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10 Tips to Become Popular for Youth

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1.युवाओं के लिए लोकप्रिय बनने की 10 टिप्स (10 Tips to Become Popular for Youth),लोकप्रिय बनना है तो लोकोपयोगी बनें (If You Want to Become Popular Then Become Public Utility):

  • युवाओं के लिए लोकप्रिय बनने की 10 टिप्स (10 Tips to Become Popular for Youth) आपके लिए उपयोगी है।लोकप्रिय होने की चाहत स्वाभाविक है।लोगों के बीच अपनी पहचान बने और बढ़े।लोग जानें,स्वीकारें,सम्मान दें।इस लालसा को बुरा नहीं कहा जा सकता,लेकिन जब यह लालसा दीवानगी बन जाए और अपनी सारी हदें पार करने लगे,तब यह सामयिक चिंतन की विषयवस्तु बन जाती है।एक ऐसे सवाल में बदल जाती है,जिसका हल ढूंढना हर विचारशील का दायित्व बन जाता है।
  • समस्या तब तक सीमित दायरे में है,जब तक केवल निजी जीवन को थोड़ा-बहुत प्रभावित करती है,तब तक इसे व्यक्तिगत मानकर व्यक्ति अथवा व्यक्तियों पर छोड़ा जा सकता है,पर जब स्थिति परिवर्तित होने लगे,यह हजारों नहीं,लाखों-करोड़ों को अपने में समेट ले,उनके जीवन,चिंतन,भावनाओं और संबंधों को प्रभावित करने लगे,तभी यह जनहित का मुद्दा बन जाता है।
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2.सोशल नेटवर्किंग के जरिए लोकप्रिय होना (Being Popular Through Social Networking):

  • एक दूसरे से बढ़-चढ़कर लोकप्रिय होने की कोशिश करना आज ऐसी ही समस्या है।इसके भिन्न-भिन्न पहलुओं पर विचार करना अब जरूरी हो गया है।अभिनेता,नेता,खिलाड़ी इसमें बढ़-चढ़कर शामिल हैं।बात यही तक सीमित हो तो ठीक है।नौकरी पेशा,शिक्षक,विद्यार्थी,कामकाजी और घरेलू महिलाएं,छोटी कक्षाओं के छात्र-छात्राएं भी इस भागमभाग में तेजी से शामिल हो रहे हैं।
    अपनी पहचान बनाने के लिए,एक दूसरे से ज्यादा लोकप्रिय होने के लिए,मनचाही हरकतें और विचित्र,विलक्षण हथकंडे अपनाने लगे हैं।डिजाइनर कपड़े,फैशनपरस्ती,अनाप-शनाप खर्च तक यह बात सिमटी नहीं रही।सोशल नेटवर्किंग साइट्स अब इसका एक बड़ा साधन और हथियार बन गई है।
  • सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट की संख्या आज के समय में 200 से भी ज्यादा है।वर्तमान दौर में इनकी उपयोगिता से इनकार नहीं किया जा सकता।आज का जमाना टेक्नोलॉजी का है।इस जमाने में नेटवर्किंग टूल्स का इस्तेमाल जरूरी हो गया है।फिर चाहे वह अध्ययन-शोध से जुड़ा मैटर हो या फिर बिजनेस से,पर यह इस्तेमाल जरूरी हो तो कोई बात नहीं,पर जब यह आदत में शुमार हो,नशा बन जाए तो बात नुकसानदेह और चिंताजनक हो जाती है।
  • आज हालात यहां तक आ पहुंचे हैं।जरूरी जानकारियों का आदान-प्रदान,अच्छे विचारों को फैलाने की कोशिश सराहनीय है।क्रांति चाहे मिश्र की हो या अन्ना हजारे का आंदोलन हो,बात ट्यूनीशिया के चुनाव की हो या गद्दाफी की खिलाफत हो,यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की हो या हमास द्वारा इजराइल पर आतंकवादी हमले की हो,हर मुद्दे पर आमजन के विद्रोह के स्वर को मुखरित करने में इन साइट्स का यादगार योगदान रहा है।
  • बात विचारों के आदान-प्रदान की विचारशीलता के दायरे में हो तो उसे सराहा जाना ठीक है,लेकिन जब ज्यादा से ज्यादा लोकप्रिय होने के लिए छोटी-छोटी बातें शेयर की जाने लगें,तो निजता स्वतः समाप्त हो जाती है।
  • युवाओं में तो अधिक से अधिक लोकप्रिय होने की चाहत एक बीमारी की तरह फैल गई है।ज्यादातर युवा लैपटॉप और मोबाइल के माध्यम से हरवक्त ऑनलाइन ही मिलते हैं।न शेयर करने वाली फोटो और वीडियो फेसबुक पर शेयर कर औरों से ज्यादा लोकप्रिय होने का दावा करते हैं।
  • लोकप्रिय होने की यह बीमारी पढ़ने-लिखने वाले छात्र-छात्राओं के अलावा कामकाजी पुरुषों व महिलाओं में भी फैल चुकी है।जिसकी वजह से न वे ऑफिस के रह पा रहे हैं और न घर-परिवार के।ऑफिस में उनका काम-काज प्रभावित होता है और घर में परिवार का माहौल बिगड़ने से कलह होती रहती है।
  • लोकप्रियता बढ़ाने का आज सबसे बड़ा साधन बनने वाली सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स यों तो 200 से ज्यादा हैं,पर इनमें पन्द्रह ऐसी हैं,जिनका जादू भरा नशा करोड़ों के सिर पर चढ़कर बोल रहा है।
  • (1.)फेसबुक (2.)ट्विटर (3.)लिंक्ड इन (4.)वी के (5.)पिंटरेस्ट (6.)गूगल प्लस (7.)लाइव जर्नल (8.)बाडो (9.)डेविएन्ट आर्ट (10.)माई स्पेस (11.)टैन्ड (12.)जिंग (13.)ओरकुट (14.)हाई फाइव (15.)कैफे मैन।
  • इनमें से अकेली फेसबुक की चर्चा करें तो यह दुनिया की सबसे व्यस्त दूसरी वेबसाइट है,पहली गूगल है।जबकि सोशल नेटवर्क की यह संसार की पहली सबसे व्यस्त वेबसाइट है।हर महीने 7 अरब मिनट से भी अधिक लोग इसमें बिताते हैं।
  • करोड़ों लोगों के करोड़ों घंटों का समय इन सबमें बस,केवल मनोरंजन भरी लोकप्रियता हासिल करने के लिए बर्बाद होता रहता है।इतने सारे लोगों का समय,श्रम,प्रतिभा,क्षमता यों ही बिना किसी सकारात्मक उपयोग के यों ही बर्बाद चली जाती है।
  • लोकप्रिय बनना है तो लोकोपयोगी बनिए।सच्ची लोकप्रियता गुणी और पुरुषार्थियों को ही हासिल होती है।इसे यों भी कहा जा सकता है कि लोकोपयोगी होने का सहज परिणाम लोकप्रियता के रूप में सामने आता है।इस दृष्टि से लोकप्रिय होने की आकांक्षा का हम आदर करते हैं,पर तभी; जबकि इसे हासिल करने के लिए निरंतर व अनवरत अपनी लोकप्रियता सिद्ध की जाती रहे।इस संदर्भ में कुछ अपनाए जाने योग्य सूत्र निम्न है:

(1.)स्वच्छ और स्वस्थ रहें (Stay Clean and Healthy):

  • लोकप्रिय बनने के लिए स्वच्छ और स्वस्थ रहना प्रथम आधार है।बीमार रहने व दीखने वाले,मैले-कुचैले,अस्त-व्यस्त रहने वाले लोग कभी भी लोकप्रिय नहीं हो सकते।इसलिए लोकप्रिय बनने के लिए पहली व्यवस्था यह जुटानी चाहिए कि अपनी स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए सजग रहें।यही बात जब आपसे दूसरे सीखेंगे तो स्वयं की उपयोगिता भी सिद्ध हो जाएगी।
  • बीमार,गंदा रहने वाले व्यक्ति या युवाओं से सभी लोग दूर भागते हैं,उनसे निकट का संबंध नहीं रखना चाहते हैं तथा ना कोई उनसे मेलजोल रखना चाहता है।ऐसी स्थिति में ऐसे व्यक्ति लोकप्रिय हो ही नहीं सकता है।सभी चुस्त-दुरुस्त और स्वस्थ व्यक्ति से मेल-जोल बढ़ाना चाहते हैं।

(2.)व्यवहार कुशल बनें (Be Tactful):

  • इसके लिए सबसे पहले सजग,चैतन्य व प्रसन्न रहना पड़ेगा।प्रसन्नता भरी हलकी मुसकान के साथ लोगों से व्यवहार करना सीखें।इसके लिए उदार व सहनशील बनें।कड़ुवाहट का भी उत्तर मिठास भरा हो।लोग आपके व्यवहार से सहज ही अपनापन महसूस करेंगे।
  • बातचीत व व्यवहार करना एक बहुत बड़ी कला है।इसलिए इसे सीखना चाहिए।व्यर्थ की बातें नहीं करना चाहिए।दूसरों को क्या सुनना पसंद है,उनकी उत्सुकता किसमें है,यह सब समझकर ही बोलना चाहिए।दूसरों की बात भी धैर्यपूर्वक सुननी चाहिए।अपनी ही बात कहते रहने वाले लोगों की बातों पर अन्य व्यक्ति विशेष ध्यान नहीं देते हैं।इसलिए दूसरों की बातों का भी सम्मान करना चाहिए।

(3.)संवेदनशील बनें (Be Sensitive):

  • औरों के दुःख-दर्द को महसूस करना सीखें।अपनी कहने के साथ औरों को भी सुनें।दूसरों की समस्याओं और कष्टों की अनुभूति करना सीखें।
  • संवेदनशील व्यक्ति दूसरों के दुःख में दुखी एवं सुख में सुखी होता है।ऐसा व्यक्ति औरों के दुःख के निवारण की राह खोजता है।वह कष्टों के निराकरण का उपाय ढूंढता है और पीड़ा निवारण में स्वयं को खपा देता है।संवेदनशीलता की पराकाष्ठा व्यक्ति के अंदर करुणा एवं भक्ति को जन्म देती है।
  • संवेदनशील व्यक्ति कठोर नहीं हो सकता और वह किसी का शोषण नहीं करता।वह डरपोक एवं निकम्मा नहीं हो सकता।ऐसा व्यक्ति बेहद ईमानदार एवं अत्यंत जिम्मेदार होगा।

(4.)अपनी योग्यता एवं क्षमता का निरंतर विकास करें (Continuously Develop Your Abilities and Capabilities):

  • अपनी योग्यता,प्रतिभा व क्षमता निरंतर विकसित करते रहें।ध्यान रहे की योग्य,क्षमतावान एवं प्रतिभाशाली व्यक्ति ही औरों के लिए सहयोगी एवं उपयोगी बनते हैं और उन्हें ही लोकप्रियता मिलती है।
  • यहाँ संसार में चमत्कार को ही नमस्कार करते हैं।चमत्कार घटित होता है अपनी योग्यता,प्रतिभा व क्षमता को बेहतर करने,विकसित करने से।जितना अधिक हम अपनी योग्यता,प्रतिभा व क्षमता को बढ़ाते जाएंगे उतने ही अधिक लोगों के लिए उपयोगी रहेंगे।बढ़ी हुई योग्यता,प्रतिभा व क्षमता का उपयोग दूसरों के कष्ट दूर करने व समस्याओं का समाधान करते रहना इनका सदुपयोग है।ध्यान रहे अपनी योग्यता,प्रतिभा व क्षमता का उपयोग दूसरों को सताने,कष्ट देने में कर सकते हैं,ऐसा व्यक्ति कुख्यात होता है विख्यात नहीं।

(5.)विचारशील बनें (Be Thoughtful):

  • विचारशीलता का यदि बहुआयामी विकास हो तो औरों को मार्गदर्शन दिया जा सकना संभव है।दुनिया में सच्चे हितैषी,हमदर्द व मार्गदर्शक नहीं मिलते।अपनी विचारशीलता और संवेदनशीलता के सहारे इस कमी को पूरा करें।
  • विचार के अनुसार कर्म और कर्मों से ही संस्कार बनते हैं तथा संस्कारो के अनुसार ही कोई व्यक्ति व्यवहार करता है।यदि विचार बुरे हैं तो व्यक्ति दुष्कर्म करता है और वह अपयश का भागी होता है।जबकि विचार उत्कृष्ट,श्रेष्ठ हों तो वह व्यक्ति न केवल खुद का भला करता है बल्कि औरों का भला करता है,पीड़ाओं का निवारण करता है।अतः हमेशा मन में सद्विचारों को ही कंपनी दें और उनके अनुसार ही आचरण करें।

(6.)प्रामाणिकता सिद्ध करें (Prove Authenticity):

  • वचन का पालन,समय की पाबंदी,ईमानदारी व सच्चाई का व्यवहार,लेन-देन की सफाई,नारियों का सम्मान व उनके प्रति आदरभाव,लोक मर्यादाओं का पालन,गोपनीयता की रक्षा,चुगली,निंदा व ईर्ष्या से अरुचि व्यक्तित्व को सदा ही प्रामाणिक बनाए रखते हैं।
  • अपने कर्त्तव्यों का पालन निष्काम भाव से करते रहने वाले लोकोपयोगी बनते चले जाते हैं और साथ ही लोकप्रिय होते चले जाते हैं।ऐसे व्यक्ति लोभ-लालच में नहीं फँसते हैं।

(7.)सदैव लोकोपयोगी बने रहें (Always Be a Public Utility):

  • लोग आमतौर पर उसकी ओर आकर्षित होते हैं,जिससे कुछ आशा होती है,प्रसन्नता मिलती है।जो भी आपके पास आए अथवा जिसके पास आप जाएं,अपनी प्रतिभा व योग्यता से उसका हित अवश्य करें।साथ ही आपके पास का वातावरण प्रसन्नता से परिपूर्ण रहे।
  • हमारे व्यक्तित्व में ओर ऐसे अनेक गुण यदि बने रहेंगे,विकसित होते रहेंगे तो हमें सहज ही लोकप्रियता मिलती रहेगी और तब सोशल नेटवर्किंग साइट्स का भी बेहतर उपयोग बन पड़ेगा।
  • यह और इसके अलावा अन्य सभी साधन हमारे हाथों में आकर अपनी लोकहितकारी उपयोगिता सिद्ध करते रहेंगे और बदले में देंगे निरंतर बहने वाली लोकप्रियता,वह भी बिना किसी हल्के या ओछे प्रयास के।

3.गैजेट्स का बच्चों को आदी न बनाएं (Do Not Make Children Addicted to Gadgets):

  • आजकल के युवा व छात्र-छात्राएं मोबाइल से चिपके रहते हैं।कुछ समझाओ तो समझना नहीं चाहते।बात सिर्फ मोबाइल की नहीं,बच्चों के स्क्रीन टाइम की है,जो बढ़ता है।लेकिन अभिभावकों को यह बात समझनी होगी कि मोबाइल या किसी भी गैजेट से बच्चों की दूरी बनाना मुश्किल नहीं है।
  • माता-पिता बच्चों का स्क्रीन टाइम तय कर दें।आधे घंटे से ज्यादा मोबाइल आदि उपयोग में न लेने दें।उन्हें इसके दुष्परिणामों के बारे में घटनाओं का उदाहरण देकर समझाएं।उन्हें घर के काम करने के लिए दें।जैसे उनका कमरा है,तो उसे व्यवस्थित करने के लिए कहें।उसे प्रतियोगिता जैसा बनाएं।कहें देखते हैं माता-पिता या आप में से कौन काम पहले पूरा करता है।इससे उनका मन काम में लगेगा।
  • छोटे-छोटे काम में बच्चों की मदद लें।कुछ नियम बनाएं। जैसे खाना खाते समय न टीवी,न मोबाइल और न लैपटॉप।इसके अलावा घर में कोई सामाजिक कार्यक्रम हो तो उस समय भी मोबाइल बच्चों के हाथ में नहीं होना चाहिए।
  • बच्चों के इमोशनल ड्रामे पर गौर ना करें।होता यह है कि बच्चों के रोने पर माता-पिता पिघल जाते हैं और उनकी जिद पूरी कर देते हैं।यह बात कतई न कहें कि चलो थोड़ी देर ओर देख लो मोबाइल या टीवी।ध्यान रखें जिस समय बच्चा पूरी तरह मोबाइल में डूबा हो,उसे सीधे मना ना करें।उस वक्त उसकी रुचि का काम करने के लिए उसे दीजिए।इसके अलावा बच्चों के साथ घर में और बाहर खेलें।आपके साथ से उन्हें भावनात्मक सपोर्ट मिलेगा।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में युवाओं के लिए लोकप्रिय बनने की 10 टिप्स (10 Tips to Become Popular for Youth),लोकप्रिय बनना है तो लोकोपयोगी बनें (If You Want to Become Popular Then Become Public Utility) के बारे में बताया गया है।

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4.गणित के नोट्स (हास्य-व्यंग्य) (Mathematics Notes) (Humour-Satire):

  • पिता (बेटे से):तुम अपने मित्र के लिए गणित के नोट्स बना रहे हो,पर तुम्हें ठीक से नोट्स बनाना भी नहीं आता।
  • बेटा:मेरे मित्र को भी कौनसा गणित के नोट्स पढ़ना आता है,वह भी फिसड्डी है।

5.युवाओं के लिए लोकप्रिय बनने की 10 टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 10 Tips to Become Popular for Youth),लोकप्रिय बनना है तो लोकोपयोगी बनें (If You Want to Become Popular Then Become Public Utility) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

  • सोशल मीडिया,सोशल साइट्स पर युवाओं का अधिकांश समय व्यतीत होता है।ऐसे में वे किसी फ्रॉड के शिकार भी हो जाते हैं।यदि कुछ बातों का ध्यान रखें तो वे इससे बच सकते हैं।

प्रश्न:1.डीप फेक क्या है और इसका कैसे दुरुपयोग हो रहा है? (What is Deep Fake and How is It Being Misused?):

उत्तर:डीप फेक एआइ यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित एक ऐसी तकनीक है जिसमें मशीन लर्निंग के इस्तेमाल से रियल दिखने वाले फेक वीडियो और ऑडियो तैयार किए जा सकते हैं।साधारण शब्दों में यह तकनीक का दुरुपयोग है जिसे क्रिमिनल या साइबर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करने लगे हैं।इससे सतर्क रहने की जरूरत है।शायद आपको लगे कि यह किसी नए तरह का अपराध है।मगर वास्तव में यह काफी लंबे समय से हो रहा है।मोटे तौर पर पिछले 7 से 8 साल पहले से दुनियाभर में इस तरह के अपराध सामने आते रहे हैं लेकिन आज के दौर में सोशल मीडिया कनेक्टिविटी के कारण अब इस तरह की खबरें आम जनता तक तेजी से फैल जाती हैं, जिसकी वजह से साइबर अपराध का ये तरीका चर्चा का विषय बन चुका है।

प्रश्न:2.डीप फेक से अपराध कैसे किए जाते हैं? (How are Crimes Committed by Deep Fakes?):

उत्तर:इसके माध्यम से भ्रामक जानकारी तैयार की जाती है,जो दिखने में साधारण वीडियो की तरह नजर आती है।मगर वह एडिटेड वीडियो होता है।उसमें एडिटिंग इस हद तक की जाती है कि आम इंसान उसे ही ओरिजिनल मान लेता है।यहां तक कि इसमें जो सॉफ्टवेयर और तकनीक इस्तेमाल की जाती है उनमें भी इन फेक वीडियोज को इतनी बार फिल्टर किया जाता है कि खुद सॉफ्टवेयर भी फेक वीडियो को पहचान नहीं पाता है।फाइनल टेस्ट में भी उसे ओरिजिनल ही मान लिया जाता है।इसके माध्यम से फेक न्यूज़ बड़े पैमाने पर फैलाई जाती है।सोशल मीडिया में हालांकि इन्हें डिटेक्ट करने के लिए सुरक्षा फिल्टर लग रहे होते हैं।फिर भी बड़ी मात्रा में इस तरह के कंटेंट को इंटरनेट पर अपलोड और वायरल किया जा रहा है।मानहानि या बदनाम करना भी एक मुख्य तरीका है जिसमें सेक्सटॉर्शन यानी अश्लील कंटेंट बनाकर वायरल करने की धमकी देकर पैसे वसूलना भी शामिल है।सोशल मीडिया पर मीम्स साझा करना,ट्रोल करना आदि नकारात्मक गतिविधियों को अपराधी अंजाम देते हैं।

प्रश्न:3.डीप फेक से कैसे सुरक्षित रह सकते हैं? (How Can You Stay Safe From Deep Fakes?):

उत्तर:अनजान लोगों,सोशल मीडिया,व्हाट्सएप ग्रुप आदि में अपनी एवं परिजनों की तस्वीर साझा करने से बचें।अपना सोशल मीडिया अकाउंट लॉक (प्राइवेट अकाउंट) रखें।अनजान लोगों को या फेक आईडी को सोशल मीडिया पर जोड़ने से बचें।जिन अकाउंट पर कोई सामान्य गतिविधि या संबंधित जानकारी न दिखे,उन्हें अनफ्रेंड कर दें।किसी अन्य व्यक्ति या परिचित का ऐसा कोई कंटेंट आपको प्राप्त हो तो उसे एकदम से सही ना मानें।उस व्यक्ति को सूचित करें एवं गोपनीयता बनाएं रखते हुए कानूनी सहायता लें,पुलिस में शिकायत करें।यदि कोई इस अपराध का शिकार होता है तो उनसे असामान्य व्यवहार न करें।न ही उन्हें समाज से अलग-थलग करें।ऐसे समय में उस व्यक्ति को आपके सहयोग और आत्मीयता की आवश्यकता होती है।उनका साथ दें एवं बाकी सभी को भी सकारात्मक व्यवहार रखने के लिए कहें।अनजान व्यक्ति यदि आपको इस तरह का कोई कंटेंट भेजकर डराने-धमकाने का प्रयास करे तो घबराएं नहीं,अपने परिवार को सूचित करें।बेहतर गाइडेंस एवं सुरक्षा के लिए साइबर एक्सपर्ट से संपर्क करें।एविडेंस संभालकर रखें।फिरौती में मांगी गई रकम न भेजें।ऑनलाइन शिकायत www.cybercrime.gov.in पर कर सकते हैं।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा युवाओं के लिए लोकप्रिय बनने की 10 टिप्स (10 Tips to Become Popular for Youth),लोकप्रिय बनना है तो लोकोपयोगी बनें (If You Want to Become Popular Then Become Public Utility) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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