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3 Tips to Be Talented in Mathematics

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1.गणित में प्रतिभाशाली बनने के 3 टिप्स (3 Tips to Be Talented in Mathematics),प्रतिभाशाली कैसे बनें? (How to Become Talented?):

  • गणित में प्रतिभाशाली बनने के 3 टिप्स (3 Tips to Be Talented in Mathematics) में कुछ प्रेरक प्रसंग बताए जा रहे हैं।सभी प्रतिभाशाली जन्मजात नहीं होते हैं बल्कि कुछ विरले ही जन्मजात होते हैं।गणित के छात्र-छात्राएं जब प्रखर तथा तेजस्वी छात्र-छात्राओं को देखकर चकित होते हैं तो वे अनुमान लगाते हैं कि प्रतिभाशाली जन्मजात ही पैदा होते हैं।जन्मजात प्रतिभाएं कुछ गिनी-चुनी ही देखने को मिलेंगी।वस्तुतः संसार में रहकर ही अपनी प्रतिभा को तराशना,निखारना और उभारना होता है।जो गणित के छात्र-छात्राएं अपनी प्रतिभा को तराशने,निखारने और उभारने तथा विकसित करने में लगे रहते हैं उनकी सुप्त क्षमताएँ जाग्रत होती है।
  • विभिन्न प्रतिभाओं के जीवन की घटनाओं को देखकर यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि प्रतिभाशाली जन्मजात पैदा नहीं होते हैं।जैसे महाकवि कालिदास में कौनसी जन्मजात प्रतिभा थी,संस्कृत के विद्वान बोपदेव में कौनसी जन्मजात प्रतिभा थी? महान वैज्ञानिक जेम्सवाट में तथा अल्बर्ट आइंस्टीन में कौनसी जन्मजात प्रतिभा थी? इनके शिक्षकों ने तंग आकर कह दिया था कि तुम कभी महान तथा उच्चकोटि के नहीं बन सकते है बल्कि हमेशा बुद्धू ही रहोगे।
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2.कुछ प्रतिभाशाली के अलावा अधिकांश प्रतिभाएँ जन्मजात पैदा नहीं होती हैं (Talents other than some talented are not born):

  • विश्व विख्यात वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपनी पुस्तक “वर्ल्ड ऐज आई साॅ” में उल्लेख किया है कि उन्हें स्कूल के विद्यार्थी बुद्धू कहते थे।सभी छात्र बुद्धू कहकर चिढ़ाते थे।कई बार अनेक छात्रों ने उनकी पीठ पर बुद्धू की चिट तक चिपका दी थी।जब गणित अध्यापक कक्षा में गणित के सवाल समझाते तो आइंस्टाइन इधर-उधर तथा बगलें झाँका करते थे।उनकी इस तरह की आदतों से परेशान होकर गणित अध्यापक ने कई बार कह दिया था कि तुम कई जन्मों में भी गणित नहीं सीख सकते।
  • यही आइंस्टीन बड़े होकर विश्व विख्यात महान वैज्ञानिक तथा गणितज्ञ बने।एक बार एक छात्र ने आइंस्टाइन से उनके इतने उच्चकोटि के वैज्ञानिक और गणितज्ञ बनने का रहस्य पूछा तो उन्होंने कहा कि मैंने जीवन में कभी हिम्मत नहीं हारी इसलिए गणित जैसा जटिल विषय मेरे लिए आसान बन गया।
  • एक दूसरा दृष्टान्त महाकवि कालिदास का लेते हैं। महान विदुषी विद्योतमा ने घोषणा की कि जो उसे शास्त्रार्थ में हरा देगा उसी के साथ वह विवाह करेंगी।अनेक विद्वान विद्योतमा से पराजित हो गए। विद्वानों ने इसे अपना अपमान समझा और उसे सबक सिखाने का निश्चय किया।उन्होंने जंगल में एक काले-कलूटे व्यक्ति को देखा जो उसी डाल के आगे के सिरे पर बैठा था जिसे काट रहा था।विद्वानों ने उसे नीचे उतारकर बात की और उसे शादी का आश्वासन दिया।उन्होंने समझ लिया था कि यह निरा मूर्ख है।इसलिए उसे संकेतों में उत्तर देने के लिए समझा दिया।विद्वानों ने विद्योतमा से कहा कि यह हमारे गुरु हैं और आपके सभी प्रश्नों का उत्तर देंगे।लेकिन यह मौन रहते हैं इसलिए संकेतों में ही उत्तर देंगे।विद्योतमा ने उनकी बात स्वीकार करके संकेतों में ही प्रश्न पूछना प्रारंभ किया।पहला प्रश्न एक उंगली उठाकर पूछा।मूर्ख कालिदास ने सोचा यह मेरी एक आँख फोड़ना चाहती है।उसने दो उंगली उठाकर विद्योत्तमा की दोनों आंखें फोड़ने का संकेत किया।विद्योतमा ने इसका रहस्य पूछा।तब विद्वानों ने पूछा कि पहले आप बताएं कि एक ऊँगली से क्या तात्पर्य है।उसने कहा कि परमात्मा एक है।तब विद्वानों ने कालिदास की दो उँगलियों का रहस्य बताया कि आत्मा और परमात्मा दो स्वरूप में है।फिर विद्योतमा ने पाँच उँगलियाँ उठाकर प्रश्न किया।कालिदास ने समझा कि यह मेरे थप्पड़ मारना चाहती है इसलिए उसने घूँसा दिखा दिया।विद्योतमा ने घूँसे का रहस्य पूछा तब विद्वानों ने उसकी पांच उंगलियों के दिखाने के बारे में पूछा। विद्योतमा ने कहा कि पृथ्वी,अग्नि,जल,आकाश,वायु इत्यादि पंचतत्व है। तब विद्वानों ने कहा कि घूँसा दिखाने का अर्थ है इन पांचों तत्वों से मिलकर हमारा एक शरीर बनता है।
  • इस प्रकार विद्योतमा ने उस महामूर्ख से हार स्वीकार करके अपना पति स्वीकार कर लिया।पहली रात को ही विद्योतमा को कालिदास की मूर्खता का पता लग गया तो वह बहुत दुखी हुई और उसने कालिदास को धक्का देकर मकान से बाहर निकाल दिया।तब उसने विचार किया कि मेरे में ऐसी कौनसी कमी है जिससे मेरी पत्नी ने ही धक्का देकर बाहर निकाल दिया।उसके अंतःचक्षु अर्थात् ज्ञान के नेत्र खुले।कालिदास घर से चला गया और ज्ञान प्राप्ति में लग गया।वही मूर्ख कालिदास अध्यवसाय,साधना से महाकवि कालिदास बन गए और तब विद्योतमा से मिले।

3.प्रशिक्षण और कठिन परिश्रम से प्रतिभा को तराशे (Cultivate talent from training and hard work):

  • उपर्युक्त विवरण से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रतिभाशाली जन्मजात पैदा नहीं होते हैं।विद्यार्थी में महान बनने की अनंत संभावनाएं छिपी हुई है। आवश्यकता है तो उस सुप्त प्रतिभा को पहचानकर तराशने की।प्रशिक्षण तथा कठोर परिश्रम से सुप्त प्रतिभा जाग्रत हो जाती है और उसमें से ही महामानव अर्थात् महान गणितज्ञ,वैज्ञानिक,इंजीनियर,प्राध्यापक,शिक्षक इत्यादि प्रकट हो जाते हैं।
  • आलस्य-प्रमाद से बचकर सतत पुरुषार्थ और अध्यवसाय से गणित का एक साधारण छात्र-छात्रा उत्तरोत्तर आगे बढ़ता हुआ उच्चकोटि का गणितज्ञ,महान वैज्ञानिक,महान इंजीनियर बन सकता है।साधारण जीवनयापन अर्थात् बच्चे पैदा करना,उनका लालन-पालन,आहार,निद्रा इत्यादि की व्यवस्था तो पशु-पक्षी और जानवर भी कर लेते हैं। फिर मानव (विद्यार्थी) और पशु-पक्षी में क्या फर्क रह जाता है?
  • प्रतिभाशाली और विशिष्ट व्यक्तित्त्व के धनी वे ही बनते हैं जो लीक से हटकर असाधारण कार्य करके दिखाते हैं।जब एक निम्न से निम्न स्तर का व्यक्ति उच्चकोटि,शिखर पर पहुँच सकता है तो इसका मतलब है कि महामानव की विशेषताएं हर छात्र-छात्रा में छिपी हुई है।
  • यदि ऐसा नहीं होता तो जेम्स वाट को जिसे स्कूल प्रशासन ने निकम्मा व मूर्ख समझकर निकाल दिया था भाप के इंजन का आविष्कार कैसे कर पाता? एक साधारण मजदूर का अनपढ़ पुत्र अब्राहिम लिंकन अमेरिका का राष्ट्रपति कैसे बनता? एक साधारण जिल्दसाज की नौकरी करने वाला लड़का माइकल फैराडे महान वैज्ञानिक कैसे बनता? मोहनदास करमचंद गांधी एक साधारण वकील से राष्ट्रपिता कैसे बनते? कारखाने में छोटी-सी नौकरी करने वाला लड़का फोर्ड संसार का महान उद्योगपति एवं धन कुबेर न हो पाता।
  • प्रशिक्षण,निरन्तर अध्यवसाय,कठिन परिश्रम,लगन आदि गुणों को विकसित करते हुए ये निम्न स्तर से शिखर पर पहुंच गए।अपने अंदर के असली व्यक्तित्व को पहचाने और उसको प्रकट करने हेतु अपनी संपूर्ण शक्ति,सामर्थ्य,योग्यता और क्षमताओं का उपयोग कीजिए।फिर देखिए कि आप गणित में अच्छा कैसे नहीं कर पाते हैं।

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4.साधनों और सुविधाओं से नहीं संकल्पशक्ति से आगे बढ़ा जाता है (Is carried forward by willpower not by means and features):

  • जो छात्र-छात्राएं साधनों का रोना रोते हैं।यह कहते फिरते हैं कि उसको कोई बताने वाला नहीं है।यहां कोचिंग की व्यवस्था नहीं है।हमारे शिक्षक ठीक से नहीं पढ़ाते हैं इस प्रकार अनगिनत असुविधाओं का राग अलापते रहते हैं।वस्तुतः संसार के महान कार्य जिन्होंने किए हैं और महान कार्यों का प्रारंभ किया गया है उस समय उनके पास न कोई साधन थे और न ही कोई उनका साथ देने वाला था फिर भी वे आगे से आगे बढ़ते गए।
  • अस्पताल की एक नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल जिसके पास न साधन थे और न सुविधाएं थी।परंतु मन में रोगियों और दुर्घटनाग्रस्त लोगों के प्रति अपार वेदना थी।इनकी सहायता करने के लिए उसने रेडक्रॉस सोसाइटी की योजना बनाई।संस्था के स्वरूप और उद्देश्य को लेकर वह बड़े-बड़े लोगों के पास गई। परंतु फ्लोरेंस की हैसियत देखकर लोगों ने परामर्श दिया कि इस तरह की हवाई कल्पना करने के बजाय वह अपनी नौकरी को ढंग से करें।
  • परंतु फ्लोरेंस हतोत्साहित न होकर उसने कार्य आरंभ कर दिया।संस्था धीरे-धीरे बढ़ने लगी और फैलने लगी।तब उन्हीं लोगों ने जिन्होंने सहयोग करने से मना कर दिया था,आगे बढ़कर सहयोग किया।फ्लोरेंस नाइटिंगेल द्वारा स्थापित यह रेडक्रॉस सोसाइटी देशकाल की सीमाओं को लांघ कर पूरे विश्व में फैल गई है।
  • गणित में अध्ययन करने वाले कई छात्र-छात्राएं भी ऐसे राग अलापते रहते हैं कि उनके पास साधन-सुविधाएं नहीं है।पुस्तके नहीं हैं,स्कूल की फीस चुकाने के लिए फीस नहीं है।स्कूल में शिक्षक ठीक से नहीं पढ़ाते हैं।गांव में सरकारी स्कूल है,प्राइवेट स्कूल नहीं है।पढ़ने के लिए दो-तीन किलोमीटर दूर स्कूल में जाना पड़ता है।कोचिंग की व्यवस्था नहीं है।इस प्रकार अनेक साधन-सुविधाओं का रोना रोते हैं।ऐसे छात्र-छात्राओं को ध्यान रखना चाहिए कि अनेक कठिनाइयों,समस्याओं और अभावों के रहते हुए भी संकल्पशक्ति (अंतर्निहित शक्तियों) के बल पर आगे बढ़ सकता है और किसी भी तरह की परेशानी,विपत्ति का सामना कर सकता है और उसका समाधान निकाल सकता है।अपने आप पर विश्वास न होने के कारण ही ऐसे छात्र-छात्राएं दुर्बल और असमर्थ सिद्ध होते हैं।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में गणित में प्रतिभाशाली बनने के 3 टिप्स (3 Tips to Be Talented in Mathematics),प्रतिभाशाली कैसे बनें? (How to Become Talented?) के बारे में बताया गया है।

5.गणित की पुस्तक लाने का कारण (हास्य-व्यंग्य) (The Reason for Bringing Mathematics Book) (Humour-Satire):

  • पूजा (लक्ष्मी से):मैंने तुमसे कहा था कि स्कूल में गणित की पुस्तक से इस सवाल का हल नोटबुक में लिखकर लाना है।परंतु तुम तो गणित की पुस्तक को ही उठा लाई।
  • लक्ष्मी (पूजा से):क्या करती? वहाँ लिखा हुआ था कि बिना अनुमति के पुस्तक लेकर पढ़ना-लिखना मना है।

6.गणित में प्रतिभाशाली बनने के 3 टिप्स (3 Tips to Be Talented in Mathematics),प्रतिभाशाली कैसे बनें? (How to Become Talented?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.प्रतिभा से क्या तात्पर्य है? (What does talent mean?):

उत्तर:संकल्पशक्ति,चिन्तन-मनन शक्ति,तप करने की क्षमता,निरंतर अभ्यास करने की क्षमता,जुझारूपन का नाम ही प्रतिभा है। प्रतिभाशाली साधन-सुविधाओं के लिए लालायित नहीं रहता है।अभावों के कारण शिकवा शिकायत नहीं करता है।अपनी क्षमताओं का न केवल स्वयं के लिए बल्कि दूसरों के लिए उपयोग करना प्रतिभा है। प्रतिभाशाली किसी काम के बिगड़ जाने या न होने पर दूसरों पर दोषारोपण नहीं करता है और नहीं यह कहता है कि अमुक व्यक्ति ने उसका मार्ग रोक रखा है और अवरोधक बना हुआ है।

प्रश्न:2.प्रतिभा संवर्ध्दन के सिद्धांत क्या हैं? (What are the principles of talent enhancement?):

उत्तर:अपनी योग्यताओं,क्षमताओं तथा कौशल में वृद्धि करना,अपने व्यक्तित्व को उच्चकोटि के स्तर तक विकसित करना,आलस्य,ईर्ष्या,प्रमाद से बचकर हमेशा सजग, सतर्क,रहन-सहन,व्यवहार को व्यवस्थित करना तथा उसमें आवश्यक सुधार करते रहना।नेतृत्व क्षमता को विकसित करना तथा पहल करने की योग्यता विकसित करना।नेतृत्व क्षमता का असली अर्थ है कि जो कार्य उचित है तथा उसको लोग करने में संकोच करते हैं उसको करना चाहे कोई सहयोग करें अथवा न करें।

प्रश्न:3.प्रतिभावान की विशेषता क्या है? (What are the characteristics of the talented?):

उत्तर:प्रतिभावान कष्ट,कठिनाइयों तथा असम्भव लगने वाले कार्यों को करने में हिचकिचाते नहीं है। कभी सुख-सुविधाओं के लिए तरसते नहीं हैं।कष्ट-कठिनाइयों को वे सहर्ष स्वीकार करते हैं। जीवनभर संघर्ष करते हैं और विजयी होते हैं,सफलता अर्जित करते हैं।आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा के रूप में एक सुगम मार्ग का निर्माण कर देते हैं।इसलिए अपनी रुचि,योग्यता व शक्तियों को पहचाने और संघर्षों व कठिनाईयों में अपनी प्रतिभा को तराशे।3 Tips to Be Talented in Mathematics

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा गणित में प्रतिभाशाली बनने के 3 टिप्स (3 Tips to Be Talented in Mathematics),प्रतिभाशाली कैसे बनें? (How to Become Talented?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

3 Tips to Be Talented in Mathematics

गणित में प्रतिभाशाली बनने के 3 टिप्स
(3 Tips to Be Talented in Mathematics)

3 Tips to Be Talented in Mathematics

गणित में प्रतिभाशाली बनने के 3 टिप्स (3 Tips to Be Talented in Mathematics) में
कुछ प्रेरक प्रसंग बताए जा रहे हैं।सभी प्रतिभाशाली जन्मजात नहीं होते हैं
बल्कि कुछ विरले ही जन्मजात होते हैं।गणित के छात्र-छात्राएं
जब प्रखर तथा तेजस्वी छात्र-छात्राओं को देखकर चकित होते हैं तो वे अनुमान लगाते हैं

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