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5 Techniques to Develop Leadership

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1.लीडरशिप विकसित करने की 5 तकनीक (5 Techniques to Develop Leadership),युवाओं के लिए नेतृत्व की कला विकसित करने की 5 टॉप टिप्स (5 Top Tips for Youth to Develop Art of Leadership):

  • लीडरशिप विकसित करने की 5 तकनीक (5 Techniques to Develop Leadership) के आधार पर आप बदलती तकनीक में अपने आपको सक्षम कर सकेंगे।लीडर में कई खूबियां होती है तभी उसकी नेतृत्व क्षमता में निखार आता है और टीम को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाता है।इसके लिए जरूरी है तकनीक का ज्ञान होने के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व के गुणों को विकसित करना,लगातार सीखते रहना।
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2.प्रेरक व्यक्तित्व बनायें (Create an inspiring personality):

  • परंपरागत और एक ही ढर्रे से काम करते रहने वाले लीडर से उसके मातहत कर्मचारी,संगठन के कार्यकर्ता,किसी समूह के सदस्य ऊब जाते हैं।लीडर के अंदर ऐसी चुंबकीय शक्ति होनी चाहिए कि वह अपने टीम के सदस्यों को प्रेरित कर सके,ऐसा तभी हो सकता है जब आप बदलाव लाने के मंत्र जानते हैं।सदस्य व कर्मचारी निराशा में डूबे हों,हताश हो रहे हों तो उनमें जान फूँक देता है और वे नई ऊर्जा,नए उत्साह,नई उमंग,जोश से भर जाते हैं तो कार्य को करने में अपने आपको ऊर्जावान महसूस करते हैं।
  • लक्ष्य पाने में कोई भी कठिनाई महसूस हो रही हो तो लीडर उस कठिनाई का हल करता है।यह कठिनाई टेक्नोलॉजी या टीम के सदस्यों में आपसी तालमेल संबंधी हो सकती है।यानी लीडर हमेशा एक्टिव रहता है।उसकी नजर संगठन,कार्यालय,डिपार्टमेंट या समूह के टॉप से लेकर बॉटम तक रहती है।हर तरफ तथा हरेक छोटी-बड़ी गतिविधियों की जानकारी रखता है और ध्यान देता है।टॉप से बॉटम तक तथा हर तरह की जानकारी रहेगी,ध्यान देगा तो ऐसा लीडर बिजनेस,संगठन या समूह को बेहतर तरीके से आगे बढ़ा पाएगा और कमियों को दूर करता रहेगा।
  • टीम लीडर हमेशा एक्टिव मोड में रहता है,उसके सदस्यों को हर समय यह संकेत मिलता रहता है कि उन पर टीम लीडर की नजर है।वह अपने सदस्यों को ज्यादा समय अर्थात् कई लीडर तो 15-16 घंटे प्रतिदिन लगातार बिना थके कार्य करते रहते हैं लेकिन उसके चेहरे पर थकान या मायूसी के चिन्ह नजर नहीं दिखाई देते हैं।हमेशा प्रसन्न चित्त और ऊर्जावान बना रहता है।ऐसा लीडर ही बिजनेस को सफलता के मुकाम तक पहुंचाता है।
  • लीडर अपने सदस्यों,कर्मचारियों को बेवजह रोकटोक नहीं करता है,ना बेवजह उनके कार्यों में हस्तक्षेप करता है क्योंकि कर्मचारियों को परेशान करने,लताड़ने,बेवजह उनके कार्यों में हस्तक्षेप करने,कार्य करने की आजादी न देने से टीम का मनोबल गिरता है,वे काम को दिल से नहीं करते हैं।बार-बार तंग व परेशान करने से वे हतोत्सहित होते हैं जबकि टीम लीडर का दायित्व है कि उनकी सहमति से,प्रसन्नता से उन्हें आगे बढ़ाता है।
  • अनुकूल माहौल तैयार करने से कर्मचारियों,सदस्यों में क्रिएटिविटी,प्रोडक्टिविटी और कुछ नया करने के लिए उत्साह बढ़ता है।कर्मचारी व संगठन के सदस्यों को काम करने की स्वतंत्रता मिलने से उनमें कार्य करने की क्षमता बढ़ती है।कर्मचारियों व टीम सदस्यों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होता है।टीम लीडर का कार्य है कि कर्मचारियों व टीम के सदस्यों को आगे का रास्ता दिखाना,कार्य में आने वाली अड़चनों को दूर करना,उन्हें प्रोत्साहित व प्रेरित करना,उनमें जोश भरना।

3.बदलाव लाने वाले बनें (Be a change-maker):

  • जाॅब को करने,संगठन में प्राण फूँकने के लिए बदलाव लाने वाला बनें।बदलाव लाने से लीडर स्वयं को जोश से भरता ही है परंतु टीम का हौसला भी बढ़ाता है।उदाहरणार्थ कोरोना महामारी के समय व्यक्तियों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी।सभी कार्यालयों,विभागों,कंपनियों,बिजनेस आदि के कार्य ठप्प पड़ गए थे।सभी शिक्षण संस्थान बंद हो गए और छात्र-छात्राओं की पढ़ाई ठप्प हो रही थी।
  • ऐसी स्थिति में वर्क फ्रॉम होम,रिमोट वर्क,ऑनलाइन वर्क का प्रचलन बहुत शीघ्रता से बढ़ गया।अतः अब कंपनीयाँ अपनी कंपनी के कार्यालय से तो जॉब कराती ही है परंतु कुछ मात्रा में रिमोट वर्क और वर्क फ्रॉम होम करवाने को तरजीह भी देती है।रिमोट वर्क के लिए रिक्तियाँ निकाली जाती है।ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना,अप्रत्याशित संकट का सामना किया जा सके।
  • अतः लीडर में बदलाव लाने की क्षमता होनी चाहिए।जाॅब को करने के तरीके में बदलाव तभी लाया जा सकता है जबकि आप आधुनिक टेक्नोलॉजी की जानकारी रखते हैं।हमेशा अपने आपको अपडेट व अपग्रेड रखते हैं।आधुनिक युग में अनुभव के साथ-साथ प्रोग्रामिंग भाषाओं का ज्ञान,टेक्नोलॉजी का ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों को नियुक्ति देने को प्राथमिकता दी जा रही है।साथ ही उसमें जॉब करने की स्किल भी होनी चाहिए,स्किल्स को बढ़ाते रहने वाले की पदोन्नति की जाती है।
  • तात्पर्य यह है कि आपमें नया सीखने का जुनून होना चाहिए जो जाॅब को,बिजनेस को,कंपनी को आगे बढ़ाने में योगदान देता हो।जैसे सॉफ्टवेयर डेवलपर्स को केवल सॉफ्टवेयर का नॉलेज रखने तक ही अपने आपको सीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि एआई (Artificial Intelligence) जैसी नई-नई टेक्नोलॉजी के साथ खुद को अपडेट रखना जरूरी है।यानी आपमें हर दिन कुछ न कुछ नया सीखने का जज्बा होना चाहिए तभी आप अपने आपमें लीडरशिप के गुण विकसित कर पाएंगे।
  • एक लीडर में क्रिएटिविटी,रिस्क लेने की कैपेसिटी और लगातार चीजों को बेहतर बनाने की खूबी होना जरूरी है।ये खूबियां देखकर टीम भी प्रेरित होती है और सकारात्मक माहौल तैयार होता है।ये खूबियां लीडर में होने से कर्मचारियों,अधिकारियों,संगठन के सदस्यों में उनकी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए लक्ष्य पाने में मदद करता है और आगे का रास्ता दिखाता है।
  • लीडरशिप एक ऐसी क्वालिटी है,जो हर किसी में नहीं होती है।लीडरशिप क्वालिटी उन्हें सौ,हजारों या लाखों लोगों से अलग करती है।ऐसी विशिष्टता वाला लीडर ही सभी को गाइड करता है और सबको साथ लेकर चलता है,उनसे अपने मन मुताबिक काम लेने की क्षमता पैदा करता है।इफेक्टिव लीडरशिप ऐसी क्वालिटी है,जो आपके कर्मचारियों को,आपके मातहतों को,सदस्यों को आपके अनुसार चलने के लिए मजबूर करती है।
  • लीडर हटकर और डटकर सीखता रहता है।किसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने पर यदि किसी एक तरीके से सॉल्व नहीं होती है तो उसको सॉल्व करने के अन्य विकल्पों पर विचार करता है।ऐसा तभी हो सकता है जबकि उसमें क्रिटिकल थिंकिंग की क्षमता हो।कठिन परिश्रम करने के साथ-साथ मनन-चिंतन और अध्ययन करता रहता है।हर समय कुछ नया सीखता है।सीखकर उसे टीम के सदस्यों के साथ शेयर करता है।यानी वह उन नई-नई बातों,चीजों को सीखता है जो जाॅब को,बिजनेस को नई ऊंचाइयों पर ले जाती हैं।स्पष्ट है कि आपकी स्किल्स को बढ़ाते रहना जरूरी है।

4.टीम के सदस्य गलती करें तो क्या करें? (What to do if a team member makes a mistake?):

  • यदि टीम के सदस्यों ने गलती की है तो उन्हें फटकारने,प्रताड़ित,जलील,भर्त्सना तथा टॉर्चर करने के बजाय उन्हें गलती से सबक लेने के लिए प्रेरित करें।ऐसा माहौल बनाए,जहां गलतियों से सीखने के लिए प्रेरित हों,न की उनसे बचना।इस तरह से वे अपनी गलतियों के बारे में खुलकर बात कर सकें,इससे रचनात्मकता बढ़ेगी।उनसे बात करें कि क्या गलत हुआ है और उदाहरण द्वारा नेतृत्व करें।इस तरह यह आपके अंदर आंतरिक सुरक्षा की भावना पैदा करेगा।साथ ही आपकी टीम भी आपके उदाहरण का पालन करना शुरू करेगी।
  • वस्तुतः कुछ ऐसी स्थितियां होती है जब अन्य लोग या टीम सदस्य दोषी होते हैं और वास्तव में गलती उन्हीं की होती है।जब इन गलतियों को सार्वजनिक रूप से सामने लाना आवश्यक हो अर्थात् सबके सामने कहना जरूरी हो,तो यह सुनिश्चित करें कि लक्ष्य गलतियों से सीखना है,न कि उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित करना।हालांकि जितना संभव हो सार्वजनिक रूप से प्रशंसा करने और निजी रूप से डाँटने के सिद्धांत का पालन करें।अगर आप उन्हें सार्वजनिक रूप (सबके सामने) से अपमानित करेंगे,तो सबसे पहले वे आपको इसके लिए नाराज करेंगे और दूसरा वे कभी भी सबक नहीं सीखेंगे क्योंकि उनके दिमाग में अपमान की याद ही सबसे पहले रहेगा।ध्यान रखें हम सभी गलतियां करते हैं (लीडर भी) लेकिन अक्सर लोग इसे स्वीकार नहीं करना चाहते हैं क्योंकि उनका अहंकार आड़े आता है।इस अहंकारवश केवल आपकी खुद की गलतियों और कमियों के लिए जिम्मेदारी और जवाबदेही से इनकार करना है।असल में दूसरों को दोष देना एक प्रकार का प्रोजेक्शन भी कहलाता है और इसे लोग अपने बचाव में भी इस्तेमाल करते हैं।यह आपके व्यक्तिगत रिश्तों में ही नहीं,प्रोफेशनल लाइफ पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।यह आदत आपको आपके मूल्य,विश्वास और प्रतिबद्धताओं से दूर कर देती है।
  • एक लीडर के रूप में टीम को दोषारोपण को आप रोक सकते हैं।दोषी टीम या टीम के सदस्यों को प्रताड़ित न करके उसे सबक लेकर सुधार करने के लिए प्रेरित करें।जब आप किसी को दोष दे रहे हैं,भले यह सिर्फ अपने मन में कर रहे हों,इसे पहचानें।अगर आप उन स्थितियों की पहचान कर सकते हैं जहाँ चीजें गलत हो सकती हैं,तो इन स्थितियों का उपयोग खुद को तैयार करने के लिए करें।सोचें कि क्या गलत हो सकता है।इसके लिए पूर्व-तैयारी करें।दोषारोपण को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएं।हालांकि दूसरों में गलती ढूंढना हमेशा आसान होता है,जबकि खुद में देखना कठिन।
  • जब आपसे (लीडर से) गलती होती है,तो किसी और पर दोष मढ़ने का प्रलोभन हमेशा रहता है।इस प्रलोभन का विरोध करें यानी अपने आपको समझाएं,अपने को समझाएं,अपनी इस आदत के विरुद्ध खड़े हो जाए और दोष को अपने तक सीमित रखें।अगर आप गलती के लिए जिम्मेदार हैं,तो दोष वहीं रुकना चाहिए।इससे टीम में आपके प्रति सम्मान और भरोसा बढ़ेगा।
    तात्पर्य यह है कि जब (लीडर) आपसे गलती हो सकती है तो टीम के सदस्यों से भी गलती हो सकती है।गलती करना गुनाह नहीं है,गुनाह है बार-बार गलती करना,गलती से सबक न लेना,गलतियों के होने पर अपने आपमें सुधार न करना।याद रखें महान् व्यक्तियों से गलती होती है तो उसे अनुभव कहते हैं और छोटे व्यक्ति करते हैं तो वह गलती पाप और अपराध बन जाती है।

5.पारदर्शिता रखें (Keep transparency):

  • लीडर्स के अंदर अनेक खूबियां और गुण होते हैं तब जाकर वह एक सफल लीडर बनता है।इस आर्टिकल में उन सभी गुणों को समाहित करना संभव नहीं है।हमने लीडरशिप विकसित करने के लिए इसलिए अनेक लेख लिखे हैं।उन्हें भी पढ़ेंगे तो आप कुछ ना कुछ नया सीखेंगे।
  • लीडर के अंदर यह खूबी होनी चाहिए कि वे अपने व्यवहार को सन्तुलित और सकारात्मक बनाएं।गलत चीजों से बचें और टीम को बचाएं।याद रखें गलती होने से पूर्व ही उसे बचाव कर लेना बुद्धिमानी है और काम करते समय गलती ना हो इसके लिए सतर्कता रखना जरूरी है।चीजों में पारदर्शिता रखें।यानी टीम सदस्यों में किसी के प्रति भी भेदभाव ना करें।इससे आपके सदस्यों में आपके प्रति सम्मान और साख बढ़ेगा।आपको तहेदिल से वे लीडर के रूप में स्वीकार करेंगे और एकजुट होकर काम को निपटाएंगे।
  • कुछ ना कुछ नया सीखते रहने के लिए आपको अध्ययन-मनन-चिंतन करते रहना चाहिए।इंटरनेट पर लीडरशिप के गुणों को सीखने के लिए ढेरों वेबसाइट्स पर लेख,यूट्यूब पर वीडियो अपलोड किए हुए हैं।यानी आज सीखने के लिए आपको कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है,घर बैठे-बैठे आप बहुत कुछ सीख सकते हैं।बस जरूरत है सीखने की जिज्ञासा,लगन।
  • कोई बात हों,कुछ भी विवाद हो,कुछ भी करना हो तो इसके लिए आपमें निर्णय लेने की क्षमता और उसे पूरे जोश व होश के साथ निभाने की खूबी विकसित करना भी जरूरी है।लीडरशिप क्वालिटी को जिंदा रखने के लिए आपको हमेशा सजग,सतर्क रहना होगा।आप जब ऊपर की ओर चढ़ते हैं तो अनेक लोगों को छोड़कर ऊपर चढ़ते हैं।ये अनेक लोग आपके फॉलोवर्स होते हैं और सतत आपकी हर गतिविधि,हर एक्टिविटी पर निगरानी रखते हैं।इसलिए जो सफल लीडर होते हैं वे अपने दोषों पर कड़ी नजर रखते हैं और उन्हें दूर करते जाते हैं।आप द्वारा की गई गलती को आपके फॉलोवर्स पकड़ लेते हैं और आपकी आलोचना शुरू हो जाती है।
  • ऐसे बहुत कम फॉलोअर्स होते हैं जो आप द्वारा किए गए योगदान को याद रखते हैं और आप द्वारा की गई गलती की तरफ ध्यान नहीं देते हैं।परंतु अधिकतर फॉलोअर्स आपकी गलती पर नुक्ताचीनी,मीन-मेख और आलोचना करना शुरू कर देते हैं।इसलिए अध्ययन-मनन-चिंतन,सत्संग,स्वाध्याय करते रहें,सीखते रहें,कुछ ना कुछ नया अंदाज अपनाते रहें,कुछ अलग हटकर करने का प्रयास करते हैं।अलग हटकर,कुछ नया करने में रिस्क भी होता है।परंतु लीडर खतरों से लड़ने का माद्दा रखते हैं,खतरों से खेलने में उन्हें आनंद आता है।खतरों को मोल लेने वाला ही आगे बढ़ता है।जो कुछ भी करें,अपने फॉलोवर्स में उस बात को शेयर करें यानी पारदर्शिता रखें जिससे फॉलोअर्स में यह संदेश नहीं जाए कि आप भेदभाव करते हैं।क्योंकि एक बार फॉलोअर्स में भेदभाव का बीज पड़ जाता है तो टीम,संगठन या समूह में फूट पड़ जाती है और फूट से टीम,संगठन या समूह में बिखराव पैदा हो जाता है।और वे लक्ष्य से भटक जाते हैं।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में लीडरशिप विकसित करने की 5 तकनीक (5 Techniques to Develop Leadership),युवाओं के लिए नेतृत्व की कला विकसित करने की 5 टॉप टिप्स (5 Top Tips for Youth to Develop Art of Leadership) के बारे में बताया गया है।

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6.छात्र को सवाल में तकलीफ (हास्य-व्यंग्य) (Student Has Trouble in Question) (Humour-Satire):

  • एक छात्र को गणित के एक सवाल को हल करने में बहुत तकलीफ हो रही थी,वह गणित शिक्षक के पास गया।
  • गणित शिक्षक:हां बताओ कौनसे सवाल में तकलीफ है?
  • छात्र:जी बाएं से चौथा।

7.लीडरशिप विकसित करने की 5 तकनीक (Frequently Asked Questions Related to 5 Techniques to Develop Leadership),युवाओं के लिए नेतृत्व की कला विकसित करने की 5 टॉप टिप्स (5 Top Tips for Youth to Develop Art of Leadership) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.लीडर को सेल्फ ऑडिट कैसे करनी चाहिए? (How should a leader conduct a self-audit?):

उत्तर:आपका दिन कैसा बीता,किन-किन लोगों से मिले,अपने इंप्रूवमेंट के लिए क्या किया,इन सब बातों पर रात में विचार करें।सेल्फ ऑडिट से आपको पता चलेगा कि आपने कौन से ऐसे काम किये जो नहीं करना चाहिए,कौनसे ऐसे काम नहीं किया जो करना चाहिए।आगे जो नहीं करने चाहिए उन पर ब्रेक लगा दें और जो करना चाहिए उन पर अमल करें।

प्रश्न:2.क्या लीडर को हाॅबी के लिए समय देना चाहिए? (Should the leader devote time to hobby?):

उत्तर:लीडर को अपने जॉब,कार्य,संगठन,समूह से समय निकालकर हाॅबी जैसे भजन,लेख लिखना,डांसिंग,ध्यान-योग,योगासन-प्राणायाम,व्यायाम आदि जिसमें भी रुचि हो उसके लिए समय जरूर दें।अपनी हाॅबी को जिंदा रखेंगे तो आपको जीवन में कभी हताशा नहीं होगी।

प्रश्न:3.क्या लीडर को लिखने की आदत डालनी चाहिए? (Should leaders get into the habit of writing?):

उत्तर:जर्नलिज्म यानी लिखने की आदत।अपने विचारों,भावनाओं और आइडियाज को समय निकालकर जरूर लिखें।ये आदत आपको मेंटल लेवल पर ग्रोथ करके और आपको तनाव मुक्त भी करेगी।

  • उपर्युक्त आर्टिकल में लीडरशिप विकसित करने की 5 तकनीक (5 Techniques to Develop Leadership),युवाओं के लिए नेतृत्व की कला विकसित करने की 5 टॉप टिप्स (5 Top Tips for Youth to Develop Art of Leadership) के बारे में बताया गया है।
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