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5 Surefire Spells for Board Exam

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1.बोर्ड परीक्षा के लिए 5 अचूक मंत्र (5 Surefire Spells for Board Exam),छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा की तैयारी के 5 अचूक मंत्र (5 Surefire Exam Preparation Mantras for Students):

  • बोर्ड परीक्षा के लिए 5 अचूक मंत्र (5 Surefire Spells for Board Exam) न केवल बोर्ड परीक्षा के लिए उपयोगी है बल्कि कॉलेज एवं विश्वविद्यालय की परीक्षाओं तथा अन्य परीक्षाओं के लिए भी सांझे रूप से उपयोगी है।इन उपायों को अपनाये और अपनी परीक्षा की तैयारी में पैनापन और धार उत्पन्न करें।
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2.परीक्षा के निकट कैसे तैयारी करें? (How to prepare for the exam?):

  • बोर्ड परीक्षाएं तो सिर पर हैं और कॉलेज,विश्वविद्यालय की परीक्षाओं का भी समय निकट आता जा रहा है।बोर्ड परीक्षाओं का काउंटडाउन प्रारंभ हो गया है।जो छात्र-छात्राएं सत्रारम्भ से ही जागरूक और होश में हैं वे तो सतत तैयारी कर चुके होंगे।उन्होंने नोट्स भी बना लिए होंगे तथा समय-समय पर पुनरावृत्ति भी करते रहे होंगे।हम भी समय-समय पर आपको सावधान और सचेत करते रहे हैं।लेकिन फिर भी जो छात्र-छात्राएं सोये पड़े ही नहीं है बल्कि अपने ऊपर रजाई और बिस्तरों को पटके हुए हैं और दुबके हुए हैं उन्हें तो कुछ नहीं कहना है।क्योंकि ऐसे छात्र-छात्राएं दरअसल सोए हुए नहीं होते हैं बल्कि जागकर सोने का नाटक करते हैं अतः ऐसे विद्यार्थियों को जगाना नामुमकिन है।जो वास्तव में सोएं हुए हैं अथवा अधजगे हैं उनको तो जगाया भी जा सकता है और ऐसे ही विद्यार्थियों के लिए यह आर्टिकल उपयोगी हो सकता है,होता ही है।
  • जिन्होंने पॉइंटवाइज नोट्स,संक्षिप्त अथवा विस्तृत नोट्स बना लिए हैं तथा विषयवस्तु को समझ भी लिया है उनके लिए रिवीजन करना,अभ्यास करना,बार-बार दोहराना है जब तक कि परीक्षा नहीं हो जाती है।उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए की बार-बार पढ़ने से बोरियत होती है अथवा यह टॉपिक तो मुझे अच्छी तरह कंठस्थ है अतः पढ़ने की जरूरत नहीं है।यह कहावत याद रखें कि “याद है तो आबाद है और भूल गया तो बर्बाद है।” जितना अभ्यास और पुनरावृत्ति करेंगे उतनी ही अधिक विषय पर पकड़ मजबूत होगी और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
  • कोई टॉपिक अथवा विषयवस्तु बहुत लंबी है,बड़ा है तो उसको टुकड़ों में याद करें,समझकर हृदयंगम करें तो उसे याद करना सरल हो जाता है।पहले नोट्स या पुस्तक से समझ कर याद करें और फिर बिना देखें उसको कागज पर लिखें।लिखकर याद करने से मस्तिष्क में अच्छी तरह छवि अंकित (पिक्चर) हो जाती है।रोजाना कुछ समय पुनरावृत्ति के लिए भी देना चाहिए।यदि लिखने में कहीं अड़चन महसूस होती है तो उसे पुनः पढ़ें और याद करें।फिर भी लिखने में अड़चन होती है तो उसे रोजाना पुनरावृत्ति के लिए जो समय निर्धारित किया है उस समय में दोबारा लिखकर अभ्यास करें।इस प्रकार बार-बार याद करने,समझ कर याद करने,छोटे-छोटे हिस्सों में बाँटकर तथा लिखकर याद करने से विषयवस्तु अच्छी तरह से याद हो जाती है।
  • कितना ही कठिन टाॅपिक या पाठ हो उसे समझ कर याद करने,बार-बार लिखकर अभ्यास करने से वह सरल होती जाती है।जो विषयवस्तु ज्यादा ही कठिन महसूस हो रही हो उसको चिन्हित कर लें और उसकी पुनरावृत्ति का अंतराल कम रखें।तनाव व चिंतारहित होकर पूर्ण एकाग्रता के साथ जब किसी टॉपिक को याद करते हैं तो वह आसानी से याद हो जाता है।शोर-शराबे,कोलाहल के बजाए शांत वातावरण में याद करने से मन एकाग्र रहता है,ज्यादा बढ़िया है कि सुबह जल्दी उठकर कठिन विषयवस्तु को पढ़ें।चिंतित व तनावग्रस्त न रहें।चिन्ता व तनाव किसी भी कारण,किसी भी परिस्थिति,किसी भी घटना से हो सकता है।यह सोचें कि चिंता व तनाव से क्या हो सकता है,होता भी नहीं,होता ही नहीं।अत चिंता (मजबूरीवश व अनावश्यक चिंतन) व तनाव के बजाय चिंतन (सहर्ष सोद्देश्य चिंतन,मनन) करें तो समस्या का समाधान निकल सकता है,निकलता ही है।

3.यह रिवीजन का समय है (It is time for revision):

  • अब यह समय रिवीजन का है अतः नोट्स की पुनरावृत्ति करें,मॉडल पेपर्स,पिछले वर्षों के अनसाॅल्वड पेपर्स,डेस्क वर्क आदि में दिए गए प्रश्नों को,सवालों को हल करें।आंसरशीट को देखे बिना लिखने का अभ्यास करें।रोजाना नियमित रूप से सतत अभ्यास करें।यों सत्रारम्भ से रोजाना कम से कम एक घंटा पुनरावृत्ति के लिए निर्धारित करना चाहिए।दिनभर आपने जो पाठ याद किया है,शिक्षा संस्थान (स्कूल या कोचिंग संस्थान) में जो भी पढ़ाया गया है उसको इस निर्धारित एक घंटे में रोजाना पुनरावृत्ति करना चाहिए।इसके अलावा साप्ताहिक रूप से रविवार (छुट्टी) के दिन तो पूरे सप्ताह पढ़े हुए,याद किए हुए चैप्टर्स,लेसन की पुनरावृत्ति करनी चाहिए।
  • गणित तथा अन्य विषयों को याद करने,पुनरावृत्ति करने की प्रकृति में थोड़ी भिन्नता है।गणित में प्रैक्टिकली अधिक से अधिक सवालों को नोटबुक में हल करना,अभ्यास करना पुनरावृत्ति होती है,मानसिक रूप से तथा लिखकर सूत्रों को याद करना होता है।प्रमेयों को समझकर याद करना और लिखकर अभ्यास करना होता है।
  • जबकि अन्य विषयों में जैसे विज्ञान,भौतिक शास्त्र,रसायन शास्त्र,अंग्रेजी आदि में टॉपिक को समझकर हृदयंगम करें,याद करें।इसके बाद उसको लिखकर देखें कि आपको याद हुआ है या नहीं।यदि आप सही रूप में लिख लेते हैं तो समझना चाहिए कि याद हो चला है परंतु पुनरावृत्ति समय-समय पर अवश्य करते रहे ताकि उसको भूलें नहीं।यदि लिखने में अड़चन आ रही हो तो फिर से उसे याद करें और पुनः लिखें,बार-बार याद करके लिखने का अभ्यास करें।
  • यदि विषयवस्तु बहुत लंबी चौड़ी है और उसको याद कर लिया है तो पुनरावृत्ति करते समय क्रमवार न लिखें बल्कि उल्टे-सुलटे रूप में और टुकड़ों में लिखकर याद करें (पुनरावृत्ति करें)।उदाहरणार्थ विरंजक चूर्ण \left(CaOCl_{2}\right) में आपने इसके निर्माण की विधि,रासायनिक समीकरण व रासायनिक सूत्र,विरंजक चूर्ण का उपयोग आदि के क्रम से याद किया है तो पुनरावृत्ति करते समय कभी उपयोग पहले,फिर निर्माण विधि तथा बाद में रासायनिक सूत्र और रासायनिक समीकरण तथा कभी रासायनिक समीकरण व सूत्र पहले,इसके बाद विरंजक चूर्ण का उपयोग तथा अंत में निर्माण विधि के क्रम से मानसिक रूप से लिखकर पुनरावृत्ति करें।अर्थात् पुनरावृत्ति करते समय किसी भी बड़े व कठिन टॉपिक अथवा सरल व लंबे टॉपिक को टुकड़ों में और उन टुकड़ों का क्रम बदल-बदल कर पुनरावृत्ति करें।इससे फायदा यह होगा कि इस टॉपिक के आंशिक भाग का प्रश्न पूछा जाए तो आप तत्काल उसका उत्तर दे सकेंगे जबकि एक ही क्रम से बार-बार पुनरावृत्ति करने पर बीच में या अंत के भाग से प्रश्न पूछे जाने पर उत्तर देते समय हमें पूरी थ्योरी को मानसिक रूप से दोहराना पड़ता है जिसमें अधिक समय लगता है।साथ ही किसी भी टाॅपिक के सही क्रम का भी अभ्यास होना चाहिए।
  • इसके अलावा याद की गई थ्योरी,टॉपिक को प्रश्न बनाकर भी पुनरावृत्ति कर सकते हैं।जैसे विरंजक चूर्ण के उपयोग लिखिए।विरंजक चूर्ण का रासायनिक समीकरण व उसका रासायनिक सूत्र लिखो।अथवा विरंजक चूर्ण को बनाने की संक्षिप्त कार्य विधि (निर्माण) व रासायनिक समीकरण लिखिए।तीसरा तरीका यह है संक्षिप्त में या पॉइंटवाइज नोट्स बनाएं हैं तो उनको विस्तृत रूप से लिखकर पुनरावृत्ति करें।जहां भी कमजोरी दिखाई देती है,उसको पुस्तक से,मित्रों से डिस्कस करके अथवा अध्यापक से पूछ कर उसको दूर करने का प्रयास करें।इस प्रकार पुनरावृत्ति करने से विषयवस्तु पर मजबूत पकड़ हो जाएगी।

4.संतुलित दिनचर्या का पालन करें (Follow a balanced routine):

  • अक्सर छात्र-छात्राएं परीक्षा के दिनों में परीक्षा के दबाव या माता-पिता अथवा शिक्षकों के दाब-दबाव से विश्राम व नींद के समय को कम कर देते हैं।माता-पिता व शिक्षकों को वैसे तो बच्चों पर मानसिक व शारीरिक अथवा किसी भी प्रकार का दाब-दबाव नहीं डालना चाहिए,बल्कि बच्चों की सेहत,नींद,खान-पान का ध्यान रखना चाहिए।उनको संतुलित दिनचर्या का पालन करने में सहयोग करना चाहिए।अनावश्यक तनाव,चिंता करने व नींद तथा विश्राम को कम करने से विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को तो नुकसान पहुंचता ही है साथ ही पढ़ाई के प्रति मन एकाग्र नहीं रहता है जिससे फायदा होने के बजाय नुकसान होता है।
  • यदि आप रात-रात भर जागकर अथवा कम विश्राम करके अध्ययन करेंगे तो जो पढ़ा हुआ है,जो याद किया हुआ है,उसे भी भूल जाएंगे।पढ़ने में निरंतरता नहीं रहेगी,उच्चाटन होगा और हो सकता है आप बीमार भी पड़ जाए।ऐसी स्थिति में आपका रिजल्ट भी खराब हो सकता है और शरीर को रिकवर करने में समय लग सकता है।परीक्षा के बिल्कुल नजदीक कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो बेहतरीन परिणाम प्राप्त किया जा सकता हैं।याद रखें स्वास्थ्य,संतुलन खान-पीन,शांत वातावरण,संतुलित दिनचर्या,माता-पिता व शिक्षक का सम्बल आदि का भी आपके अध्ययन में कम महत्त्वपूर्ण योगदान नहीं है।अतः इन सब के प्रति लापरवाह न रहें।
  • रोजाना ध्यान-योग,आसन-प्राणायाम करें जिससे आप एनर्जिक और एक्टिव महसूस करेंगे।थकान महसूस नहीं करेंगे।मन को एकाग्र करने में मदद मिलेगी और अध्ययन पर अपने आपको फोकस कर पाएंगे।खान-पान,तला-भुना,चटपटे,मसालेदार,काॅफी,जंक फूड,फास्ट फूड लेने से परहेज करें।इस प्रकार का आहार लेने से जी मिचलाना,कब्ज,गैस आदि अनेक विकारों से ग्रस्त हो सकते हैं।अतः पौष्टिक,सुपाच्य,भूख से कम भोजन का सेवन करें।प्यास नहीं लगे तो भी एक-एक घंटे के अंतराल से एक गिलास पानी पीते रहें इससे आपका शरीर हाइड्रेट रहेगा।शरीर में आवश्यक उष्णता नहीं बढ़ेगी और अनेक मानसिक व शारीरिक रोगों से बचे रहेंगे।
  • कोशिश यही करें कि रात को जल्दी अथवा समय पर हो जाएं और सुबह जल्दी उठकर पढ़ने का क्रम रखें।यदि देर रात तक पढ़ने की आदत बना रखी है और सुबह देर से उठते हैं तो भी पर्याप्त नींद लें।पर्याप्त नींद नहीं लेंगे तो पढ़ाई से ध्यान भंग होगा,आलस्य बढ़ेगा,पढ़ाई में मन नहीं लगेगा,पढ़ाई से उच्चाटन होगा और आप समझ ही नहीं पाएंगे कि यह सब क्यों हो रहा है और इन सबसे मुक्त कैसे हों? रात को देर तक तथा सुबह देर से उठने के अभ्यस्त हैं तो रात को जल्दी सोने व सुबह जल्दी उठने की प्रक्रिया चालू न करें।क्योंकि एक बार शरीर जिस आदत का अभ्यस्त हो जाता है,उस आदत को छोड़ते ही शुरू-शुरू में शरीर प्रतिक्रिया देने लगता है।अतः यदि आप इस आदत में सुधार करना चाहते हैं तो परीक्षा के बाद अपनी अनुकूल परिस्थिति के समय इस आदत में सुधार करें।परंतु बिस्तर पर लेटकर,दीवार का सहारा लेकर अथवा पीठ टिकाकर पढ़ने की आदत है तो तुरंत इस आदत को त्याग दें।सोते समय लाइट बिलकुल बंद कर दें इससे नींद गहरी आती है और बीच में नींद नहीं टूटती है।परंतु बिना लाइट के सोने के अभ्यस्त नहीं है तो हल्की रोशनी में सोएं।बिल्कुल खाली पेट अध्ययन ना करें।यदि कुछ भी खा नहीं सकते हैं तो पानी ही पी लें।क्योंकि खाली पेट से खुश्की बढ़ती है और एकाग्रता भंग होती है।

5.विद्यार्थियों के लिए अन्य सुझाव (Other Tips for Students):

  • यदि अध्ययन की कोई योजना या रणनीति बनाई हुई है और उसका पालन कर रहे हैं तो एकाएक परीक्षा के निकट बदलाव न करें।थोड़ा-सा बदलाव (फुटकर रूप में) कर सकते हैं।परंतु इतना बड़ा बदलाव नहीं करना चाहिए जिससे आप फॉलो ही न कर सकते हों अथवा अपने आपको उसका अभ्यस्त नहीं कर सकते हैं।नकारात्मक विचार करने से बचें और सकारात्मक चिंतन करें।परीक्षा में आपकी परफॉर्मेंस अच्छी ही रहेगी,इस प्रकार का आशावादी दृष्टिकोण रखें और दत्तचित्त होकर तैयारी करें।
  • जो लोग आपकी उन्नति व प्रगति से ईर्ष्या करते हैं अथवा नकारात्मक बात ही करते हैं,ऐसे लोगों से दूरी बना लें,उनके संपर्क में न रहें।ऐसे लोग आपकी रही-सही,बची हुई हिम्मत को भी खत्म कर देंगे,आपका हौसला तोड़ देंगे।याद रखें हौसला व आत्मविश्वास के बल पर आप परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सकते हैं,तो भी परीक्षा में बेहतरीन परफॉर्मेंस,आपको जो कुछ याद है,आपने जो कुछ याद किया है उसको व्यक्त करने का जज्बा प्रदान करता है।
  • अपने कर्म पर,अपनी मेहनत पर,अपने आप पर यकीन रखें और सतत कठिन परिश्रम करते रहें।अपनी कमजोरियों को समय रहते हुए पहचान कर उसमें दिन-प्रतिदिन सुधार करते रहें और आगे बढ़ते रहें।
  • परीक्षा हमारे जीवन का अंग है,हर परीक्षा हमारी काबिलियत को प्रकट करती है।शैक्षिक परीक्षाओं से ही नहीं हम कई अन्य परीक्षाओं से भी गुजरते हैं,यह अलग बात है कि उनकी तरफ हमारा ध्यान नहीं रहता है।परीक्षा हमारी यात्रा के मील का पत्थर है।परीक्षा यह सिद्ध करती है कि यात्रा को हमने कितनी काबिलियत के साथ तय किया है।यदि आप रो-पीट कर,घबराकर,हताश,निराश होकर परीक्षा देंगे तो जो कुछ हम प्राप्त कर सकते हैं,जो व्यक्तित्व हमारा निर्माण हो सकता था वह नहीं हो सकेगा।
  • जो रणनीति या योजना बनाई जाए,उसे अच्छी तरह सोच समझकर बनाएं,व्यावहारिक योजना बनाएं।लेकिन एक बार रणनीति व योजना को बनाने के बाद उस पर चलते हुए अवरोधों व रूकावटों से घबराकर रणनीति नहीं बदलनी चाहिए।अपना खोसला मजबूत और नेक इरादे रखें,आपको मंजिल अवश्य मिलेगी,आप वांछित सफलता अवश्य प्राप्त करेंगे,आप परीक्षा में अवश्य सफल होंगे।लेकिन यह सब कब होगा,जब आप अपनी रणनीति को कार्यान्वित करेंगे।केवल योजना या रणनीति बना लेने से उत्तीर्ण नहीं हो सकेंगे,बल्कि आपकी कड़ी मेहनत,आपका हौसला,आपका जुनून ही आपको उत्तीर्ण करायेगा।समय प्रबंधन,समय सारणी बनाए और इसका कड़ाई से पालन करें।अपनी समस्त शक्तियों,क्षमताओं को लगा दें।अपनी संपूर्ण ऊर्जा को खंडित ना होने दे,बल्कि समस्त ऊर्जा को केंद्रित करके अपने अध्ययन करने पर लगा दें।जैसे बिखरी हुई सूर्य की किरणों को आतिशी शीशा एकाग्र कर देता है तो कागज भी जल उठता है,इतनी शक्ति उत्पन्न हो जाती है,आप भी उसी तरह अपनी ऊर्जा को अनावश्यक सोच विचार,अनावश्यक कार्यों की तरफ ना लगाएं,जीत आपकी ही होगी।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में बोर्ड परीक्षा के लिए 5 अचूक मंत्र (5 Surefire Spells for Board Exam),छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा की तैयारी के 5 अचूक मंत्र (5 Surefire Exam Preparation Mantras for Students) के बारे में बताया गया है।

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6.परीक्षा का डर (हास्य-व्यंग्य) (Fear of Exams) (Humour-Satire):

  • पिताजी (रिंकी से):अरे तुम्हारा शरीर इस तरह क्यों काँप रहा है,तुम तो बुरी तरह से थर-थर काँप रही हो।सर्दी लग रही है क्या?
  • रिंकी:नहीं पापा,परीक्षा ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है,त्यों-त्यों मुझे बहुत डर लग रहा है,क्या पता परीक्षा कैसी होगी?
  • पिताजी:तो इसमें डरने की जरूरत तुम्हें नहीं है,डर तो परीक्षा को लगना चाहिए,पीली तो उसे पड़ना चाहिए,दुबली तो उसे पड़ना चाहिए।तुम बिल्कुल मत घबराओ,हम है ना तुम्हारे साथ।परीक्षा तो दुम दबाकर भाग जाएगी।
  • रिंकी:पिताजी आपकी बात अपनी जगह सही है परन्तु परीक्षा देने मुझे ही जाना है,आप मेरी एवज में परीक्षा देने तो नहीं जा सकते न।परीक्षा का सामना तो मुझे ही करना है न।

7.बोर्ड परीक्षा के लिए 5 अचूक मंत्र (Frequently Asked Questions Related to 5 Surefire Spells for Board Exam),छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा की तैयारी के 5 अचूक मंत्र (5 Surefire Exam Preparation Mantras for Students) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.परीक्षा के डर को कैसे निकालें? (How to overcome the fear of exams?):

उत्तर:मानसिक संतुलन बनाए रखें।हौसला रखें।परीक्षा हमारे जीवन का अंग है।जीवन के हर पड़ाव पर परीक्षा से गुजरना पड़ता है।प्रश्न पत्र में पहले वो प्रश्न हल करें जो आप अच्छे से कर सकते हैं।इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

प्रश्न:2.क्या तनाव का होना स्वाभाविक है? (Is it natural to be stressed?):

उत्तर:परीक्षा के समय हल्का-फुल्का तनाव तो हो जाता है।परंतु आप अपने आप को अध्ययन में व्यस्त रखें।फालतू की बातों के लिए समय न दें,हां कुछ मनोरंजन अवश्य करें जिससे तनाव हावी नहीं होगा।तनाव को दूर करने के लिए क्षमा धारण करने वाला आर्टिकल पढ़ें।

प्रश्न:3.अपने आप को प्रेरित कैसे करें? (How do you motivate yourself?):

उत्तर:अपनी पिछली सफलताओं को याद करें और उत्साहित करें।यह कल्पना करें कि आप परीक्षा में उत्तीर्ण होंगे तब आपकी कितनी वाहवाही होगी।इस प्रकार से अपने आप को प्रफुलित रखें एवं प्रेरित करें।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा बोर्ड परीक्षा के लिए 5 अचूक मंत्र (5 Surefire Spells for Board Exam),छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा की तैयारी के 5 अचूक मंत्र (5 Surefire Exam Preparation Mantras for Students) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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