्फ वही कागज रहने दें जो वर्तमान समस्या से सम्बन्धित हैं:जिस आदमी की टेबल पर बहुत से मामलों से संबंधित कागजों का अम्बार लगा होता है,वह अधिक आसानी और कुशलता से तभी काम कर पाएगा जब वह अपनी टेबल के सारे कागज हटा दे और वहां सिर्फ तात्कालिक समस्या से संबंधित कागज रहने दें।परन्तु अक्सर टेबल ऐसे कागजों से भरी रहती है जिन्हें कई सप्ताहों से नहीं देखा गया।
  • (2.)अनिवार्यता का भाव:आगे करने वाले कामों की अनन्त श्रृंखला जिन्हें आपको करना ही है।जो सिर्फ मेज पर काम करता है,मामले को सामने आते ही निपटा देता है,उसे अधूरे काम का पहाड़ डराता नहीं,तनावग्रस्त नहीं करता,चिन्तित नहीं करता।
  • (3.)दो अनमोल योग्यताएं:पहली सोचने की योग्यता,दूसरी कामों को उनके महत्त्व के क्रम से करने की योग्यता:कामों को उनके महत्त्व के क्रम से करने में इन्सान सफल नहीं होता है,परन्तु यह भी सच है कि बिना किसी योजना के भटकते रहने से बेहतर है कि महत्त्वपूर्ण काम पहले निपटाने की एक योजना बना ली जाये।
  • अगर जाॅर्ज बर्नार्ड शाॅ ने महत्त्वपूर्ण कामों को पहले करने का कठोर निर्णय नहीं बनाया होता तो शायद वे लेखक के रूप में असफल हो गए होते और पूरी जिंदगी बैंक कैशियर बने रहते।उनकी योजना थी हर दिन 5 पेज लिखना।इस योजना ने उन्हें प्रेरित किया कि वे नौ दुखद वर्षों तक रोज पांच पेज लिखते रहें,हालांकि उन 9 सालों में इसके बदले में सिर्फ तीन डाॅलर मिले-हर दिन के लिए लगभग एक पेनी।
  • (4.)जब भी आपके सामने कोई समस्या आये उसे तत्काल सुलझा दें,बशर्ते आपके पास निर्णय लेने के लिए आवश्यक तथ्य हों।फैसला भविष्य पर न टालें:एक समय में एक समस्या को लें और उस पर तत्काल निर्णय लें।कोई टाल-मटोल नहीं-कोई अनिर्णय नहीं।निर्णय कुछ भी हो सकता है।अतिरिक्त तथ्यों की माँग करना,कुछ करना या कुछ नहीं करना।परंतु एक समस्या से दूसरी पर जाने से पहले कोई ना कोई निर्णय लेना आवश्यक है।इसके परिणाम आश्चर्यजनक और अच्छे होते हैं।सारे मामले निबट सकते हैं।लम्बित प्रकरणों का कैलेंडर साफ सुथरा हो जाएगा।अब हर सदस्य को घर पर ढेर सारी फाइलें ले जाने की कोई जरूरत नहीं होगी।अब अधूरी समस्याओं की चिंता का एहसास गायब हो जाएगा।
  • (5.)व्यवस्थित रहना,सौंपना और निरीक्षण करना सीखे:बहुत से बिजनेसमैन सिर्फ इसलिए जल्दी से भगवान को प्यारे हो जाते हैं,क्योंकि वे अपने काम से दूसरों को सौंपना कभी नहीं सीख पाते और हर काम खुद करने पर जोर देते हैं।परिणाम:विवरण और दुविधा उन पर हावी हो जाती है।जल्दबाजी,चिन्ता,तनाव और परेशानी का एहसास उन पर हावी हो जाता है।दूसरों को काम सौंपने की वजह से बहुत सी मुसीबतें आ सकती हैं।बहरहाल,हालांकि जिम्मेदारी सौंपना मुश्किल होता है,परन्तु अगर एक्जीक्यूटिव्ज चिन्ता,तनाव और थकान से बचना चाहते हैं तो ऐसा करना ही होगा।
  • जो एक्जीक्यूटिव्ज बड़े बिजनेस बना लेते हैं,परन्तु व्यवस्थित रहना,काम सौंपना और निरीक्षण करना नहीं सीख पाते,वे पचास या साठ की उम्र में हृदय रोग से जान गँवा सकते हैं:तनाव और चिन्ताओं की वजह से होने वाले हृदय रोग से।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में थकान से बचने की 7 बेहतरीन तकनीक (7 Best Techniques to Avoid Fatigue),थकान से कैसे बचें? (How to Avoid Fatigue?) के बारे में बताया गया है।

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8.शिक्षक का इलाज (हास्य-व्यंग्य) (Teacher’s Treatment) (Humour-Satire):

  • बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की असफलता का समाचार सुनकर गणित शिक्षक बीमार हो गए।पत्नी ने आश्वासन देते हुए कहा कि चिन्ता मत करो,तुम बिल्कुल ठीक रहोगे।आपने छात्र-छात्राओं को उत्तीर्ण होने का झूठा आश्वासन दिया था परन्तु मैंने उन्हें बता दिया है कि यदि वे दाब-दबाव डालेंगे,शिक्षक को मारेंगे और इस वजह से शिक्षक स्वर्गवासी हो गए तो तुम्हारी फीस वापिस नहीं हो सकेगी क्योंकि बैंक में केवल तुम्हारे हस्ताक्षर चलते हैं।अब वे तुम्हें नहीं मारेंगे।

9.थकान से बचने की 7 बेहतरीन तकनीक (Frequently Asked Questions Related to 7 Best Techniques to Avoid Fatigue),थकान से कैसे बचें? (How to Avoid Fatigue?) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.थकान और चिन्ता रोकने के उपाय संक्षिप्त में लिखो। (Write down measures to prevent fatigue and anxiety in brief):

उत्तर:(1.)थकने से पहले ही आराम कर लें।
(2.)अपने काम में आराम करना सीखें।
(3.)अपने घर पर आराम करना सीखें।
(4.)काम करने की अच्छी आदतें अपनाएं
(i)अपनी टेबल से सारे कागज साफ कर दें सिवाय उनके जो उस तात्कालिक समस्या से सम्बन्धित हों,जिस पर उसी दिन काम करने वाले हों।
(ii)कार्यों को उनके महत्त्व के क्रम से करें।
(iii)जब आपके सामने कोई समस्या आये और अगर आपके पास निर्णय पर पहुँचने के लिए सारे तथ्य मौजूद हों,तो उसे तत्काल सुलझा दें।
(iv)व्यवस्थित रहना,सौंपना और निरीक्षण करना सीखें।
(5.)चिन्ता और थकान से बचने के लिए अपने काम में उत्साह भरें।
(6.)याद रखें,कोई भी आदमी नींद की कमी के कारण कभी नहीं मरा।अनिद्रा के बजाय इसकी चिन्ता करते रहने से हमें ज्यादा नुकसान होता है।

प्रश्न:2.अनिद्रा की चिन्ता से कैसे बचें? (How to avoid insomnia worries?):

उत्तर:(1.) अगर आप सो नहीं सकते तो उठ जायें और तब तक काम करें या पढ़े जब तक कि आपको नींद न आने लगे।
(2.)अनिद्रा के बजाय अनिद्रा की चिन्ता करने से हमें ज्यादा नुकसान होता है।
(3.)प्रार्थना का सहारा लें।
(4.)अपने शरीर को ढीला छोड़ दें।
(5.)व्यायाम करें।अपने आपको शारीरिक रूप से इतना थका लें कि आप जागते न रह सकें।

प्रश्न:3.थकान का अन्य कारण क्या है? (What is the other cause of fatigue?):

उत्तर:बोरियत से भी थकान हो जाती है।बोरियत को दूर करने के लिए हमेशा उत्साहित रहें।किसी भी कार्य को दिल से,एकाग्रचित्त होकर करें।कुछ मनोरंजन भी करें जिससे बोरियत दूर हो।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा थकान से बचने की 7 बेहतरीन तकनीक (7 Best Techniques to Avoid Fatigue),थकान से कैसे बचें? (How to Avoid Fatigue?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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