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2 Strategies to Create Good Future

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1.अच्छा भविष्य बनाने की 2 रणनीतियाँ (2 Strategies to Create Good Future),युवाओं के लिए अच्छा भविष्य बनाने की 2 रणनीतियाँ (2 Strategies to Create Good Future for Youth):

  • अच्छा भविष्य बनाने की 2 रणनीतियों (2 Strategies to Create Good Future) के आधार पर आप जान सकेंगे कि भविष्य बनाने के लिए क्या-क्या और किन-किन गुणों को धारण करने की आवश्यकता है।हर युवा तथा छात्र-छात्रा अपना भविष्य को उज्ज्वल बनाने की जरूर कामना करता है परंतु केवल कामना करने से भविष्य उज्ज्वल नहीं होता है।
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2.अच्छा भविष्य बनाने की युक्तियां (Tips for creating a good future):

  • (1.)कोई भी व्यक्ति जन्म से बड़ा नहीं होता बल्कि अपने श्रेष्ठ आचरण और श्रेष्ठ कर्मों के बल पर बड़ा बनता है,समय का मूल्यांकन और सदुपयोग करके बनता है,विद्या के बल पर योग्यता प्राप्त करके बनता है,सुदृढ़ संकल्प का निर्माण करके बनता है,अनुशासन और कर्त्तव्य परायणता के बल पर बनता है।ऐसे व्यक्ति को कोई बाधा रोक नहीं पाती,वह अपना भविष्य उज्ज्वल कर ही लेता है।
  • (2.)यदि हमें सफलता न मिले तो भगवान को या किसी व्यक्ति को दोष न देकर अपनी ही जांच पड़ताल करके देखना चाहिए कि हमसे क्या गलती हो गई,कहां गलती हो गई।निश्चित ही हम वैसा प्रयास नहीं कर सके जैसा सफलता प्राप्त करने के लिए करना था।भविष्य की सुरक्षा के लिए सरकारी नौकरी ही मिले जरूरी नहीं।बेरोजगार बनकर नौकरी के लिए दर-दर भटकने से तो अच्छा है कि कोई भी हुनर सीखकर छोटे पैमाने से छोटा काम शुरू करके तन मन धन से उसमें जुट जाएं।भविष्य निश्चित रूप से बढ़िया बन जाएगा।
  • (3.)अपना भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए,सुरक्षित और उन्नत बनाने के लिए युवाओं को निराशावादी और नकारात्मक दृष्टिकोण न रखकर आशावादी और विधायक दृष्टिकोण रखना चाहिए,समय की कीमत समझकर कठोर परिश्रम करना चाहिए,सादा जीवन और उच्च विचार रखकर भरपूर पुरुषार्थ करना चाहिए,अनुशासन में रहकर शरीर व मन से बलवान बनकर उचित शिक्षा प्राप्त करना चाहिए,अवगुणों से दूर रहकर नैतिकता,सच्चरित्रता और आदर्शों को ग्रहण करना चाहिए।इतनी तैयारी करने वालों का ही भविष्य अच्छा होता है क्योंकि किए हुए कर्म कभी निष्फल नहीं होते।
  • (4.)आज की पीढ़ी के अधिकांश युवाओं में एक कमजोरी पाई जा रही है कि वे स्थिर चित्त नहीं है,चंचल चित्त और चंचल बुद्धिवाले हैं।वे आज जो कुछ सोचते हैं ठीक समझते हैं कल उससे विपरीत सोचने लगते हैं।मन की एकाग्रता से परिचित नहीं है।मन एकाग्र कैसे हो यह उनके लिए एक पेचीदा प्रश्न बना हुआ है और यह एक निश्चित सत्य है कि मन की एकाग्रता के बिना भविष्य तो क्या वर्तमान भी सँवारा नहीं जा सकता।भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए मानसिक एकाग्रता,आत्म-संयम,आत्म-विश्वास और अनुशासन की सख्त जरूरत होती है।अमल से जिंदगी बनती है जन्नत भी,जहन्नुम भी।ये खाकी अपनी फितरत में,न नूरी है न नारी है।
  • (5.)आज के भोगवादी एवं अर्थ प्रधान युग में अधिकांश युवक-युवतियों में जल्दी से जल्दी अर्थ संपन्न होने की कामना इतनी बलवती होती जा रही है कि वे इसके लिए कुछ भी करने को तैयार हैं,अपने आदर्श और सिद्धांतों को छोड़कर वे भेड़चाल में शामिल हो रहे हैं।अच्छे भविष्य के लिए वे इसी राह पर चलना ठीक समझते हैं।हो सकता है कुछ लोगों को इस तरह से सफलता मिल भी जाती होगी पर अधिकांश लोगों को इस राह पर चलकर निराशा,कुण्ठा,जिल्लत और असफलता ही मिलती है।जो कुछ हमें अन्याय मार्ग से मिलता है वह अन्याय मार्ग में ही नष्ट होता है और साथ में अन्यायी को भी नष्ट कर देता है।अच्छे भविष्य के लिए हमें सही राह पर चलना होगा।
  • (6.)आज जमाना कैसा ही हो पर यह निर्विवाद सत्य है कि बुरे काम के नतीजे बुरे ही होते हैं चाहे देर से ही क्यों ना हो।अच्छे भविष्य के लिए बेईमान,भ्रष्टाचार और अनैतिकता का नहीं बल्कि सच्चरित्रता,सत्यनिष्ठा,विवेकशीलता,सहनशीलता,सहृदयता का होना जरूरी होता है।इन सद्गुणों पर अमल करके ही उज्ज्वल और उन्नत भविष्य बनाया जा सकता है।बस जरूरी है हर कीमत पर इन सद्गुणों को धारण करके अमल करना।विवेक,धैर्य और साहस से काम में लेकर निरंतर अमल करना।
  • (7.)यदि हमारे देश का भविष्य उज्जवल नहीं हो रहा तो हमारा भविष्य कैसे उज्ज्वल हो सकेगा? जिस नाव में हम बैठे हों यदि वही मझधार में डूब जाए तो हमारी क्या दशा होगी? ऐसे सवालों को ध्यान में रखकर युवा पीढ़ी को ऐसा संकल्प लेना चाहिए कि वे खुद की उन्नति के साथ ही अपने देश की उन्नति खुशहाली और समृद्धि के लिए भी प्रयत्नशील रहेंगे।हमारे देश की कैसी दुर्दशा हो रही है यह किसी से छिपा नहीं है और यह सब जानते हैं कि यह दुर्दशा दूसरों ने नहीं,विदेशियों ने नहीं,बल्कि हमारे अपने देशवासियों ने ही की है।आज हर युवक-युवती को इस ज्वलन्त समस्या पर ध्यान देकर ऐसा प्रयत्न करना चाहिए कि वह अपने ही भविष्य को नहीं बल्कि देश के भविष्य को भी सँवारने के लिए कटिबद्ध हो जाए ताकि आज जैसी दुर्दशा कल को विनाशकारी स्थिति में उनके सामने न आ सके।
  • (8.)भविष्य उज्जवल हो,लक्ष्य प्राप्त हो,इसके लिए युवाओं को अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण विश्वास हो,सुदृढ़ संकल्प,पूर्ण समर्पण भावना हो,मन की एकाग्रता,कठोर श्रम और बुजुर्गों का आशीर्वाद तथा मार्गदर्शन होना यह सब जरूरी है।इनके सहयोग से ही आप जो चाहें सो प्राप्त कर सकते हैं।एक विशेष बात यह याद रखें कि उज्ज्वल भविष्य के लिए सिर्फ यही एक मार्ग नहीं है कि शिक्षा पूरी करते ही सरकारी नौकरी मिल जाए।इसके लिए दर-दर भटकने की जरूरत नहीं।कोई भी उद्योग या व्यवसाय करके भी आप अपने भविष्य को सजा सँवार सकेंगे।इस विषय में अभी से विचार करें और उचित लक्ष्य निर्धारित कर उसकी पूर्ति के लिए आवश्यक योग्यताएं अपने अंदर पैदा करने की कोशिश करते रहें।आप वह अवश्य कर सकते हैं जो करना चाहते हैं बशर्ते उसके लिए भरपूर प्रयत्न करने में कसर बाकी ना रखें।
  • (9.)भविष्य को उज्ज्वल और सुरक्षित रखने के लिए सिर्फ यह जरूरी नहीं कि पढ़ लिखकर आप डिग्रियां हाथ में लेकर जगह-जगह नौकरी के लिए भटकें।इसी विचारधारा ने देश में बेरोजगार युवक-युवतियों की संख्या बढ़ाई है।आप अभी विद्याध्ययन के साथ किसी भी छोटे-मोटे उद्योग के बारे में निश्चय करके उसके विषय में आवश्यक जानकारी और अनुभव प्राप्त करते रहें ताकि समय आने पर आप वह उद्योग सफलतापूर्वक कर सकें।इसकी मिसाल बहुत युवाओं की दी जा सकती है जिन्होंने आईआईटी या इंजीनियरिंग करके स्टार्टअप हेतु थोड़ा-सा ऋण लेकर स्टार्टअप शुरू किया था और पूरी लगन,चतुराई,मेहनत और ईमानदारी से काम करके शीघ्र ही वे सफलता के शिखर पर पहुंच गए।व्यवसाय या स्टार्टअप के लिए भारी पूंजी की नहीं बल्कि भारी श्रम,अच्छी सूझबूझ,ईमानदारी और व्यवहार कुशलता की जरूरत होती है।
  • (10.)अच्छा भविष्य बनाने के लिए युवक-युवतियों को खूब सोच-समझकर,अपनी क्षमता को आंककर,अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए और फिर समर्पित भाव से उस लक्ष्य की पूर्ति के लिए जुट जाना चाहिए।इस समय सुख-सुविधा का आकर्षण छोड़कर एक तरह से तपस्या का जीवन जीना चाहिए,संकल्प और साहस से काम लेकर भरपूर प्रयत्न करना चाहिए।याद रखें,भगवान भी उनकी ही सहायता करता है जो अपनी सहायता आप करते हैं।जैसा लक्ष्य हो वैसी तैयारी करें,वैसे पात्रता प्राप्त करें और आत्म-विश्वास का साथ कभी न छोड़ें।यह ऐसा चुंबक है जिसके आकर्षण से सफलता खुद ब खुद खींची चली जाती है।उत्थान का आधार है सही दिशा निर्धारण और सच्चा आचरण कर निरंतर प्रयत्न करते रहना।’चैरेवेति,चैरेवेति’ के अनुसार चलते रहें,चलते रहें तो एक दिन मंजिल पर अवश्य पहुंच जाएंगे।
  • (11.)एक अच्छे भविष्य के लिए आवश्यक होता है अच्छे चरित्र का होना और अच्छा चरित्र होने के लिए आवश्यक होता है आत्म-विश्वास,समय की कद्र करना, स्वास्थ्य रक्षा के प्रति सजगता,दुराचरण और मादक द्रव्यों से सख्त परहेज,सकारात्मक दृष्टिकोण आदि गुणों को धारण करना।भौतिक सुख भोगना बुरा नहीं पर इनमें अति करना और इनकी पूर्ति के लिए अन्यायपूर्ण मार्ग से धन कमाना बुरा होता है,बहुत ही बुरा होता है।हम वर्तमान काल में जैसा काम करेंगे,हमारा भविष्य भी वैसा ही निर्मित होगा।
  • (12.)जैसे शरीर को स्वस्थ रखने के तीन उपस्तम्भ होते हैं:आहार,निद्रा और ब्रह्मचर्य उसी प्रकार भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए भी तीन स्तंभों का होना जरूरी होता है:बल,बुद्धि और विद्या।यदि हम बचपन से इन स्तंभों को मजबूत बना लें और आजीवन इन्हें मजबूत बनाए रखें तो हमारा भविष्य निश्चित रूप से उज्ज्वल हो जाएगा।इन तीनों के बल पर हम सच्चरित्रता प्राप्त कर सकते हैं और उज्ज्वल भविष्य के लिए सच्चरित्रता मजबूत नींव का काम करती हैं।
  • (13.)मानव सृष्टि की सर्वश्रेष्ठ रचना है जिसे बुद्धि रूपी वरदान प्राप्त है।जरूरत इस बात की है कि युवक-युवतियां बचपन से ही भविष्य को बेहतर बनाने का सुदृढ़ संकल्प करें।इसके लिए अच्छी शिक्षा प्राप्त करना होता है क्योंकि जीवन को उन्नत और ऊपर चढ़ने के लिए शिक्षा पहले पायदान का काम करती है।अच्छी शिक्षा प्राप्त करें,जीवन का श्रेष्ठ लक्ष्य निर्धारित करें और अर्जुन की तरह एकाग्र होकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दिन-रात जुटे रहें।
  • (14.)पहले हमें यह विचार करना होगा कि अच्छे भविष्य से क्या तात्पर्य है? हमारा भविष्य अच्छा तभी हो सकता है जब देश में शांतिपूर्ण वातावरण हो,हर तरफ समृद्धि और खुशहाली हो,समाज में प्रेम और भाईचारे की भावना हो,हर युवक-युवती अपना श्रेष्ठ विकास कर समाज में अच्छा प्रतिष्ठापूर्ण स्थान पाए तथा सुखी व निरोगी जीवन जीकर इस मानव-जीवन को सद्कार्यों में लगाए।युवक-युवतियों का भविष्य तभी अच्छा रह पाएगा जब देश में खुशहाली व समृद्धि तथा समाज में शांति व परस्पर सहयोग की भावना रहेगी।सभी युवा अपने शारीरिक व मानसिक विकास के साथ देश और समाज के विकास में भी योगदान दें तभी उनका भविष्य अच्छा हो सकेगा।
  • (15.)सबसे पहले हमें सच्चे मन और संतुलित दिमाग से यह सोचना होगा कि वस्तुतः उज्ज्वल भविष्य है क्या? आज के परिप्रेक्ष्य में इसकी परिभाषा बिल्कुल बदल चुकी है और ‘किसी भी तरह से’ पैसा कमाना ही उज्ज्वल भविष्य का अर्थ बन गया है।इस मापदंड के अनुसार उक्त परिभाषा में ‘किसी भी तरह से’ वाक्यांश को अलग करना बहुत जरूरी है।हमें अर्थोपार्जन तो करना होगा लेकिन साफ,सुथरे और स्वच्छ ढंग से ताकि हमारा चरित्र अच्छा रहे क्योंकि अच्छे भविष्य के लिए अच्छे चरित्र का होना पहली शर्त है।इसके लिए हमें अपने लक्ष्य को,बिना किसी दबाव और प्रभाव के,निर्धारित कर उसे प्राप्त करने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी चाहिए।
  • (16.)अच्छा भविष्य बनाने से तात्पर्य है एक सम्मानजनक साधन संपन्न जीवन योग्य अच्छा करियर बनाना और इसके लिए अच्छी पढ़ाई करना,समय की कीमत करना,मन को एकाग्र रखकर कार्य करना,अपना सामान्य ज्ञान बढ़ाना,जो भी काम करना पूरी दक्षता और आत्म-विश्वास के साथ,उसके परिणाम को ध्यान में रखकर करना,सदा आशावादी एवं सकारात्मक दृष्टिकोण रखना और बुराइयों से बचकर रहना आदि बातों पर दृढ़ता से अमल करना निहायत जरूरी है।
    ऐसा अमल करके ही भविष्य को उज्ज्वल किया जा सकता है।
  • (17.)अच्छा भविष्य बनाने के लिए युवक-युवतियों को खूब सोच विचारकर जीवन का श्रेष्ठ लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए और उसे प्राप्त करने के लिए सुदृढ़ संकल्प के साथ समर्पित भाव से जुट जाना चाहिए।यही उम्र है जब भविष्य की सुदृढ़ नींव डाली जा सकती है।लक्ष्य को निर्धारित करते समय अपनी रुचि,योग्यता,सामर्थ्य और आवश्यकताओं पर विचार कर लें और इनकी वृद्धि करने के लिए सदैव प्रयासरत रहें हर उस प्रयत्न को करने में कसर बाकी ना छोड़ें जो आपके लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होता हो।लक्ष्य को चुनते समय अपने संस्कार,अपने विचार और अपने वातावरण को भी ध्यान में रखें फिर तकनीकी,कलात्मक,व्यावसायिक,शैक्षणिक,औद्योगिक आदि जिस क्षेत्र में जाना चाहें वहां की योग्यता प्राप्त करने के भरपूर प्रयास कर दें।अंत में,विजय आपकी ही होगी।
  • (18.)अच्छा भविष्य बनाने के लिए ऐसे सिद्धांत को अपनाना चाहिए जिससे अपने स्वयं के विकास के साथ ही समाज और राष्ट्र का विकास हो और हम मानवता की सेवा के लिए अपना योगदान दे सकें।पहले एक उत्तम लक्ष्य निर्धारित करें,फिर उसे प्राप्त करने की व्यावहारिक और तथ्यपरक योजना बनाएं,योजना पर अमल करने के लिए समय का सही समायोजन कर इसका भरपूर उपयोग करें और समय की कद्र करें।जब तक लक्ष्य को प्राप्त न कर लें तो उसका सदुपयोग करें,दुरूपयोग नहीं।
  • (19.)अच्छा भविष्य बनाने के लिए कड़ी मेहनत व दृढ़ निश्चय करना अत्यावश्यक है।एकाग्रता और विवेक से काम लें तथा अपने स्वास्थ्य की पूरी सुरक्षा करें।अच्छी शिक्षा व अच्छे संस्कार ग्रहण कर शीलवान बने क्योंकि शील से शिष्टाचार आता है,शिष्टाचार से अनुशासन,अनुशासन से कुशलता आती है और कुशलता से पुरुषार्थ और प्रारब्ध दोनों सिद्ध होते हैं।
  • (20.)अपना भविष्य कौन अच्छा बनाना नहीं चाहता पर सिर्फ चाहने से कुछ नहीं होता।अपने अंदर छिपे गुणों और संस्कारों को जान-समझकर जीवन के लक्ष्य को निर्धारित करें और उसे प्राप्त करने के लिए जीजान से जुट जाएं।सब फालतू बातों और कामों से बचते हुए,लक्ष्य प्राप्ति में सहायक कार्य ही करें।असफलता मिले तो निराश न हों,आलोचना की परवाह न करें और अपनी धुन में मस्त रहें।सफलता मिलना निश्चित है।
  • (21.)आज की पीढ़ी का भविष्य आज के जमाने के रंग-ढंग से प्रभावित होगा यह बात कुछ हद तक सही है। आज के युवा उपभोक्तावादी संस्कृति और मौज मजा करने की विचारधारा से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं जिससे वे माननीय गुणों,संस्कृति के मूल तत्त्वों और हमारी उत्तम सभ्यता से दूर हटते जा रहे हैं।इस नशे में वे किस दिशा में बढ़ रहे हैं।इसका उन्हें खुद ही होश नहीं है।समय रहते अपनी मंजिल निर्धारित कर सही मार्ग पर चलें तो ही अच्छा भविष्य बना सकेंगे।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में अच्छा भविष्य बनाने की 2 रणनीतियाँ (2 Strategies to Create Good Future),युवाओं के लिए अच्छा भविष्य बनाने की 2 रणनीतियाँ (2 Strategies to Create Good Future for Youth) के बारे में बताया गया है।

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3.ट्यूशन की रेट क्या है? (हास्य-व्यंग्य) (What is Rate of Tution?) (Humour-Satire):

  • राहुल (गणित शिक्षक से):आपके ट्यूशन की रेट क्या है?
  • गणित शिक्षक:₹3000।
  • राहुल:लेकिन कल तो आप 2000 ही मांग रहे थे।
  • गणित शिक्षक:रेट तो 2000 रुपये ही थी,पर कल ही महंगाई बढ़ने का सूचकांक जारी हुआ है।इसलिए अब रेट 3000 रुपये हो गई है।

4.अच्छा भविष्य बनाने की 2 रणनीतियाँ (Frequently Asked Questions Related to 2 Strategies to Create Good Future),युवाओं के लिए अच्छा भविष्य बनाने की 2 रणनीतियाँ (2 Strategies to Create Good Future for Youth) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.बच्चों के भविष्य निर्माण में माता-पिता योगदान क्यों नहीं देते हैं? (Why don’t parents contribute to building children’s future?):

उत्तर:कई माता-पिता सामाजिक कार्यों,क्लबों और अनेक संस्थाओं से जुड़े रहकर अपने शौक पूरे करने में व्यस्त रहते हैं।वे समाज और देश का तथाकथित कल्याण करने में व्यस्त रहते हैं और उनके बच्चों का दूसरे ढंग का कल्याण हो जाता है।

प्रश्न:2.अच्छे भविष्य पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। (Write a short note on the good future):

उत्तर:अच्छे भविष्य के लिए अच्छे विचार रखें,अच्छे काम करें और जो भी लक्ष्य निर्धारित करें उसे प्राप्त करने के लिए मन,वचन,कर्म से जुटे रहें।

प्रश्न:3.अर्थशास्त्र में धन कमाने की कौन-कौनसी श्रेणियाँ है? (What are the categories of earning money in economics?):

उत्तर:आवश्यकता (Necessity),सुविधा (Comfort) और विलास (Luxury) ये तीन श्रेणियां बताई गई है।जिसकी आवश्यकता की पूर्ति न हो सके वह दरिद्र है इसलिए अंग्रेजी में नेसेसिटी का एक अर्थ दरिद्रता भी होता है।हमें इतना धन तो अर्जित करना ही होगा कि हमारी मौलिक आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें और इतना धन प्राप्त करने के लिए बेईमानी करने और झूठ बोलने की कतई जरूरत नहीं पड़ती।दूसरा वर्ग सुविधा का कि हम अपनी आवश्यकताएं सुविधाओं के साथ पूरी करें इसके लिए थोड़ी बुद्धिमत्ता,सूझबूझ और विशेष परिश्रम करने की जरूरत होती है।तीसरा वर्ग विलास-वैभव यानी लग्जरीज वाला है और इसके विस्तार का कोई अंत नहीं है।यह प्रपंचपूर्ण मायाजाल है इसकी चकाचौंध से अंधा होकर इसके जाल में फंस जाता है वह इस चक्र के चक्कर में चकरघिन्नी की तरह घूमता रहता है और घनचक्कर बन जाता है।विवेक से काम लेकर यह निर्णय करें कि हमें कौनसा मार्ग चुनना चाहिए।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा अच्छा भविष्य बनाने की 2 रणनीतियाँ (2 Strategies to Create Good Future),युवाओं के लिए अच्छा भविष्य बनाने की 2 रणनीतियाँ (2 Strategies to Create Good Future for Youth) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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