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5 Golden Tips for Reading Now or Never

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1.अध्ययन अभी नहीं तो कभी नहीं की 5 स्वर्णिम टिप्स (5 Golden Tips for Reading Now or Never),अध्ययन अभी नहीं तो कभी का मंत्र सीखें (Learn Spell of Study Now or Never):

  • अध्ययन अभी नहीं तो कभी नहीं की 5 स्वर्णिम टिप्स (5 Golden Tips for Reading Now or Never) के आधार पर आप अपनी पढ़ाई,अध्ययन को गति दे सकेंगे।प्री बोर्ड परीक्षा,वार्षिक परीक्षा,कॉलेज की परीक्षा,जेईई-मेन प्रवेश परीक्षा आदि के लिए अब कुछ माह ही शेष रह गए हैं।
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2.पढ़ाई को लटकाने के कारण (Reasons for delaying studies):

  • अक्सर छात्र-छात्राएं अपनी लेटलतीफी,आलस्यवश या बेकार के कामों में अपना समय बर्बाद करते रहते हैं।ऐसे छात्र-छात्राएं अपने को व्यस्त ही नहीं,बहुत ही व्यस्त दर्शाते हैं।समय की कमी से परेशान रहते हैं और कोर्स पूरा न होने का जिक्र करते हैं।
  • इसके अलावा कुछ छात्र-छात्राएं ऐसे भी होते हैं जो अध्ययन करने की रणनीति भी बनाते हैं,योजना बनाते हैं परंतु अधबीच में किसी भी कारणवश रणनीति का पालन नहीं कर पाते हैं और अध्ययन पर ब्रेक लगा देते हैं।
  • कुछ छात्र-छात्राएं ऐसे भी होते हैं जो सत्रारम्भ से ही अध्ययन को जारी रखे हुए हैं परंतु मासिक टेस्ट,अर्धवार्षिक परीक्षा या होने वाली प्री बोर्ड परीक्षा में प्रदर्शन बेहतर नहीं रहता है।
  • परंतु कुछ छात्र-छात्राएं ऐसे भी होते हैं जो सत्रारम्भ से ही अध्ययन जारी रखते ही हैं साथ ही मासिक टेस्ट,रैंकिंग टेस्ट,अर्धवार्षिक परीक्षा,प्री बोर्ड या वार्षिक परीक्षा तक उनका प्रदर्शन निखरता ही चला जाता है।
  • वस्तुतः जो छात्र-छात्राएं पिछड़े हुए हैं यदि वे अपने अध्ययन के तौर-तरीकों और सफल व श्रेष्ठ विद्यार्थियों के पढ़ने के तौर-तरीकों से तुलना करेंगे तो स्पष्ट रूप से यह अंतर समझ में आ जाएगा।
  • कई छात्र-छात्राएं बीमारी या आकस्मिक दुर्घटना के कारण भी पढ़ाई को जारी नहीं रख पाते हैं।कुछ विद्यार्थी सोशल मीडिया पर अपना समय व्यतीत करते हैं।उपर्युक्त कारणों में अधिकांश कारण ऐसे हैं जिन्हें टाला जा सकता था या टाला जा सकता है परंतु अपने आपको तथाकथित मॉडर्न स्टूडेंट दिखाने,पढ़ाई के समय में मौज-मस्ती और ऐशोआराम करने में गुजारना उन्हें उपयुक्त लगता है।
  • ऐसे विद्यार्थियों को यह पता ही नहीं होता है कि कौनसे अति महत्त्वपूर्ण,महत्त्वपूर्ण और आवश्यक कार्य हैं।कौनसे कार्य आपातकालीन,कम महत्त्वपूर्ण या आवश्यक कार्य हैं।अतः ऐसे विद्यार्थी कम महत्त्वपूर्ण कार्य या व्यर्थ के कार्य करने में अपने कीमती समय को बर्बाद करते रहते हैं।
  • हम आपको बता देते हैं कि एक विद्यार्थी के लिए कम महत्त्वपूर्ण या सामान्य कार्य हैःदोस्तों से मिलना,टेलीविजन देखना,बाहर घूमना-फिरना,सोशल मीडिया पर व्यस्त रहना आदि।व्यर्थ के काम हैंःटाइम पास के लिए अपने मित्रों या गर्लफ्रेंड से घंटों मोबाइल फोन पर बातचीत करना,दोस्तों से बिना उद्देश्य के गप्पें मारना,सोशल नेटवर्किंग या अन्य वेबसाइट पर लगे रहना,बहुत अधिक टेलीविजन देखना या बहुत अधिक सोना आदि।
  • एक विद्यार्थी के लिए अति महत्त्वपूर्ण कार्य है परीक्षा देना और परीक्षा स्थल पर समय से पहुंचना।महत्त्वपूर्ण कार्य हैंःपरीक्षा के लिए अध्ययन करना,मॉडल पेपर्स सॉल्व करना,मॉक टेस्ट देना,मासिक,रैंकिंग टेस्ट देना,नोट्स बनाना,उनका अध्ययन करना,याद करना,रिवीजन करना तथा अपना मूल्यांकन करते हुए लगातार अपने आपमें सुधार करते रहना।

3.अभी नहीं तो कभी नहीं का मंत्र सीखें (Learn the mantra of now or never):

  • यदि विद्यार्थी का प्रदर्शन लगातार गिरता जा रहा है,अध्ययन करने के कारण भी उनके प्रदर्शन में सुधार नहीं हो रहा है तो अब समय ऐसा आ गया है कि आपकी स्टडी पीक पॉइंट पर पहुंच जानी चाहिए।
  • बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए मात्र दो-ढाई माह का समय शेष है,जेईई-मेन जैसी प्रवेश परीक्षा भी सिर पर ही है।जो अभ्यर्थी बार-बार किसी प्रतियोगिता परीक्षा में असफल हो रहे हैं,उनका चयन नहीं हो पा रहा है।ऐसे सभी विद्यार्थियों,अभ्यर्थियों को अभी नहीं तो कभी नहीं के मंत्र पर अमल करना चाहिए।
  • इस मंत्र का संकल्प और इरादा करने पर विद्यार्थी अधिक सक्रिय,सजग और सावधान हो जाता है।अपनी पढ़ाई के प्रति सचेत होकर अपनी त्रुटियों पर ध्यान केंद्रित करता है और उन्हें ढूंढ-ढूंढ कर दूर करता चला जाता है जिससे उसका प्रदर्शन सुधरता चला जाता है।
  • हमारे जीवन का एक-एक क्षण,एक-एक पल,एक-एक मिनट,एक-एक दिन अनमोल है और इसके एक पल को गुजरने के बाद किसी भी कीमत पर पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
  • हमारे प्रदर्शन का गिरने का एक कारण यह भी हो सकता है कि हम रुटीन तरीके से,परंपरागत तरीके से,पढ़ाई को बोझ समझकर,माता-पिता या शिक्षक के दबाव डालने के कारण करते हैं।
  • यदि हम पढ़ाई को दिल से,साधना समझकर,पूजा समझकर,आराधना समझकर करते हैं तो पढ़ाई में आनंद भी महसूस होता है।उसका परिणाम भी अच्छा रहता है और प्रदर्शन भी निखरता चला जाता है।
  • पढ़ाई करना तप और साधना है तथा तप-साधना में सुख-सुविधाओं का भोग करने की नहीं बल्कि कष्टों को सहन करना पड़ता है।हमेशा अपने आपको होश में रखना होता है,हर कार्य समझदारी से करना पड़ता है।यथा किस काम को करना मेरे लिए आवश्यक है,किस काम को किस तरह करूं,किसी काम को करने में किसका सहयोग लूं,किस तरीके से काम को करने पर बेहतरीन परिणाम कम समय में प्राप्त किया जा सकता है।
  • दरअसल कई काम हम बेहोशी की हालत में करते हैं।यानी शरीर से तो हम जगे हुए होते हैं परंतु मानसिक रूप से कहीं ओर जगह गोते लगाते रहते हैं।ऐसी स्थिति में पढ़ाई व परीक्षा अथवा प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम बेहतरीन कैसे प्राप्त किया जा सकता है।बेहोशी की हालत में हम शारीरिक रूप से तो अध्ययन कर रहे होते हैं,परंतु हमारा मन एकाग्र नहीं होता है और मन में कई तरह के विचार चलते रहते हैं।
  • अब परीक्षा का समय बिल्कुल निकट आ गया है,तो अब तो हमें इस बेहोशी को त्यागकर होशपूर्वक स्टडी करना चाहिए वरना यह समय भी ऐसे ही गुजार दिया तो परीक्षा के निकट या परीक्षा परिणाम के बाद होश में आए भी तो क्या फायदा?
  • अभी नहीं तो कभी नहीं का यह मंत्र उसी तरह हमारे लिए कारगर हो सकता है जैसे सन 1942 के आसपास गांधी जी ने अपनी लीक (अहिंसा) से हटकर करो या मरो का नारा दिया था।फलस्वरूप जनक्रांति पैदा हो गई थी।लाखों लोग घरों से बाहर निकलकर सड़कों,चोराहों तथा विभिन्न स्थानों पर एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे थे।इस करो या मरो की नीति जैसे आंदोलन के कारण अंग्रेजों को अपना बोरिया बिस्तर बांधकर यहां से भागना पड़ा था।इसी प्रकार आप भी अभी नहीं तो कभी नहीं का संकल्प लेकर अपना अध्ययन शुरू कर दें।इसके लिए नीचे दिए गए कुछ सूत्रों का पालन करें

4.अध्ययन के लिए कुछ उपयोगी सूत्र (Some useful formulas for study):

  • अर्द्धवार्षिक,प्री बोर्ड की परीक्षा को बोर्ड परीक्षा की तरह मानकर देने पर भी प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता है तो अब आपको पूरे होश के साथ सावधान होकर अध्ययन करना चाहिए।अध्ययन को काफी समय से किसी भी व्यवधान के कारण टालते आ रहे हैं,तो उसे तुरंत आरंभ कर दें।
  • घर में जहां सभी लोग बैठते-उठते हैं,टीवी देखते हैं,भोजन करते हैं वहाँ अध्ययन करने के बजाय किसी एकांत कमरे में अध्ययन करें जिससे आपका ध्यान भंग ना हो।रोजाना प्रातः काल मन को एकाग्र करने का अभ्यास करें।मन को एकाग्र करने के लिए कई लेख इस वेबसाइट पर मिल जाएंगे।उन्हें पढ़ने से आपको पता चल जाएगा की मन को काबू में कैसे किया जाता है।
  • मन को एकाग्र किए बिना कोई सद्गुरु,शिक्षक अथवा पुस्तक का अध्ययन भी आपको लाभ नहीं पहुंचा सकता है।अतः अध्ययन करने के लिए मन को एकाग्र करने का प्रातः काल ही नहीं,पढ़ते समय भी एकाग्रता को बनाए रखना चाहिए।निरंतर धैर्यपूर्वक अभ्यास करने से ही मन एकाग्र होता है।
  • आपके लिए सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य है अध्ययन करना।अपने आपको अध्ययन पर फोकस करें।याद रखें माता-पिता,मित्र-संबंधी सभी आपकी सफलता में साथ होते हैं और असफल होने पर आपके हजारों सलाहकार बन जाते हैं और आपमें अनेक कमियां बता देंगे।अतः ऐसा काम ना करें जिससे आपको असफलता का मुँह देखना पड़े।अपना पूरा ध्यान अध्ययन पर केंद्रित करें।
  • अध्ययन को सही तरीके से करने के लिए एकाग्रता सबसे जरूरी है।इसके साथ ही व्यवधान करने वाली चीजों व बातों से दूर रहें।जैसे दिन को शोर-शराबा रहता है तो प्रातः काल जल्दी उठकर अध्ययन कर सकते हैं।सोशल मीडिया का संतुलित और जरूरी होने पर ही इस्तेमाल करें।घर में शोर-शराबा या अन्य कोई हलचल हो तो एकांत स्थान पर बैठकर अध्ययन कर सकते हैं।यदि घर में शांत वातावरण उपलब्ध नहीं है तो नगर के किसी वाचनालय,लाइब्रेरी में अध्ययन कर सकते हैं।गांवों और ढाणियों में तो अब भी वातावरण शांत रहता है।अतः गांव के विद्यार्थी तो अपने घर पर अध्ययन कर सकते हैं।अध्ययन के समय गाॅसिप करते हैं और बार-बार मोबाइल में नोटिफिकेशन देखते हैं तो इनसे बचें।
  • जो विद्यार्थी सजग है,अध्ययन के प्रति गंभीर है वे सबसे कम जरूरी काम को बाद में करते हैं।सबसे जरूरी काम अर्थात् अध्ययन के काम को पहले करते हैं।योजनाबद्ध और व्यवस्थित ढंग से अपने प्रतिदिन,साप्ताहिक,पाक्षिक और मासिक अध्ययन के कार्य को निपटाते हैं।ऐसे विद्यार्थियों को पता होता है कि सुबह,दोपहर और शाम को कौन-सा काम कब और कैसे निपटाना है।यदि आवश्यक हो तो सहयोग लेने में ना चूकें।इससे न केवल समय की बचत होती है,बल्कि कम समय में अधिक काम निपटाया जा सकता है।
  • यदि वक्त बर्बाद नहीं करेंगे,समय प्रबंधन का गुर जानते हैं तो आप न केवल अपने अध्ययन के कार्य को निपटा सकते हैं बल्कि आपके पास अतिरिक्त समय भी बच जाएगा।इस अतिरिक्त समय में आप मन को एकाग्र करने,हल्का-फुल्का व्यायाम करने में कर सकते हैं,कुछ मनोरंजन कर सकते हैं।यानी अतिरिक्त समय को उपयोगी कार्य में व्यतीत करें।
  • रात में पर्याप्त नींद लें (6-7 घंटे) और सुबह व दिन को जमकर अध्ययन करें।यदि आप पर्याप्त नींद नहीं लेंगे तो अध्ययन करते समय आलस्य घेर लेगा,उबासी आएगी और शरीर सुस्त रहेगा।दिनभर एक्टिव रहकर और पूरी एनर्जी के साथ अध्ययन नहीं कर पाएंगे।भोजन संतुलित लें।तले-भुने,चटपटे,तेज मिर्च-मसाले वाले पदार्थ व व्यंजन का सेवन नहीं करें।भोजन व नाश्ता संतुलित व पौष्टिक लें।सेहत के किसी भी पहलू को नजरअंदाज नहीं करें अन्यथा आपकी पढ़ाई प्रभावित होगी।

5.अध्ययन करने का निष्कर्ष (Conclusion of the study):

  • आप अपने लक्ष्य से जुड़े (अध्ययन) हुए महत्त्वपूर्ण और अति महत्त्वपूर्ण कार्य ही करें।ऐसे कार्य न करें जो थोड़े समय का मौज मजा तो देते हों,अल्पकालिक लाभ तो देते हों,लेकिन लक्ष्य (अध्ययन) से भटकाने वाले हों वरना अब इन दो-तीन माह के समय में भी अपने आवश्यक कार्य (अध्ययन) को नहीं निपटा पाएंगे।ध्यान रखिए आपके पास समय सीमित है,इसे इधर-उधर लगाएंगे तो आपका लक्ष्य,मिशन (अध्ययन व परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना) आपसे दूर होता चला जाएगा।
  • आप ऐसे कार्यों की सूची अवश्य रखें जिन्हें आप दूसरों से करवा सकते हैं या उन कार्यों का कोई एक भाग किसी और की सहायता से किया जा सकता है।आप अपने मित्र,सहपाठी या अपने सहकर्मियों से ऐसे कार्यों के लिए मदद ले सकते हैं जो उनके लिए सरल हों।इससे आपका बहुमूल्य समय बचेगा,जिसे आप अपने अध्ययन कार्य को निपटाने में कर सकेंगे।
  • आपकी दिनचर्या संतुलित होनी चाहिए।अंग्रेजी में कहावत हैःWork while you work,play while you play जिसका अर्थ है कि जो भी करें पूरा डूब कर करें।एक संतुलित दिनचर्या ही एक सही वर्क लाइफ बेलेंस (work-life balance) अर्थात् कार्य-जीवन संतुलन का आधार स्तंभ है।इससे आप पर तनाव हावी नहीं होगा।समय निकलता जा रहा है और परीक्षाएँ निकट आती जा रही हैं।
  • कोई व्यक्ति यदि आपको कोई काम सौंपता है और आप ना नहीं कह सकते,परंतु उसे नाराज भी नहीं कर सकते तो ना कहना ही बेहतर है।क्योंकि ना कहने से वह कुछ देर के लिए नाराज होगा परंतु हां कहने और काम नहीं करने से वह आपसे अधिक नाराज हो जाएगा।इससे अच्छा है कि आप पहले ही उसे ना कह दें।
  • दसवीं क्लास तथा 12वीं क्लास आपके करियर के लिहाज से बहुत ही महत्त्वपूर्ण है।आप यह कह लीजिए कि आपके करियर की फाउंडेशन 12वीं क्लास तक लग चुकी होती है।अब आपकी नींव जितनी मजबूत और टिकाऊ होगी आपका कैरियर भी उतना ही उज्ज्वल,मजबूत और दीर्घजीवी होगा।
  • यदि आपका कोर्स पूरा हो चुका हो,नोट्स तैयार हो चुके हों तो नोट्स से रिवीजन करें और मॉडल पेपर्स को हल करें।मॉक टेस्ट के द्वारा अपना मूल्यांकन करते रहें और जहां भी कमजोरी दिखाई दे,जो भी वीक प्वाइंट्स हों उन्हें मजबूत करने का भरसक प्रयास करें।यदि वीक प्वाइंट्स,टॉपिक्स आपको समझ में नहीं आ रहे हैं हो तो अपने मित्रों या शिक्षकों से मिलकर उनको क्लियर कर लें।
  • पूर्ण रणनीति का फॉलो करोगे,योजनाबद्ध व व्यवस्थित अध्ययन करेंगे,अपने आपको अध्ययन पर एकाग्र करेंगे तो परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकेगा।यह लेख बोर्ड परीक्षा,प्रवेश परीक्षाओं,प्रतियोगिता परीक्षाओं आदि सभी के लिए सांझे रूप से उपयोगी है।सारांश यही है कि अभी नहीं तो कभी नहीं,डू एंड डाई (करो या मरो) की नीति अपनाएंगे तो सफलता निश्चित है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में अध्ययन अभी नहीं तो कभी नहीं की 5 स्वर्णिम टिप्स (5 Golden Tips for Reading Now or Never),अध्ययन अभी नहीं तो कभी का मंत्र सीखें (Learn Spell of Study Now or Never) के बारे में बताया गया है।

Also Read This Article:4 Tips for Executing Study Plan

6.शिक्षक को कसरत करवाई (हास्य-व्यंग्य) (Gave Teacher a Workout) (Humour-Satire):

  • एक छात्र कोचिंग सेंटर गया और बोला:सर!गणित का पूरा कोर्स,विज्ञान का आधा कोर्स,अंग्रेजी की ग्रामर,हिन्दी के मुख्य-मुख्य टॉपिक,सामाजिक विज्ञान के पांच चैप्टर तथा संस्कृत की व्याकरण की फीस जोड़कर बता दीजिए।
    शिक्षक ने सभी विषयों की फीस जोड़कर बता दिया।
  • छात्र ने पूछा यह कितना कोर्स हो गया?
  • शिक्षक:अरे बेटे,यह तो लगभग सभी विषयों को पूरा कोर्स हो गया।
  • छात्र:सर!अब गणित के तीन चैप्टर पढ़ा दीजिए।

7.अध्ययन अभी नहीं तो कभी नहीं की 5 स्वर्णिम टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 5 Golden Tips for Reading Now or Never),अध्ययन अभी नहीं तो कभी का मंत्र सीखें (Learn Spell of Study Now or Never) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.अपने आप को एनर्जिक कैसे महसूस करें? (How do you feel energized?):

उत्तर:अध्ययन के अलावा कुछ समय हाॅबी के लिए निकालें।ऐसे मित्रों के संग-साथ ही रहें जो आपको उत्साहित करते हों,आपको मिशन प्राप्ति में मदद करते हों,लक्ष्य के प्रति सजग करते हों।हाॅबी के लिए सत्साहित्य,व्यावहारिक ज्ञान की पुस्तकों का अध्ययन करें तथा अच्छे लोगों की संगत में रहें।संतुलित दिनचर्या का पालन करें।

प्रश्न:2.अपने अध्ययन को गति कब दें? (When to speed up your study?):

उत्तर:यही समय है जब आपको अपने पढ़ने की गति बढ़ानी चाहिए ताकि आप पर परीक्षा के समय तनाव हावी न हों।यदि परीक्षा के नजदीक अतिरिक्त समय बच जाए तो उस समय को रिवीजन करने,मॉक टेस्ट देने,मॉडल पेपर्स को सॉल्व करने में उपयोग में लें।इससे  आपकी सब्जेक्ट पर मजबूत पकड़ हो जाएगी और आप तनाव मुक्त होकर परीक्षा दे सकेंगे।

प्रश्न:3.पढ़ाई को मजबूत आधार कैसे दें? (How to give a strong foundation to study?):

उत्तर:नोट्स को याद करने के साथ-साथ लिखने का भी अभ्यास करें।केवल रटना उचित नहीं है,बल्कि टॉपिक को समझकर याद करें और उसे लिखें भी।जितना लिखने का अभ्यास होगा उतनी ही पढ़ाई का आधार मजबूत होगा।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा अध्ययन अभी नहीं तो कभी नहीं की 5 स्वर्णिम टिप्स (5 Golden Tips for Reading Now or Never),अध्ययन अभी नहीं तो कभी का मंत्र सीखें (Learn Spell of Study Now or Never) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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