Menu

4 Tips to Increase Self-Confidence

Contents hide

1.आत्म-विश्वास बढ़ाने की 4 टिप्स (4 Tips to Increase Self-Confidence),गणित को हल करने के लिए आत्म-विश्वास में वृद्धि करने की 4 टिप्स (4 Tips to Increase Self-Confidence to Solve Mathematics):

  • आत्म-विश्वास बढ़ाने की 4 टिप्स (4 Tips to Increase Self-Confidence) के आधार पर आप जान सकेंगे कि गणित के सवालों और समस्याओं को हल करने में इसका कितना योगदान है? हमारे आत्म-विश्वास को कम करने के लिए भय,चिंता,निराशा,उत्साहहीनता जैसी बुराइयां काम करती रहती है।अतः आत्मविश्वास को बनाए रखने के लिए यह ध्यान रखना चाहिए कि आपकी विचार शक्ति पर भय जैसी कुप्रवृत्तियाँ नियंत्रण न कर पाएं।
  • आपमें अध्ययन और गणित को हल करने की क्षमताएँ मौजूद है किंतु इसके लिए आत्म-विश्वास और लगातार प्रयत्न करते रहना आवश्यक है।
  • ज्ञान का भंडार महान गणितज्ञों,वैज्ञानिकों तथा महापुरुषों के पास ही संचित नहीं है बल्कि हम सभी के पास है,आवश्यकता है तो उस छुपे हुए ज्ञान को निखारने,तराशने व उभारने की।आप आत्म-ज्ञान,आत्म-विश्वास,आत्म-विकास की त्रिवेणी में गोता लगाएंगे तो ज्ञान का भंडार आपके पास भी संचित हो जाएगा।
  • यदि कोई व्यक्ति अथवा छात्र-छात्राएं अपने पाण्डित्य,विद्वता का आपके सामने प्रदर्शन करता है तो इसका यह अर्थ नहीं है कि आपके पास ज्ञान नहीं है अथवा आप अज्ञानी है।
  • विश्वास में महान शक्ति छिपी हुई है चाहे वह विश्वास स्वयं के प्रति हो अथवा भगवान के प्रति।आत्महीनता,आत्मविश्वास की विपरीत स्थिति है। हमारे अंदर आत्महीनता तब आती है जब हम दूसरों से अपने आपकी तुलना करते हैं।आप अपने आपका विश्लेषण कीजिए।आपमें क्या कमी है? आप क्या नहीं कर सकते हैं? आपके पास मस्तिष्क है जिसमें अनंत शक्ति का भंडार छुपा हुआ है।नियमित रूप से आप इस विचार को दोहराते रहेंगे तो देखेंगे कि आपमें आत्मविश्वास की वृद्धि हो रही है।यदि अध्ययन करते समय किसी टॉपिक में कुछ समझ में नहीं आ रहा है अथवा कुछ संशय है तो उस शंका व संशय को बने रहने मत दीजिए बल्कि उसका समाधान कीजिए।
  • अपनी शंकाओं और संशयों को दूर करने पर यह विचार मन में मत लाइए कि इससे आप मूर्ख समझे जाएंगे।ऐसा करने से आपके ज्ञान में वृद्धि और ज्ञान में वृद्धि होने से आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
  • आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके । यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए । आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

Also Read This Article:Sharing Knowledge of Maths Increases

2.पूर्ण एकाग्रता के साथ ज्ञान प्राप्त करें (Acquire Knowledge with Full Concentration):

  • किसी भी कार्य का ज्ञान प्राप्त करने के लिए उसे पूर्ण एकाग्रता के साथ करें।आत्म-विश्वास अपने आपके प्रति विश्वास है।जब आप ज्ञान प्राप्त करते हैं तो आपमें आत्म-विश्वास की वृद्धि होती है।अपने अध्ययन में आत्म-विश्वास प्राप्त करने के लिए अध्ययन पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के साथ करें।
  • मान लीजिए आप गणित की परीक्षा देने जा रहे हैं। परीक्षा से पूर्व आपके अंदर कई सवाल उठ सकते हैं।जैसे मैं बोर्ड की परीक्षा पहली बार देने जा रहा हूं तो इसमें असफल हो जाऊंगा।मैं कड़ी मेहनत करूंगा लेकिन परीक्षा में पास होना बहुत मुश्किल है क्योंकि प्रश्न-पत्र बहुत जटिल आता है।परीक्षा में उत्तीर्ण हो सकता हूं परंतु मुझे इसके लिए कठिन परिश्रम करना होगा क्योंकि इससे पूर्व परीक्षा में भी मैं उत्तीर्ण हुआ हूं।मैं निश्चित रूप से परीक्षा में उत्तीर्ण हो सकता हूं यदि मैं परीक्षा की तैयारी के लिए कठिन परिश्रम करूंगा।यह अंतिम प्रश्न आपके पूर्ण आत्म-विश्वास को दर्शाता है तथा अन्य प्रश्न आपमें आत्मविश्वास की कमी को दर्शाते हैं।
  • आप जितना अधिक अध्ययन करते जाते हैं तो ज्ञान में वृद्धि के साथ-साथ आपमें आत्मविश्वास की वृद्धि होती जाएगी।मसलन आपने परीक्षा से पूर्व गणित की पुस्तक को एक बार पढ़ा है और आपकी पृष्ठभूमि कमजोर है तो गणित का सटीक हल नहीं लिख पाएंगे।यदि आपने परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी पृष्ठभूमि की कमजोरी को दूर किया है साथ ही गणित की पुस्तक के सवालों की पुनरावृत्ति की है तो आपके आत्मविश्वास में पहले की तुलना में वृद्धि हो जाएगी।इस प्रकार जितना गणित का अभ्यास,मनन-चिंतन करेंगे और अपनी कमजोरियों को दूर करते जाएंगे तो ज्ञान में वृद्धि के साथ-साथ आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होती जाएगी।

3.स्वयं की शक्तियों को पहचानें (Recognize Your Own Strengths):

  • हर छात्र-छात्रा में कुछ शक्तियां होती हैं तो कुछ कमजोरियां भी होती है।आपको अपनी कमजोरियों का ज्ञान होना चाहिए।इस बात का ज्ञान तभी होगा जब आप आत्म निरीक्षण करेंगे।आप स्वयं महसूस करेंगे कि इससे आपमें सजगता पैदा होती है।यह सजगता हर क्षण आपको सावधान करती है और आपको समय रहते हुए अपनी कमजोरियों को दूर करने हेतु प्रोत्साहित करती है।आप जितना आत्मनिरीक्षण में सिद्धहस्त होते जाएंगे उतना ही आपको अपनी भूलों का स्वतः ज्ञान होता जाएगा। भूल-चूक,कमजोरी,वीक प्वाइंट्स (weak points) का पता होने पर ही आप उसमें सुधार कर सकते हैं।निरंतर प्रयास करते रहने पर आपका व्यक्तित्व निखरता जाएगा,आप कमजोरियों पर विजय प्राप्त करते जाएंगे।
  • अपनी कमजोरियों और शक्तियों को जानना अर्थात् अपने आपको जानना है तो कठिन परिश्रम परंतु निरंतर प्रयास करने,अभ्यास करने,ध्यान व योग साधना करने से यह कार्य सरल हो जाता है और आप अपने आपको अधिक से अधिक जानने लगते हैं।
  • वर्तमान समय में युवा पीढ़ी दिग्भ्रमित हो रही है। वे दूसरों को जानने,अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने की तो चेष्टा करते रहते हैं परंतु स्वयं के बारे में कोई खबर नहीं है,स्वयं के बारे में कोई जानकारी नहीं है।अब प्राचीन काल जैसे गुरु,ऋषि और संत नहीं है जो आपकी शक्तियों,कमजोरियों से अवगत करा देंगे और आपको अपनी कमजोरियों को दूर करने के लिए विवश कर देंगे।वर्तमान युग में जो ऋषि,चिंतक,मनीषी हैं भी तो प्रत्यक्ष रूप से,व्यक्तिगत रूप से उनसे संपर्क,सानिध्य,निकटता और मार्गदर्शन प्राप्त करना बहुत कठिन है।इसलिए यह कार्य छात्र-छात्राओं को स्वयं ही करना होगा। आप किसी की प्रतीक्षा न करें।यदि आप इस प्रतीक्षा में हैं कि कोई आकर आपकी सहायता,मदद कर देगा तो आप प्रतीक्षा ही करते रह जाएंगे।

4.सफल छात्र-छात्राओं से तुलना करें (Compare with Successful Students):

  • हालांकि दूसरों से तुलना करना ईर्ष्या,जलन,द्वेष पैदा कर देता हैं।परंतु यदि आप काम,क्रोधादि विकारों से मुक्त हैं अथवा आप किसी भी छात्र में दोष दर्शन न करके अच्छाई देखते हैं अथवा तटस्थ भाव से आप किसी दूसरे का निरीक्षण करते हैं तो ऐसी तुलना आपको आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है।
  • ईर्ष्या,जलन,द्वेष से आपमें आत्माहीनता की स्थिति पैदा होती है।जबकि सकारात्मक दृष्टि से देखने,अपनी उन्नति करने की दृष्टि से देखने से आपमें आत्म-विश्वास बढ़ता है।
  • जब आप देखते हैं कि कोई छात्र-छात्रा प्रारंभिक कक्षाओं में फिसड्डी थे लेकिन ज्यों-ज्यों आगे की कक्षाओं में जाने पर उनमें उन्नति,प्रगति और विकास होता गया।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन प्रारंभिक कक्षाओं में फिसड्डी थे। उन्हें गणित के सवाल बिल्कुल भी नहीं आते थे। उनके साथी उन पर मूर्ख की चिट चिपका देते थे। लेकिन आगे जाकर वे गणित और विज्ञान में महान् बन गए।जेम्सवाट जिन्होंने भाप के इंजन का आविष्कार किया था पढ़ने में बिल्कुल फिसड्डी थे परंतु जब उनमें आत्म-विश्वास लौटा,उन्हें आत्मज्ञान हुआ तो महान् वैज्ञानिक बन गए।जिनमें आत्म-विश्वास कूट-कूट कर भरा हुआ हो उसे महान् कार्य करने से कोई नहीं रोक सकता।उन्हें अपनी योग्यता,शक्ति और कार्य पर पूरा भरोसा होता है।छात्र-छात्राओं को आत्म-विश्वास बनाए रखना चाहिए,हर छात्र-छात्रा में अध्ययन करने,गणित पढ़ने की अथवा अन्य प्रतिभा छिपी हुई रहती है।जब आप ऐसे गणितज्ञों,वैज्ञानिकों,चिन्तकों से तुलना करते हैं जो प्रारंभ में गई गुजरी स्थिति में,पढ़ने में फिसड्डी थे लेकिन बाद में महान् कार्य कर सकें हैं तो इससे आपका आत्म-विश्वास बढ़ता है।

Also Read This Article:Math Student Become Behavior Efficient

5.आत्म-विश्वास का दृष्टांत (Parable of Self-belief):

  • एक नगर में गणित के बहुत बड़े ज्ञाता,धर्म,नीति,सदाचार का पालन करने वाले शिक्षक थे।अपनी विद्वता तथा पाण्डित्य के कारण वे दूर-दूर तक प्रसिद्ध थे।देश-विदेश तथा दूर-दूर से उनसे गणित पढ़ने के लिए विद्यार्थी आते थे।इसका कारण था कि गुरुजी पूर्ण एकाग्रता,तन्मयता,समर्पण और आत्मविश्वास से पढ़ाते थे।वे सभी छात्र-छात्राओं का ध्यान रखते थे। उनके पास रजनीश नाम का विद्यार्थी भी पढ़ता था। परंतु रजनीश का पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं लगता था।जब गणित अध्यापक पढ़ाते थे तो वह इधर-उधर या बाहर की तरफ देखता रहता था।
  • गणित अध्यापक ने रजनीश को काफी समझाया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन,जीवन का स्वर्णकाल होता है।तुम जितना कठिन परिश्रम,लगन,उत्साह,एकाग्रता व आत्म-विश्वास के साथ पढ़ोगे उतने ही गणित के क्षेत्र में ऊपर चढ़ोगे। परंतु रजनीश पर गुरुजी की बातों का प्रभाव बिल्कुल नहीं पड़ता था।उसे तो गणित से जी चुराने और कक्षा में शरारत करने की आदत थी।
  • एक दिन उसने छात्र-छात्राओं को इतना तंग किया कि गुरुजी को क्रोध आ गया।गुरुजी ने सोचा यह खुद तो पढ़ता ही नहीं है तथा अन्य छात्र-छात्राओं को भी पढ़ने नहीं देता है।गुरुजी ने उसे कक्षा से बाहर निकाल दिया।उसने सोचा पढ़ना-लिखना मेरे वश में नहीं है।अब तो कक्षा में मैं भी बहुत पिछड़ चुका हूं।इन विचारों में खोया हुआ वह उदास मन से घर की ओर जा रहा था।रास्ते में उसे एक महिला मिली।उसने कहा बेटे उदास क्यों हो? रजनीश ने सारी बात बता दी।महिला ने कहा कि बेटे संसार में ऐसा कौनसा कार्य है जो आत्म-विश्वास,कठिन परिश्रम,अभ्यास,उत्साह और एकाग्रता के बल पर पूरा नहीं किया जा सकता है।महिला की करुणामय वाणी,स्नेह से उसकी चेतना पर एक जोर का झटका लगा।उसकी कही हुई बातों पर गहराई से विचार किया।
  • रजनीश ने कहा माँ क्या मैं विद्वान बन सकता हूं? महिला ने कहा हां,हाँ क्यों नहीं बेटे? जाकर शिक्षक से क्षमा मांग लो और मन लगाकर पढ़ाई करो,तुम्हें सफलता जरूर मिलेगी।अपने आप पर विश्वास रखो,आत्म-विश्वास में बहुत बड़ी शक्ति होती है। आत्मविश्वास के बल पर बड़े-बड़े कार्य संपन्न किए जा सकते हैं।रजनीश पुनः गुरुजी के पास लौट गया और क्षमा याचना करके गणित पढ़ाने की प्रार्थना की।एक दिन वही रजनीश गणित का महान विद्वान बन गया।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में आत्म-विश्वास बढ़ाने की 4 टिप्स (4 Tips to Increase Self-Confidence),गणित को हल करने के लिए आत्म-विश्वास में वृद्धि करने की 4 टिप्स (4 Tips to Increase Self-Confidence to Solve Mathematics) के बारे में बताया गया है।

6.प्रश्न पूछने वाला गणित का छात्र है या अन्य (हास्य-व्यंग्य) (The One Who Asked Question is a Student of Mathematics or Other) (Humour-Satire):

  • दो शिक्षक आपस में बातचीत कर रहे थे।
  • पहले शिक्षक ने कहा:तुम्हें कैसे पता चलता है कि पढ़ने के लिए आने वाले छात्र गणित का है या अन्य विषय का?
  • दूसरा शिक्षक:जो चुपचाप आकर पढ़ने लग जाए वह गणित का छात्र और जो न केवल फीस कम करने तथा बहस करने की कोशिश यहाँ तक की लड़ाई करने पर उतारू हो जाए वह अन्य विषय का छात्र है।

7.आत्म-विश्वास बढ़ाने की 4 टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 4 Tips to Increase Self-Confidence),गणित को हल करने के लिए आत्म-विश्वास में वृद्धि करने की 4 टिप्स (4 Tips to Increase Self-Confidence to Solve Mathematics) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नः

प्रश्नः1.क्या कम योग्यता वाले विद्यार्थी आगे बढ़ सकते हैं? (Can students with Low Qualifications Move Forward?):

उत्तरःबहुत से ऐसे विद्यार्थी हैं जो शिक्षा और योग्यता में असाधारण न होते हुए भी तरक्की करते हैं,अपने उद्देश्य की ओर बढ़ते जाते हैं जबकि उनके साथी यह सोचते रह जाते हैं कि उनको कोई मार्गदर्शक मिले।आप जितना अपनी योग्यता पर विश्वास करेंगे,सफलता उतनी ही करीब आती जाएगी।

प्रश्न:2.आत्म-विश्वास से क्या तात्पर्य है? (What is Meant by Self-Belief?):

उत्तर:आत्म-विश्वास एक आध्यात्मिक शक्ति है। इसके बल पर आगे बढ़ते हैं।प्रत्येक माता-पिता को चाहिए कि बच्चों में कभी आत्म-विश्वास को कम न करें।उन्हें इस प्रकार कभी भी नहीं कहना चाहिए कि तुम यह कार्य नहीं कर सकते हो या तुम्हारे में यह कमी है।ऐसा कहने से बच्चों में आत्म-विश्वास की कमी हो जाती है तथा वे हीनभावना से ग्रस्त हो जाते हैं।

प्रश्न:3.क्या सफलता के लिए आत्मविश्वास पर्याप्त है? (Is Self-Confidence Enough for Success?):

उत्तर:सफलता प्राप्त करने के लिए मन,वचन,कर्म,पूर्ण निष्ठा,लगन,उत्साह,एकाग्रता,विवेक,धैर्य,साहस के साथ कठिन परिश्रम करना चाहिए।सफलता प्राप्ति के लिए बहुत से गुणों की आवश्यकता होती है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा आत्म-विश्वास बढ़ाने की 4 टिप्स (4 Tips to Increase Self-Confidence),गणित को हल करने के लिए आत्म-विश्वास में वृद्धि करने की 4 टिप्स (4 Tips to Increase Self-Confidence to Solve Mathematics) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

4 Tips to Increase Self-Confidence

आत्म-विश्वास बढ़ाने की 4 टिप्स
(4 Tips to Increase Self-Confidence)

4 Tips to Increase Self-Confidence

आत्म-विश्वास बढ़ाने की 4 टिप्स (4 Tips to Increase Self-Confidence) के
आधार पर आप जान सकेंगे कि गणित के सवालों और समस्याओं को हल करने में इसका
कितना योगदान है? हमारे आत्म-विश्वास को कम करने के लिए भय,चिंता,
निराशा,उत्साहहीनता जैसी बुराइयां काम करती रहती है।
4 Tips to Increase Self-Confidence

No. Social Media Url
1. Facebook click here
2. you tube click here
3. Instagram click here
4. Linkedin click here
5. Facebook Page click here
6. Twitter click here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *