6 Tips for National Eligibility Test
1.राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के लिए 6 टिप्स (6 Tips for National Eligibility Test),राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के लिए 6 बेहतरीन टिप्स (6 Best Tips for National Eligibility Test):
- राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के लिए 6 टिप्स (6 Tips for National Eligibility Test) के आधार पर नेट परीक्षा आयोजित करने की प्रणाली और उसकी तैयारी के बारे में जान सकते हैं।यूजीसी भारतीय छात्र-छात्राओं के लिए जूनियर फेलोशिप अवार्ड और लेक्चरशिप की पात्रता के लिए नेट (NET) का आयोजन करती है।
- इस परीक्षा को आयोजित करने का उद्देश्य महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के लिए योग्य कैंडिडेट्स (व्याख्याता) की खोज और शोधकर्ताओं को फेलोशिप (छात्रवृत्ति) प्रदान करना होता है।जो छात्र-छात्राएं स्नातकोत्तर परीक्षा पास कर चुके हैं अथवा अध्ययनरत हैं तथा लेक्चर बनने या रिसर्च करना चाहते हैं उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए यह छात्रवृत्ति (शोधवृत्ति) दी जाती है।
जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) अवार्ड नेट में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैंडिडेट की निश्चित संख्या को प्रदान की जाती है।अवार्ड जारी करने की तारीख से 2 साल तक वैद्य है।यदि कैंडिडेट पहले से ही एमफिल या पीएचडी ज्वाॅइन कर चुका है तो फैलोशिप शुरू करने की तारीख नेट का परिणाम या उनके ज्वाॅइन की तारीख जो भी बाद में है,से शुरू होती है।फैलोशिप में एक निश्चित धनराशि मासिक रूप से दी जाती है। - आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके । यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए । आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
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2.नेट के लिए पात्रता (Eligibility for NET):
- नेट परीक्षा के लिए वे कैंडिडेट्स ही पात्र है जिन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा निर्धारित विषयों में स्नातकोत्तर उपाधि कम से कम 55% अंकों से उत्तीर्ण किया है।अंतिम वर्ष में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं भी पात्र हैं।जेआरएफ के लिए आयु सीमा 28 वर्ष है जबकि लेक्चरशिप के लिए कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है।नेट में वे कैंडिडेट भी बैठ सकते हैं जिनकी स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षा में किसी कारण से विलंब हुआ हो अथवा जिसका परिणाम घोषित नहीं हुआ हो।
आयु सीमा में एससी/एसटी/पीएच/वीएच/महिला और रिसर्च का अनुभव रखने वालों को 5 वर्ष और एलएलएम वालों को 3 साल की छूट है।
3.नेट परीक्षा किन विषयों के लिए आयोजित की जाती है? (The NET exam is conducted for which subjects?):
- यह परीक्षा मानविकी विषयों,समाज विज्ञान,फॉरेंसिक विज्ञान,पर्यावरण विज्ञान,कंप्यूटर विज्ञान और विज्ञान विषय के लिए आयोजित की जाती है।काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च यूजीसी एनईटी अन्य विज्ञान विषयों जैव विज्ञान,भौतिक विज्ञान,रसायन विज्ञान,गणित और भूमि वातावरण समुद्र तथा पादप विज्ञान में आयोजन करता है।
सामान्यतः यह परीक्षा वर्ष में दो बार जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है।इनके लिए क्रमशः मार्च और सितंबर में विज्ञप्ति जारी की जाती है।
4.नेट के लिए परीक्षा पैटर्न (Exam Pattern for NET):
- इस परीक्षा में 3 प्रश्न पत्र होते हैं।यह तीनों प्रश्नपत्र एक ही दिन में तीन पारियों में आयोजित किए जाते हैं।पहले पेपर में उपस्थित न होने वाले कैंडिडेट को दूसरे और तीसरे पेपर में बैठने की अनुमति नहीं दी जाती है।तीसरे प्रश्न-पत्र की जांच तभी की जाती है जबकि पहले और दूसरे प्रश्न पत्र में न्यूनतम अर्हक अंक प्राप्त कर लेते हैं।सामान्य और ओबीसी,पीएच/वीएच और एससी/एसटी के लिए दोनों पेपरों में अलग-अलग अर्हक अंक निर्धारित हैं।अर्हक अंक प्राप्त करने पर ही तीसरे पेपर की जांच की जाती है।
- पहला प्रश्न सामान्य ज्ञान व अभियोग्यता का होता है।इस प्रश्न-पत्र के द्वारा कैंडिडेट की शिक्षण एवं शोध करने की योग्यता परखी जाती है।बौद्धिक क्षमता,विश्लेषण,मूल्यांकन,आगमन एवं निगमन प्रणाली की समझ की परख की जाती है।कैंडिडेट से सूचना और ज्ञान के स्रोतों,जन,पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की आपसी क्रियाओं एवं जीवन स्तर पर उसके प्रभाव के ज्ञान की अपेक्षा की जाती है।
- इसके 10 विषय क्षेत्रों:(1.) शिक्षण अभिरुचि (2.)रिसर्च अभिरुचि (3.)रीडिंग काॅम्प्रीहेंशन (4.)संचार (5.)तर्क (गणितीय तर्क सहित) (6.) युक्तिसंगत तर्क (7.)सूचनाओं का विवेचन (8.)सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (9.)मानव और पर्यावरण (10.)उच्च शिक्षा प्रणाली:शासन राजनीति एवं प्रशासन से प्रश्न पूछे जाते हैं।पहला प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ प्रकार के होता है जिसमें 50 प्रश्न होते हैं तथा यह 100 अंकों का होता है।
- दूसरा पेपर कैंडिडेट द्वारा चुने गए विषय का होता है।इसमें भी 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्न और 100 अंकों का होता है।
तीसरा प्रश्न पत्र में चार सेक्शन होते हैं: - पहले सेक्शन में आलोचनात्मक क्षमता और ज्ञान को काम लेने की परख लेने से संबंधित प्रश्न होते हैं। इस सेक्शन में दिए हुए पैराग्राफ या किसी जाने-माने विचारक या लेखक के स्टैंजा की समीक्षा करनी होती है।विज्ञान के विषयों में पैराग्राफ के स्थान पर कोई सैद्धांतिक समस्या दी हुई होती है। इसमें 30-30 शब्दों में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर लिखने होते हैं।इसमें कुल 5 प्रश्न 25 अंक के होते हैं।
- दूसरा सेक्शन में किसी तथ्य को परिभाषित करने अथवा उसको स्पष्ट करने से संबंधित प्रश्न होते हैं। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 30 शब्दों में देना होता है। इसमें 15 प्रश्न 75 अंक का होता है।
- तीसरे सेक्शन में परीक्षार्थी द्वारा तय किए गए विशेषज्ञ के विषय से विश्लेषण और मूल्यांकन पर आधारित होते हैं।प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दो सौ शब्दों में देना होता है।इसमें कुल 5 प्रश्न 60 अंक के होते हैं।
- चौथे सेक्शन में निबंधात्मक प्रश्न होता है जिसका उत्तर 1000 शब्दों में लिखना होता है।कुल 40 अंक का होता है।इस प्रश्न में विकल्प दिया होता है। यह प्रश्न-पत्र सामान्य विषयवस्तु और सामयिक, सैद्धान्तिक या विषय की प्रासंगिकता से जुड़ा होता है।
लेक्चरर की बढ़ती मांग और नेट पास की कमी को देखते हुए यूजीसी ने संबंधित विषय में पीएचडी धारकों को स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं और एमफिल किए हुए को स्नातक कक्षाओं में पढ़ने के लिए छूट दे दी है।इसके अलावा स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (SET) पास किए हुए उम्मीदवार देश में कहीं भी लेक्चरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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5.नेट परीक्षा के लिए स्वयं के नोट्स बनाएं (Make your own notes for NET exam):
- संबंधित विषय की दो-तीन पुस्तकों को पढ़कर नोट्स बनाएं।विषय का गहन अध्ययन करें।विषय का गहन अध्ययन करने से निबन्धात्मक पेपर की तैयारी के साथ-साथ वस्तुनिष्ठ पेपर की तैयारी हो जाती है।नोट्स समझकर तैयार करें।जिन शब्दों का अर्थ स्पष्ट न हो उसे किसी शब्दकोश में व्याख्या देख लें अथवा उसका अर्थ इंटरनेट पर सर्च कर लें।
- इस प्रकार समझ कर तैयार किए गए नोट्स हृदयंगम हो जाते हैं और शीघ्रता से याद हो जाते हैं। नोट्स में पुस्तकों की बजाए कम विषयवस्तु रहती है क्योंकि पुस्तकों में समझाने के लिए भी विषय सामग्री लिखी होती है।लेकिन नोट्स पेपर में उत्तर लिखे जाने के अनुसार तैयार किए जाते हैं।यानी टू द प्वाइंट नोट्स तैयार किए जाते हैं।नोट्स की विषयवस्तु तथा स्वयं के नोट्स से यह फायदा भी होता है कि परीक्षा से पूर्व तथा परीक्षा के दौरान आसानी से रिवीजन किया जा सकता है।
- नोट्स में पुस्तकीय भाषा न लिखें बल्कि पुस्तकों को पढ़कर अपनी शैली में नोट्स तैयार करें।नोट्स तैयार करने से पहले पुस्तक के चैप्टर को पहले भली-भांति समझे उसके बाद ही नोट्स तैयार करें।
6.नोट्स तैयार करते समय ध्यान रखी जाने वाली बातें (Things to keep in mind while preparing notes):
- (1.)नोट्स तैयार करते समय पुस्तक को पहली बार सरसरी नजर से पढ़ें और जो कठिन शब्दार्थ हैं उनको चिन्हित कर लें।इन कठिन शब्दार्थ को नोटबुक में नोट कर लें।पूरा चैप्टर सरसरी तौर पर पढ़ने के बाद उन कठिन शब्दार्थ का अर्थ शब्दकोश अथवा इंटरनेट पर सर्च कर ले।
- (2.)पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों को पढ़ लें।ज्यादा बढ़िया है की विवरणात्मक नोट्स तैयार करने के बजाय पिछले प्रश्न-पत्रों की शैली में प्रश्न बनाकर नोट्स बनाएं।यदि प्रश्न बनाकर नोट्स न बनाएं तो टाइटल (शीर्षक),उपशीर्षक लिखकर नोट्स तैयार कर लें।ऐसा करने से शीर्षक व उपशीर्षकवार नोट्स को याद करने तथा उत्तर लिखने में सहूलियत रहेगी।
- (3.)नोट्स में विषयवस्तु विवरणात्मक न लिखकर पाॅइन्टस बनाकर लिखें।पुनरावृत्ति करने में सहूलियत रहेगी तथा ऊबाऊ महसूस नहीं होगा।
- (4.)नोट्स मे मुख्य विचारों,तथ्यों तथा घटनाओं का अवश्य उल्लेख करें।इससे वस्तुनिष्ठ पेपर तैयार भी हो जाएगा।यदि पुस्तक की भाषा समझ में नहीं आ रही हो तो धीरे-धीरे पढ़िए तथा उनके कठिन शब्दार्थ का अर्थ समझे।फिर भी पुस्तक का टॉपिक समझ में न आए तो दोबारा फिर से गंभीरतापूर्वक,पूर्ण एकाग्रता के साथ पढ़ें।कोई टॉपिक हमारा पढ़ा हुआ नहीं होता है तो वह कठिन लगता है लेकिन बार-बार पढ़ने से उस टॉपिक की विषयवस्तु समझ में आ जाती है।
7.नोट्स से पुनरावृत्ति करें (Repeat from notes):
- एक बार नोट्स बनाने के बाद बिल्कुल निश्चिंत न हो जाएं बल्कि साप्ताहिक व पाक्षिक रूप से उसकी पुनरावृत्ति करते रहें।उसके मुख्य बिंदुओं,तथ्यों व घटनाओं को याद करने की कोशिश करें।यदि नोट्स बनाकर लंबा गैप (Gap) दे दिया तो विषयवस्तु को भूल जाएंगे।नोट्स की पुनरावृत्ति अवश्य करते रहें। जितनी अधिक एकाग्रता के साथ पुनरावृत्ति करेंगे उतनी ही नोट्स पर पकड़ मजबूत होगी।पुनरावृत्ति के साथ-साथ समीक्षा करने हेतु मॉडल पेपर व मॉक टेस्ट का अभ्यास करें।निश्चित समय में दिए गए उत्तरों की जांच कीजिए और स्वयं मूल्यांकन करें।उत्तरों का मिलान नोट्स से कीजिए और मार्किंग करें।मार्किंग वस्तुनिष्ठ तरीके से करें।यदि प्राप्तांक कम प्राप्त होते हैं तो जांच कीजिए कि किस प्रश्न और किस टाॅपिक में कमजोरी रही है। उन टाॅपिक्स को पुनः तैयार कीजिए।जब तक श्रेष्ठ उत्तर न दें तथा अच्छे अंक प्राप्त न कर सके तब तक समीक्षा करते रहें।यदि आवश्यक हो तो कोचिंग की सहायता लें।जिससे जो टाॅपिक आपको समझ में नहीं आ रहा हो उसकी अवधारणा स्पष्ट हो सके।
- उपर्युक्त आर्टिकल में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के लिए 6 टिप्स (6 Tips for National Eligibility Test),राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के लिए 6 बेहतरीन टिप्स (6 Best Tips for National Eligibility Test) के बारे में बताया गया है।
8.गणित की परीक्षा पर निबंध (हास्य-व्यंग्य) (Essay on Mathematics Exam) (Humour-Satire):
- कक्षा में गणित की परीक्षा पर निबंध लिखने को कहा गया।सभी छात्र लिखते रहे पर एक छात्र बैठा रहा।
- एक अन्य छात्र ने पूछा:तुमने गणित की परीक्षा पर निबन्ध लिखा।
- छात्र:हां लिखा है।
- अन्य छात्र:लेकिन तुम तो बैठे हुए थे फिर इतनी जल्दी कैसे लिख दिया?
- छात्र:मैंने लिखा कोरोनावायरस के कारण फैली महामारी कोविड-19 के कारण परीक्षा रद्द।
9.राष्ट्रीयराष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के लिए 6 टिप्स (6 Tips for National Eligibility Test),राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के लिए 6 बेहतरीन टिप्स (6 Best Tips for National Eligibility Test) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.क्या नेट परीक्षा में नकारात्मक अंकन किया जाता है? (Is negative marking done in the NET exam?):
उत्तर:वर्ष 2010 से नेट परीक्षा में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने प्रश्न पत्रों में नकारात्मक अंकन को समाप्त कर दिया गया है।
प्रश्न:2.क्या एमफिल व पीएचडी करने वालों को असिस्टेंट प्रोफेसर या सामान पदों पर नियुक्ति हेतु नेट या स्लेट/सेट से छूट दी जाती है? (Whether MPhil and PhD holders are exempted from NET or SLET/SET for appointment to assistant professor or similar posts?):
उत्तर:यूजीसी की कुछ शर्तों के साथ पीएचडी प्राप्त कैंडिडेट को असिस्टेंट प्रोफेसर या समान पदों पर भर्ती के समय नेट या स्लेट/सेट में छूट दी जाती है। परंतु इन कैंडिडेट्स को 2 वर्ष में नेट या स्लेट /सेट परीक्षा पास करनी होती है।पदोन्नति या वेतन वृद्धि के मामले में नियुक्ति उस दिन से मानी जाती है जिस दिन उन्होंने नेट या स्लेट/सेट की योग्यता प्राप्त की है।
प्रश्न:3.स्लेट या सेट उत्तीर्ण करने का फायदा क्या है? (What is the advantage of passing a SLETor SET?):
उत्तर:स्लेट या सेट, नेट की तरह ही परीक्षा योजना है।इसे राज्य स्तर पर आयोजित किया जाता है।इस परीक्षा में पात्र पाए हुए कैंडिडेट उस राज्य या कुछ कुछ शर्तों के साथ पूरे देश में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पात्र होते हैं।इसका फायदा यह है कि पूरे देश के प्रतियोगियों से प्रतियोगिता न करके एक राज्य के प्रतियोगियों से प्रतियोगिता करनी पड़ती है।
- उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के लिए 6 टिप्स (6 Tips for National Eligibility Test),राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के लिए 6 बेहतरीन टिप्स (6 Best Tips for National Eligibility Test) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
6 Tips for National Eligibility Test
राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के लिए 6 टिप्स
(6 Tips for National Eligibility Test)
6 Tips for National Eligibility Test
राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के लिए 6 टिप्स (6 Tips for National Eligibility Test) के आधार पर नेट
परीक्षा आयोजित करने की प्रणाली और उसकी तैयारी के बारे में जान
सकते हैं।यूजीसी भारतीय छात्र-छात्राओं के लिए जूनियर
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