1.परीक्षा में उत्तर कैसे लिखें की 3 टिप्स (3 Tips on How to Write Answers in Exam),3 टाॅप टिप्स द्वारा परीक्षा में श्रेष्ठ उत्तर कैसे लिखें (How to Write Best Answer in Exam by 3 Top Tips):
परीक्षा में उत्तर कैसे लिखें की 3 टिप्स (3 Tips on How to Write Answers in Exam) बोर्ड,कॉलेज तथा प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए सहायक सिद्ध होगी।अक्सर विद्यार्थी परीक्षाओं में पढ़ते रहते हैं और याद भी कर लेते हैं परंतु प्रश्नों का भावार्थ न समझ पाने अथवा लिखने का अभ्यास न होने से सटीक उत्तर नहीं लिख पाते।
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किसी भी प्रश्न का उत्तर लिखने से पूर्व प्रश्नों में उल्लेखित विशिष्ट शब्दों पर छात्र-छात्राओं तथा अभ्यर्थियों को ध्यान देने की आवश्यकता होती है।यथा विश्लेषण,समालोचना,विमर्श,विवेचना आदि को ध्यान में रखते हुए अपने उत्तरों को लिखें।नीचे कुछ ऐसे ही शब्दों का उल्लेख कर रहे हैं,ताकि छात्र-छात्राएं तथा अभ्यर्थी को प्रश्नों की प्रकृति को सही-सही समझने तथा अपना उत्तर लिखने में सहायता मिल सके।इन शब्दों को समझने से आप अपने उत्तर को सही एवं संतुलित स्वरूप प्रदान कर सकने में सक्षम हो सकेंगे।
विमर्श पर्यालोचन,विचारणा,तर्क-वितर्क,वाद-विवाद,सोच-विचार का समानार्थक शब्द है।इसमें किसी कथन के गुण-दोष की मीमांसा की जाती है।अतः विद्यार्थी को किसी बात के केवल गुण या केवल दोषों पर ही चर्चा नहीं करनी चाहिए बल्कि दोनों पक्षों का संतुलित विवरण देना चाहिए।
उदाहरण:प्रश्न:गणित शिक्षण में उपचारात्मक प्रक्रम अथवा गणित शिक्षण में पूर्वानुमार्थ परीक्षण या गणित शिक्षा में निदानात्मक परीक्षण की भूमिका पर विमर्श कीजिए।
(2.)व्याख्या करना (To Explain):
व्याख्या करने का सीधा अर्थ यह होता है कि दिए गए कथन को सरल बनाया जाए।अभ्यर्थियों को चाहिए कि वे व्याख्या करते समय दिए गए कथन के बारे में कुछ इस तरह से लिखें कि उसका सही अर्थ स्पष्ट हो जाए।इसे दूसरे शब्दों में स्पष्टीकरण भी माना जाता जा सकता है।व्याख्या के तहत आपको सहज एवं सरल तरीके से दिए गए कथन को समझाना होता है।
उदाहरण:प्रश्न:रासायनिक अभिक्रिया कितने प्रकार की होती है? संयोजन अभिक्रिया तथा वियोजन अभिक्रिया की व्याख्या उदाहरण सहित कीजिए।
प्रश्न:Mg,Al,Zn,Pb,K,Na,Fe,Cu,Ag आदि धातुओं की ऑक्सीजन से क्रिया द्वारा तुलना करके इनकी क्रियाशीलता की व्याख्या कीजिए।
प्रश्न:धातुओं की जल के साथ अभिक्रिया,धातु की क्रियाशीलता पर निर्भर करती है।विभिन्न धातुओं के उदाहरण से इसकी व्याख्या कीजिए।
प्रश्न:धातुओं की अम्लों के साथ अभिक्रिया की व्याख्या कीजिए।
प्रश्न:सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर स्थित धातुओं का निष्कर्षण किस विधि से किया जाता है? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
(3.)स्पष्टीकरण देना (Clarify):
यह व्याख्या का ही एक अन्य रूप है,जिसमें अभ्यर्थियों को उल्लेखित विषय को सहज एवं सरल शैली में समझाना होता है।किसी बात को सुबोध करके समझाना,स्पष्ट करना और विस्तृत व्याख्या करनी होती है।
उदाहरण:प्रश्न:M.K.S एवं S.I. पद्धति में अंतर स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न:मापन में त्रुटियों से क्या अभिप्राय है।त्रुटियों के संयोजन से त्रुटियाँ किस प्रकार परिवर्तित हो जाती है? स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न:अवकलन से क्या अभिप्राय है? भौतिकी में अवकलन की क्या उपयोगिता है? यदि किसी गतिशील कण के विस्थापन का समय के साथ परिवर्तन का संबंध ज्ञात हो तो इसकी सहायता से अधिकतम व न्यूनतम वेग तथा त्वरण के मान किस प्रकार ज्ञात किये जा सकते हैं।उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
व्याख्या अथवा स्पष्टीकरण की तरह ही दिए गए कथन को एक सहज एवं संतुलित स्वरूप प्रदान करना।अर्थात् विस्तारपूर्वक पूर्ण ब्यौरा देना होता है।
उदाहरण:प्रश्न:विज्ञान उतना ही प्राचीन है जितना कि मनुष्य।इस कथन का विस्तारीकरण करते हुए भारत के संदर्भ में इसे युक्तियुक्त ढंग से प्रस्तुत करें।
प्रश्न:”परिवार एक सार्वभौमिक समूह है।” इस कथन का विस्तारीकरण करते हुए अपना तर्क प्रस्तुत करें।
(5.)आलोचना करना (To Criticize):
‘आलोचना’ का सीधा मतलब किसी वस्तु का छिद्रान्वेषण करना अथवा उचित-अनुचित का ज्ञान कराना है।इसके तहत किसी पहलू के सकारात्मक एवं नकारात्मक तथ्यों को उजागर किया जाता है।लेकिन आलोचना करते समय अभ्यर्थियों को चाहिए कि वे प्रश्न के नकारात्मक पहलुओं पर विशेष जोर डालें।साथ ही,प्रश्न के अंत में एक प्रभावपूर्ण निष्कर्ष (Effective conclusion) निकालने की भी जरूरत होती है।इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि परीक्षार्थी अंततः क्या विचार रखना चाहता है? आलोचना अर्थात् गुण-दोषों का विवेचन,परख,समीक्षा परंतु इसमें अवगुणों पर ज्यादा फोकस करना होता है।
उदाहरण:प्रश्न:प्रचलित परीक्षा पद्धति का आलोचनात्मक वर्णन प्रस्तुत करें।
प्रश्न:हिंदू धर्म ग्रंथो में वर्णित पुरुषार्थों की व्याख्या करते हुए ‘त्रिवर्ग’ के सुव्यवस्थित प्रबंध के सामाजिक महत्त्व का आलोचनात्मक विवरण प्रस्तुत करें।
(6.)आलोचनात्मक व्याख्या करना (Critical Interpretation):
किसी भी तथ्य का व्याख्यात्मक ढंग से आलोचना करना ताकि अर्थ स्पष्ट हो सके।
उदाहरण:प्रश्न:राष्ट्रीय चरित्र अध्ययनों के मानव वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आलोचनात्मक व्याख्या प्रस्तुत कीजिए।
प्रश्न:भारत की जनजातीय जनसंख्या के अध्ययन के लिए मुख्य मानव वैज्ञानिक योगदानों की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
(7.)आलोचनात्मक परीक्षण करना (Conducting Critical Testing):
किसी भी तथ्य का परीक्षण करते हुए (उचित-अनुचित पहलुओं का) आलोचना करना।
उदाहरण:प्रश्न 1937 से 1947 तक मुस्लिम लीग की राजनीति के प्रमुख पहलुओं का परीक्षण कीजिए।
प्रश्न:आर्थिक मानव विज्ञान में औपचारिक एवं विशेष्य विचारधाराओं का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(8.)आलोचनात्मक टिप्पणी करना (Making Critical Comments):
किसी भी तथ्य का टिप्पणी वाली प्रवृत्ति के साथ आलोचना करना।
उदाहरण:प्रश्न:हर्ष द्वारा अपने समय के राजनीतिक इतिहास में संपादित भूमिका पर आलोचनात्मक टिप्पणी कीजिए।
प्रश्न:द्वितीय विश्व युद्ध द्वारा तीव्र की गई उपनिवेश-मुक्ति की प्रक्रिया पर एक आलोचनात्मक टिप्पणी लिखिए।
(9.)समीक्षा करना (Review):
आलोचना का एक अन्य स्वरूप।लेकिन इसमें सम्यक परीक्षा अर्थात् गुण-दोष का संतुलित ज्ञान कराना होता है।किसी एक पक्ष सकारात्मक अथवा नकारात्मक पक्ष पर बल नहीं दिया जाता है जबकि आलोचना में नकारात्मक पक्ष पर अधिक जोर दिया जाता है।
उदाहरण:प्रश्न:प्रजाति के निर्माण में आनुवांशिकता एवं वातावरण की भूमिका की समीक्षा कीजिए।
प्रश्न:भारतीय आर्थिक नियोजन के महत्त्व की समीक्षा कीजिए।
प्रश्न:भारत की वर्तमान आयात-निर्यात नीति की समीक्षा कीजिए।भारतीय उद्योगों के विकास में यह नीति कहाँ तक उपयुक्त है?
(10.)टिप्पणी करना (To Comment):
इसके तहत टीका करने की जरूरत होती है।इसमें मुख्य रूप से अभ्यर्थी को अपना मत प्रकट करना होता है।इस प्रकार के उत्तर में परीक्षार्थी सीधे-सपाट तौर पर दिए गए कथन पर अपना विचार प्रकट कर सकता है।अभ्यर्थियों के विचार कथन से मेल खाते हुए हो सकते हैं अथवा उसके विरोध में भी हो सकते हैं।अभ्यर्थी इन दोनों के बीच मध्यम मार्ग अपनाते हुए एक संतुलित विचार भी प्रस्तुत कर सकते हैं।इसके तहत अभ्यर्थियों को यह समझने की जरूरत होती है कि कथन का स्वरूप अथवा प्रकृति कैसी है? यानी कथन के आशय या अर्थ को स्पष्ट करने के लिए जोड़ी गई राय,सुझाव या आपत्ति,देखी,सुनी या सोची हुई बातों,तथ्यों का विवरण।
उदाहरण:प्रश्न:समाज में भौतिकी विषय पर टिप्पणी लिखिए।
प्रश्न:गणित में भारतीय गणितज्ञों का योगदान विषय पर टिप्पणी लिखिए।
प्रश्न:विमीय समीकरण के उपयोग पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
विवेचन का तात्पर्य यह है कि किसी भी विषय पर सामान्य तौर पर लिखा जाए।दूसरे शब्दों में दिए गए विषय के विभिन्न पहलुओं पर सीधे तौर पर चर्चा की जाए।कहने का तात्पर्य यह है कि किसी विषय के बारे में आप जो कुछ भी जानते हैं,उसे सिलसिलेवार ढंग से लिखने का प्रयास करें।इसके लिए किसी प्रकरण अथवा समस्या,जिसका अध्ययन किया जा रहा है या लिखा जा रहा है उस पर बुद्धिमत्तापूर्ण विचार होता है।
उदाहरण:प्रश्न:निवास के आधार पर करदाता तीन श्रेणियों में विभक्त किए गए हैं।इन श्रेणियों को परिभाषित करते हुए विवेचन कीजिए कि किस प्रकार ये करदाता के कर दायित्व को प्रभावित करती हैं?
प्रश्न:SF_{4}अणु की ज्यामिति ज्ञात करो तथा इसमें एकाकी युग्म की स्थिति की विवेचना कीजिए।
प्रश्न:ऊर्जा के स्रोत,सौर ऊर्जा तथा ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत का विवेचन कीजिए।
प्रश्न:”गणित एक विज्ञान,गणित के बिना सब शून्य है।” इस कथन की विवेचना कीजिए।
(12.)चर्चा करना (To Discuss):
विवेचन की तरह किसी विषय को सिलसिलेवार ढंग से प्रस्तुत करना।किसी विषय पर वाद-विवाद प्रस्तुत करना,जिक्र करना,उल्लेख करना आदि।
उदाहरण:प्रश्न:गणित शिक्षा में गृहकार्य,अभ्यास कार्य से किस प्रकार भिन्न है।चर्चा कीजिए।
प्रश्न:मौखिक गणित,लिखित गणित में किस प्रकार सहायक है चर्चा कीजिए।परीक्षा में उत्तर कैसे लिखें की 3 टिप्स (3 Tips on How to Write Answers in Exam) बोर्ड,कॉलेज तथा प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए सहायक सिद्ध होगी।अक्सर विद्यार्थी परीक्षाओं में पढ़ते रहते हैं और याद भी कर लेते हैं परंतु प्रश्नों का भावार्थ न समझ
(13.)विशद विवेचन करना (Giving a Detailed Discussion):
यह वस्तुतः ‘विवेचन’ का एक विशद रूप है।इसके तहत किसी भी विषय पर विस्तृत रूप से लिखने की आवश्यकता होती है।
उदाहरण:प्रश्न:”जनसंख्या में तीव्र वृद्धि भारत के आर्थिक विकास में सबसे महत्त्वपूर्ण बाधा है।” इस कथन की विशद विवेचना कीजिए।
प्रश्न:भारत सरकार की वर्तमान ‘व्यापार नीति’ की आलोचनात्मक विशद विवेचना कीजिए।
परीक्षण से तात्पर्य दिए गए कथन के विभिन्न तथ्यों को सामने लाने से होता है।इसके तहत कथन में अंतर्निहित पहलुओं पर प्रकाश डाला जाता है।
प्रश्न:संस्कृति तथा व्यक्तित्व के संबंध का परीक्षण कीजिए।अपने उत्तर को स्पष्ट करने के लिए उचित उदाहरण दीजिए।
प्रश्न:भारत में निजी क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं का परीक्षण कीजिए।इन समस्याओं के समाधान के लिए अपने सुझाव दीजिए।
प्रश्न:भारत में सार्वजनिक उपक्रमों की प्रमुख समस्याओं का परीक्षण कीजिए।इन समस्याओं के समाधान के लिए अपने सुझाव दीजिए।
(15.)विश्लेषण करना (To Analyse):
इसके तहत दिए गए कथन से जुड़े विभिन्न तथ्यों पर अलग-अलग चर्चा करने तथा अंततः विषय की संरचना एवं स्वरूप पर प्रकाश डालने की आवश्यकता होती है।वास्तविक स्वरूप के स्पष्टीकरण के लिए सब अंगों की छानबीन करना।
उदाहरण:प्रश्न:गणित शिक्षण में संश्लेषण-विश्लेषण विधि के गुण-दोषों का विश्लेषण कीजिए।
प्रश्न:”शंकराचार्य ने विचारों तथा दर्शनों का समन्वय किया है।” इस कथन की विवेचना करते हुए उनके जीवन तथा विचारों के महत्त्व का विश्लेषण कीजिए।
(16.)मूल्यांकन/तुलनात्मक मूल्यांकन करना (Valuation/Making a Comparative Assessment):
प्रश्न का उत्तर देना विद्यार्थी तथा अभ्यर्थी की ज्ञान की कसौटी तो है ही साथ ही उसकी भाषा शैली की कसौटी भी है।किसी भी परीक्षा के लिए यह कहा जा सकता है कि चाहे वह एकेडमिक परीक्षा हो या प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए आपके प्रश्नों के उत्तर लिखने की क्षमता,शैली सुदृढ़ होनी चाहिए।यदि आपकी लेखन क्षमता,प्रश्नों के उत्तर देने की क्षमता तथा शैली उच्च स्तरीय,प्रासंगिक तथा स्पष्ट है तो इससे आपकी सफलता असंदिग्ध बन जाती है।लेकिन यदि आप प्रश्नों के उत्तर लिखने की कला विकसित नहीं करते हैं,तो आप तमाम योग्यताओं के बावजूद अपेक्षित सफलता शायद ही कभी पा सकेंगे।अतः हम छात्र-छात्राओं तथा अभ्यर्थियों को यह सलाह देना चाहेंगे कि आप किसी भी विषय में प्रत्येक प्रश्न को दो-तीन बार जरूर पढ़ लें,ताकि आपका उसके मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित हो सके।
साथ ही,प्रश्नों में प्रयुक्त शब्दों यथा व्याख्यान,आलोचना,समीक्षा,आलोचनात्मक व्याख्या,तुलनात्मक समीक्षा,समालोचना,विश्लेषण आदि को नजरअंदाज करेंगे तो आप अपने उत्तर को प्रश्न की मांग के अनुरूप नहीं ढाल पाएंगे और ऐसे में आपकी सफलता आपसे आंख मिचौली खेल सकती है।
आमतौर पर छात्र-छात्रा या अभ्यर्थी प्रश्न देखते ही लिखना शुरू कर देते हैं।उन्हें सिर्फ उस विषय से मतलब होता है कि उनसे क्या पूछा जा रहा है,लेकिन इससे उन्हें प्रायः कोई मतलब नहीं होता कि उन्हें किस सीमा तक उत्तर लिखने की जरूरत है।हमारा मानना है कि अभ्यर्थियों को प्रश्न के उत्तर लिखने से पहले चिंतन कर लेना चाहिए।इसके बाद प्रश्न के अनुरूप अपने उत्तर के प्रमुख बिंदुओं को कहीं पर लिख लेना चाहिए।इससे आपके उत्तर काफी व्यवस्थित तथा संतुलित कर पाते हैं।साथ ही,आपको उत्तर लिखने के क्रम में रूक कर अगले परिच्छेद के बारे में सोचना नहीं पड़ता है।आपके उत्तर में तारतम्यता एवं निरंतरता भी बनी रहती है।
आप अनावश्यक जानकारी देकर अपना समय नष्ट करने से भी बचने में सफल हो जाते हैं।आपको चाहिए कि आप सिर्फ उन्हीं प्रश्नों का चुनाव करें,जिनके बारे में आप पूर्ण आश्वस्त हों।स्वयं को ऐसे प्रश्नों में कभी नहीं उलझायें,जिनके बारे में आपको अधिक पता नहीं हो।प्रश्नों का उत्तर एक निश्चित शब्द सीमा के अधीन ही लिखें ताकि आप सभी प्रश्नों के उत्तर प्रश्नों के उत्तर नियत समय में दे सकें।
उपर्युक्त आर्टिकल में परीक्षा में उत्तर कैसे लिखें की 3 टिप्स (3 Tips on How to Write Answers in Exam),3 टाॅप टिप्स द्वारा परीक्षा में श्रेष्ठ उत्तर कैसे लिखें (How to Write Best Answer in Exam by 3 Top Tips) के बारे में बताया गया है।
रुचि:अगले पेपर यानी प्री बोर्ड,वार्षिक परीक्षा तक अनेक चैप्टर और जुड़ जाएंगे।
5.परीक्षा में उत्तर कैसे लिखें की 3 टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 3 Tips on How to Write Answers in Exam),3 टाॅप टिप्स द्वारा परीक्षा में श्रेष्ठ उत्तर कैसे लिखें (How to Write Best Answer in Exam by 3 Top Tips) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.सीमाएं लिखने वाले प्रश्न का उत्तर कैसे दें? (How to answer the question that writes limits?):
उत्तर:सीमाएं लिखने से तात्पर्य है कि उसके अवगुण, दोषों के बारे में बताया जाए अथवा उसके कार्य न कर सकने की परिस्थितियों के बारे में बताया जाए।जैसे ज्वार ऊर्जा की सीमाएं पूछे तो बताना चाहिए कि “ज्वार ऊर्जा हेतु बांध बनाने के लिए उपयुक्त स्थान बहुत सीमित है।ज्वार ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने के लिए बाँध बनाना अधिक खर्चीला होता है।” आदि।
प्रश्न:2.उपयोग तथा गुणधर्म पूछे जाने वाले प्रश्नों का उत्तर कैसे दें? (Uses and properties How to answer the questions asked?):
उत्तर:ऐसे प्रश्नों का उत्तर शब्द सीमा को ध्यान में रखते हुए वर्णनात्मक प्रश्नों के उत्तर देने की तरह उत्तर देने चाहिए।उपयोग और गुणधर्म गुणों के समानार्थक शब्द ही हैं।अतः ऐसे प्रश्नों के उत्तर में उसके गुणों,प्रकृति का वर्णन करना चाहिए।
प्रश्न:3.क्या प्रश्नों की उपर्युक्त प्रकृति के अलावा अन्य प्रकृति के प्रश्न भी होते हैं? (Are there questions of other nature other than the above nature?):
उत्तर:हां,जैसे वर्गीकरण कीजिए,तुलना कीजिए,पक्ष या विपक्ष में तर्क कीजिए,परिभाषित कीजिए,अंतर बताइए,क्या समानताएं हैं आदि अनेक प्रकृति के प्रश्न होते हैं।इस लेख में मुख्य रूप से पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति का ही वर्णन किया गया है।उपर्युक्त लेख लिखने का मूल मकसद यह है कि छात्र-छात्रा व अभ्यर्थी प्रश्नों की विभिन्न प्रकृति को समझते हुए उत्तर लिखने का अभ्यास करें।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा परीक्षा में उत्तर कैसे लिखें की 3 टिप्स (3 Tips on How to Write Answers in Exam),3 टाॅप टिप्स द्वारा परीक्षा में श्रेष्ठ उत्तर कैसे लिखें (How to Write Best Answer in Exam by 3 Top Tips) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
About my self
I am owner of Mathematics Satyam website.I am satya narain kumawat from manoharpur district-jaipur (Rajasthan) India pin code-303104.My qualification -B.SC. B.ed. I have read about m.sc. books,psychology,philosophy,spiritual, vedic,religious,yoga,health and different many knowledgeable books.I have about 15 years teaching experience upto M.sc. ,M.com.,English and science.
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3 Tips on How to Write Answers in Exam
1.परीक्षा में उत्तर कैसे लिखें की 3 टिप्स (3 Tips on How to Write Answers in Exam),3 टाॅप टिप्स द्वारा परीक्षा में श्रेष्ठ उत्तर कैसे लिखें (How to Write Best Answer in Exam by 3 Top Tips):
3 Tips on How to Write Answers in Exam
2.प्रश्नों की प्रकृति को पहचानें (Identify the nature of questions):
3 Tips on How to Write Answers in Exam
(1.)विमर्श (Deliberation):
3 Tips on How to Write Answers in Exam
(2.)व्याख्या करना (To Explain):
(3.)स्पष्टीकरण देना (Clarify):
(4.)विस्तारीकरण करना (To Expand):
3 Tips on How to Write Answers in Exam
(5.)आलोचना करना (To Criticize):
(6.)आलोचनात्मक व्याख्या करना (Critical Interpretation):
(7.)आलोचनात्मक परीक्षण करना (Conducting Critical Testing):
3 Tips on How to Write Answers in Exam
(8.)आलोचनात्मक टिप्पणी करना (Making Critical Comments):
(9.)समीक्षा करना (Review):
(10.)टिप्पणी करना (To Comment):
(11.)विवेचन करना (Discussion,Interpret):
3 Tips on How to Write Answers in Exam
(12.)चर्चा करना (To Discuss):
(13.)विशद विवेचन करना (Giving a Detailed Discussion):
(14.)परीक्षण करना (Testing,Examine):
3 Tips on How to Write Answers in Exam
(15.)विश्लेषण करना (To Analyse):
(16.)मूल्यांकन/तुलनात्मक मूल्यांकन करना (Valuation/Making a Comparative Assessment):
3 Tips on How to Write Answers in Exam
(17.)वर्णन करना (To Describe):
(18.)उल्लेख करना (To Mention):
3.प्रश्नों के उत्तर देने में ध्यान रखने वाली बातें (Things to keep in mind while answering questions):
3 Tips on How to Write Answers in Exam
4.अगला गणित का पेपर कैसा होगा? (हास्य-व्यंग्य) (How will be Next Math Paper?) (Humour-Satire):
3 Tips on How to Write Answers in Exam
5.परीक्षा में उत्तर कैसे लिखें की 3 टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 3 Tips on How to Write Answers in Exam),3 टाॅप टिप्स द्वारा परीक्षा में श्रेष्ठ उत्तर कैसे लिखें (How to Write Best Answer in Exam by 3 Top Tips) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.सीमाएं लिखने वाले प्रश्न का उत्तर कैसे दें? (How to answer the question that writes limits?):
उत्तर:सीमाएं लिखने से तात्पर्य है कि उसके अवगुण, दोषों के बारे में बताया जाए अथवा उसके कार्य न कर सकने की परिस्थितियों के बारे में बताया जाए।जैसे ज्वार ऊर्जा की सीमाएं पूछे तो बताना चाहिए कि “ज्वार ऊर्जा हेतु बांध बनाने के लिए उपयुक्त स्थान बहुत सीमित है।ज्वार ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने के लिए बाँध बनाना अधिक खर्चीला होता है।” आदि।
प्रश्न:2.उपयोग तथा गुणधर्म पूछे जाने वाले प्रश्नों का उत्तर कैसे दें? (Uses and properties How to answer the questions asked?):
उत्तर:ऐसे प्रश्नों का उत्तर शब्द सीमा को ध्यान में रखते हुए वर्णनात्मक प्रश्नों के उत्तर देने की तरह उत्तर देने चाहिए।उपयोग और गुणधर्म गुणों के समानार्थक शब्द ही हैं।अतः ऐसे प्रश्नों के उत्तर में उसके गुणों,प्रकृति का वर्णन करना चाहिए।
प्रश्न:3.क्या प्रश्नों की उपर्युक्त प्रकृति के अलावा अन्य प्रकृति के प्रश्न भी होते हैं? (Are there questions of other nature other than the above nature?):
उत्तर:हां,जैसे वर्गीकरण कीजिए,तुलना कीजिए,पक्ष या विपक्ष में तर्क कीजिए,परिभाषित कीजिए,अंतर बताइए,क्या समानताएं हैं आदि अनेक प्रकृति के प्रश्न होते हैं।इस लेख में मुख्य रूप से पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति का ही वर्णन किया गया है।उपर्युक्त लेख लिखने का मूल मकसद यह है कि छात्र-छात्रा व अभ्यर्थी प्रश्नों की विभिन्न प्रकृति को समझते हुए उत्तर लिखने का अभ्यास करें।
3 Tips on How to Write Answers in Exam
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About my self I am owner of Mathematics Satyam website.I am satya narain kumawat from manoharpur district-jaipur (Rajasthan) India pin code-303104.My qualification -B.SC. B.ed. I have read about m.sc. books,psychology,philosophy,spiritual, vedic,religious,yoga,health and different many knowledgeable books.I have about 15 years teaching experience upto M.sc. ,M.com.,English and science.